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India vs Pakistan: मियांदाद के घर रात 3 बजे तक पार्टी, मोरे के नाम पर बेटी का नाम, बुमराह के बेटे को गिफ्ट... भारत-पाक खिलाड़ियों की दोस्ती के किस्से

World Cup 1992 में भारत-पाकिस्तान मैच में किरण मोरे और जावेद मियांदाद के बीच नोकझोंक की घटना फैंस को आज भी याद है. लेकिन ये घटना दोनों देशों के खिलाड़ियों के रिश्तों का सच नहीं है. किरण मोरे और जावेद मियांदाद आज भी दोस्त हैं. दोनों दिवाली और ईद पर एक-दूसरे को बधाई देते हैं. पाकिस्तान के एक खिलाड़ी ने तो किरण मोरे के नाम पर अपनी बेटी का नाम रखा है.

क्रिकेट के मैदान पर भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला भी युद्ध जैसे माहौल में खेला जाता है. खिलाड़ियों की आपसी कहासुनी, बहस को दोनों देशों के रिश्तों के तौर पर पेश किया जाता है. लेकिन ये सच नहीं है. खेल के मैदान के बाहर खिलाड़ियों का रिश्ता अलग होता है. कई बार मैदान पर हमने भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों के बीच कहासुनी या बहस देखी होगी. लेकिन मैच के बाद ये खिलाड़ी आपस में मिलकर बैठकर बात करते हैं, एक दूसरे का हालचाल लेते हैं. वर्ल्ड कप 1992 में  भारत-पाक मैच के दौरान जावेद मियांदाद ने भारतीय खिलाड़ी का मजाक उड़ाया था. उनकी नकल करके उछल-कूद की थी. आज भी फैंस उस घटना को याद करते हैं. लेकिन आप जानते हैं कि मैदान के बाहर जावेद मियांदाद और किरण मोरे अच्छे दोस्त हैं. भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों की दोस्ती के कई किस्से फेमस हैं. चलिए आपको कुछ ऐसे ही किस्से बताते हैं.

साल 1992 की घटना पर हंसते हैं मोरे और मियांदाद-
वर्ल्ड कप 1992 में सिडनी में भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला खेला गया था. इस मैच के दौरान जावेद मियांदाद ने किरण मोरे का मजाक उड़ाया था. मियांदाद ने मोरे की तरह उछल-कूद की नकल की थी. इस घटना को याद करके दोनों खिलाड़ी अब हंसते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जावेद मियांदाद का कहना है कि वो तो चलता रहता है. प्यार था. दोस्ती थी. जो कुछ भी होता है, वो मैदान तक ही रहता है. शाम को हम एक-दूसरे के साथ बैठते हैं और इसको लेकर मजाक करते हैं और एक-दूसरे की खिंचाई करते हैं. एक दिन दुनिया दोनों देशों के बीच के प्यार को समझेगी. उनका कहना है कि लोग क्रिकेट से बहुत गलत चीजें ले रहे हैं. आपको बता दें कि जावेद मियांदाद का परिवार विभाजन के बाद कराची गया था. उनके पिता गुजरात के पालनपुर के नवाब के घर पर काम करते थे.

लाहौर में मियांदाद के घर पर 3 बजे तक पार्टी-
वर्ल्ड कप में मोरे-मियांदाद के बीच की घटना को बार-बार याद दिलाया जाता है. लेकिन उन दोनों के संबंधों को शायद ही याद किया जाता है. लाहौर में मियांदाद ने अपने घर पर किरण मोरे के लिए पार्टी आयोजित की. इसमें किरण मोरे के साथ दिलीप वेंगसरकर और विश्वनाथ भी शामिल हुए. ये भारतीय खिलाड़ी मियांदाद के घर पर सुबह 3 बजे तक रहे. भारतीय खिलाड़ियों ने जावेद मियांदाद के खाने और कहानियों की तारीफ की. जावेद मियांदाद, जहीर अब्बास आज भी दिवाली पर इन भारतीय खिलाड़ियों को फोन करते हैं और ईद पर ये अपने पाकिस्तानी दोस्तों को फोन पर बधाई देते हैं.

भारत-पाक खिलाड़ियों की फैमिली की शॉपिंग-
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जावेद मियांदाद ने याद किया कि जब पाकिस्तान टीम का भारत दौरा होता था तो हमारे परिवार एक साथ होते थे. दिन जब हम मैच खेल रहे होते थे, तब वेंगसरकर की पत्नी मेरी पत्नी को लेकर शॉपिंग के लिए बाहर जाती थीं. उस दौरान किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती थी.

मियांदाद ने याद किया आखिरी वर्ल्ड कप-
पाकिस्तान के दिग्गज खिलाड़ी जावेद मियांदाद ने अपना आखिरी वर्ल्ड कप भारत में खेला था. वो उन पलों को याद करते हैं. उनका कहना है कि उस समय खेल की ये स्थिति नहीं थी. फैंस भी इस तरह की डिमांड नहीं करते थे, वे क्षमाशील थे. आजकल हर कोई सिर्फ हार और जीत की सोचता है. दो टीमें खेल रही हैं, एक को जीतना है, दूसरे को हारना है. जो अच्छा खेलता है, जीतने का हकदार है. वो कहते हैं कि ये एक दिन का वर्ल्ड कप है, लेकिन क्रिकेट एक दिन का नहीं है. जब तक जिंदगी है, तब तक वो है.

कायम है भारत-पाक खिलाड़ियों में दोस्ती-
दोनों देशों के खिलाड़ी आज भी इस दोस्ती को जारी रखे हुए हैं. इसका नजारा एशिया कप में भी देखने को मिला. जहां विराट कोहली और हारिस रऊफ गले लगे. जबकि शाहीन अफरीदी ने जसप्रीत बुमराह के नवजात बच्चे के लिए गिफ्ट दिए. जावेद मियांदाद इस बात की सराहना करते हैं. उनका कहना है कि ये खिलाड़ी भारत-पाक क्रिकेटर्स की दोस्ती को बनाए रखा है. मियांदाद ने विराट कोहली और अफरीदी को बधाई भी दी. उनका कहना है कि ये हमेशा से चला आ रहा है. लेकिन पहले और अब में एक अंतर आ गया है. अब सोशल मीडिया है. जबकि पहले हमारी दोस्ती ऑफ फील्ड होती थी, जिसे कोई पहचानता नहीं था.

जब पाक खिलाड़ियों ने खेली थी होली-
किरण मोरे ने बैंगलोर में एक टेस्ट मैच की घटना को याद किया, जब दोनों टीमों ने मिलकर होली खेली थी. उनका कहना है कि हमने होली खेली और अलगे दिन मैदान पर थे और दोनों तरफ के खिलाड़ियों में प्रतिस्पर्धा थी. अगर आज ऐसा हुआ होता तो पूरा मीडिया वहां पहुंच जाता और अपने प्रतिद्वंदियों के साथ दोस्ती वाला व्यवहार करने के हमसे सवाल पूछता.

मोरे के नाम पर अब्दुल रकीब ने रखा बेटी का नाम-
टीम इंडिया के लिए खेलने से पहले से किरण मोरे की दोस्ती पाकिस्तान के एक क्रिकेटर अब्दुल रकीब से थी. दोनों की मुलाकात इंग्लैंड में लीग क्रिकेट खेलने के दौरान हुई थी. मोरे याद करते हैं कि वह मुझसे सीनियर थे और मेरा ख्याल रखते थे. बाद में वो पाकिस्तान के लिए खेले और हम अच्छे दोस्त बने गए. मोरे बताते हैं कि उनकी दोस्ती आज भी है. किरण मोरे बताते हैं कि अब्दुल रकीब ने अपनी बेटी का नाम मेरे नाम पर रखा है. लड़ी बड़ी हो गई है. अक्सर फोन करती है. बाद में अब्दुल हबीब बैंक के उपाध्यक्ष बन गए. वो सलेक्टर और मैनेजर भी थे. वो हमेशा मेरे संपर्क में रहते हैं और मेरी मां के बारे में पूछते हैं. किरण मोरे बताते हैं कि साल 2004 में मैं पाकिस्तान गया था तो उन्होंने मेरी मेजबानी की थी.

प्रभाकर ने सरफराज ने सीखी रिवर्स-स्विंग गेंदबाजी-
किरण मोरे साल 1989 के दौरान एक भव्य पार्टी की याद ताजा करते हैं. किरण मोरे बताते हैं कि उस पार्टी में कई पूर्व क्रिकेटर भी शामिल थे. वो एक ऐसी शाम थी, जब मनोज प्रभाकर ने रिवर्स-स्विंग गेंदबाजी करना सीखी थी. किरण मोरे याद करते हैं कि सरफराज नवाज भी पार्टी में थी. प्रभाकर ने उनको चाबी दिया. हमारे मैनेजर चंदू बोर्डे भी वहां थे. उन्होंने सरफराज को ऑस्ट्रेलियाई सीरीज के विकेटों को याद दिलाया और कहा कि पाजी, गेंद कैसे बनाते हैं? मोरे कहते हैं कि अगले दिन नेट्स पर प्रभाकर गेंद स्विंग करा रहे थे.

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