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ICC World Cup: एक ओवर थ्रो, मैच टाई, सुपरओवर भी टाई... बाउंड्री काउंट से हुआ चैंपियन का फैसला... 2019 वर्ल्ड कप फाइनल के बाद बदलना पड़ा था ICC को नियम

ICC World Cup 2019 Final: क्रिकेट वर्ल्ड 2019 का फाइनल मुकाबला इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था. ये मैच टाई हो गया था. उसके बाद सुपर ओवर भी टाई हो गया था. जिसके बाद बाउंड्री काउंट नियम के मुताबिक विजेता का ऐलान किया गया था. जब इस नियम की आलोचना होने लगी तो आईसीसी ने नियम में बदलाव किया.

क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 के फाइनल में इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को हराया था (Photo/Twitter) क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 के फाइनल में इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को हराया था (Photo/Twitter)

क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 भारत में खेला जा रहा है. पहला मुकाबला डिफेंडिंग चैंपियन इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा. इन दोनों टीमों के बीच ही साल 2019 वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला खेला गया था. पहली बार इंग्लैंड की टीम वर्ल्ड चैंपियन बनी थी. उस फाइनल में कुछ ऐसा हुआ था, जिसको लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया था. दुनियाभर में उस नियम की आलोचना हुई थी. जिसके बाद आईसीसी को वो नियम बदलना पड़ा. चलिए उस ऐतिहासिक फाइनल मुकाबले का किस्सा बताते हैं.

टाई हो गया था फाइनल मुकाबला-
साल 2019 में 14 जुलाई न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला खेला गया था. न्यूजीलैंड की टीम को पहले बल्लेबाजी का मौका मिला. टीम ने 50 ओवर के मैच में 8 विकेट खोकर 241 रन बनाए थे. न्यूजीलैंड की तरफ से हेनरी निकोलस ने 55 और टॉम लाथम ने 47 रनों की पारी खेली थी. 242 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की टीम के 4 विकेट सिर्फ 86 रन के स्कोर पर गिर गए थे. लेकिन बेन स्टोक्स के 84 रन और जोस बटलर के 59 रनों की बदौलत इंग्लैंड जीत की दहलीज तक पहुंच गया था. लेकिन न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने ऐसा करने से रोक दिया. इंग्लैंड की पूरी टीम सिर्फ 241 रन ही बना पाई. इस तरह से ये मैच टाई हो गया था.

आखिरी ओवर में 3 गेंदों पर थी 9 रनों की जरूरत-
फाइनल मुकाबला का आखिरी रोमांचक रहा. आखिरी ओवर की 3 गेंदों पर इंग्लैंड को जीतने के लिए 9 रनों की जरूरत थी. बेन स्टोक्स स्टराइक पर थे. ट्रेंट बोल्ट के हाथों में बॉलिंग की कमान थी. ओवर की चौथी गेंद ट्रेंट ने स्टोक्स को फुल टॉस फेंकी. बेन स्टोक्स ने गेंद को डीप मिडविकेट की तरफ खेला और 2 रन के लिए भागे. इस बीच मार्टिन गुप्टिल ने स्ट्राइकर एंड पर थ्रो फेंका. गेंद बेन स्टोक्स के बैट से टकराकर ओवरथ्रो के लिए बाउंड्री के बाहर चली गई. इस तरह से इस गेंद पर इंग्लैंड को 6 रन मिल गए और मैच का रुख बदल गया. इसके बाद मैच इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने किसी तरह से स्कोर 241 रन तक पहुंचाया. इस तरह से मैच टाई हो गया.

सुपर ओवर भी हो गया था टाई-
मैच टाई होने के बाद विजेता का फैसला सुपर ओवर से होना था. इसके लिए दोनों टीमें तैयार थीं. पहले इंग्लैंड की तरफ से बेन स्टोक्स और जोस बटलर क्रीज पर उतरे. न्यूजीलैंड की तरफ से ट्रेंट बोल्ड ने गेंदबाजी की कमान संभाली. इंग्लैंड ने सुपर ओवर में 15 रन बनाए. इसमें 2 चौके शामिल रहे. अब बारी न्यूजीलैंड की थी. न्यूजीलैंड के जिम्मी नीशम और मार्टिन गुप्टिल ने मोर्चा संभाला. जबकि इंग्लैंड ने गेंद जोफ्रा आर्चर को सौंपी. आर्चर ने पहली गेंद वाइड फेंकी थी. इसके बाद जब आर्चर ने गेंद फेंकी तो नीशम ने छक्का जड़ दिया. आखिरी गेंद पर न्यूजीलैंड को जीत के लिए 2 रनों की जरूरत थी. लेकिन गुप्टिल रन आउट हो गए.

बाउंड्री काउंट से विजेता बना इंग्लैंड-
सुपर ओवर में दोनों टीमों ने 15-15 रन बनाए. इस तरह से सुपर ओवर भी टाई हो गया. इसके बाद बाउंड्री काउंट से मैच के विजेता का फैसला किया गया. न्यूजीलैंड की तरफ से 2 छक्के और 14 चौके लगाए गए थे. जबकि इंग्लैंड ने 2 छक्के और 22 चौके जड़े थे. इस तरह से इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया. इंग्लैंड की टीम पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनी थी.

ICC को बदलना पड़ा था बाउंड्री नियम-
इस तरह से इंग्लैंड के वर्ल्ड चैंपियन बनने पर दुनियाभर में इसकी आलोचना होने लगी. आईसीसी पर बाउंड्री काउंट के आधार पर हार-जीत के नियम को बदलने का दबाव बढ़ने लगा. इसके बाद आईसीसी ने नियम में बदलाव किया. नए नियम के मुताबिक अगर मैच ड्रॉ हो जाता है तो इसके बाद सुपर ओवर के तहत मैच के हार-जीत का फैसला होगा. सुपर ओवर तब तक होगा, जब तक नतीजा ना निकल जाए.

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