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Ind vs Aus Pink-ball Test: दिशाहीन गेंदबाजी से लेकर खराब फील्ड प्लानिंग ने किया बंटाधार... Adelaide में भारत की शर्मनाक हार के ये थे तीन कारण

ऑस्ट्रेलिया ने भारत को एडिलेड में 10 विकेट से रौंदकर शायद जोरदार वापसी की है. पर्थ में 295 रन की जीत हासिल करने वाली भारतीय टीम किन गलतियों से एडिलेड में पिछड़ी, आइए डालते हैं एक नजर.

Rohit Sharma Rohit Sharma

पर्थ स्टेडियम में खेले गए पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को 295 रन से धूल चटाने के बाद भारतीय टीम को एडिलेट में करारी शिकस्त मिली है. सिर्फ 10 दिन के अंतराल में ही भारतीय क्रिकेट टीम अर्श से फर्श पर आ गिरी है. एडिलेड डे-नाइट टेस्ट की पहली पारी में 157 रन से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ 19 रन का मामूली लक्ष्य ही दे सकी. और ऑस्ट्रेलिया ने बिना कोई विकेट गंवाए यह स्कोर हासिल कर लिया. 

इसमें कोई दोराय नहीं कि ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे टेस्ट में बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन अब भारत को भी अपनी गलतियों में सुधार करके तीसरे टेस्ट में वापसी करनी होगी. दूसरे टेस्ट में भारत की कौनसी गलतियां उसके लिए भारी पड़ीं, आइए डालते हैं एक नजर. 

लाइन-लेंथ से भटके गेंदबाज
पहले टेस्ट में अपनी तीखी गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को नाकों चने चबवाने वाले भारतीय गेंदबाज एडिलेड में थोड़ा दबाव पड़ते ही अपनी दिशा खोने लगे. यह समस्या सबसे ज्यादा युवा पेसर हर्षित राणा के साथ देखने को मिली. राणा ने जहां पहली पारी में अपने 16 ओवरों में 5.4 की इकॉनमी से 86 रन दिए. सिराज ने अपने 24.3 ओवर में चार विकेट चटकाए जरूर लेकिन उन्हें भी 4.0 की इकॉनमी से 98 रन पड़े. 

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गेंदबाजों की इस कमी को भारत के बोलिंग कोच मोर्ने मोर्केल ने भी स्वीकार किया. मोर्केल ने कहा, "अगर पहले टेस्ट मैच की बात करूं तो हमारी लाइन और लेंथ बहुत अच्छी थी. वह इस सीरीज में हमारा गेंदबाजी का तरीका होने वाला था. हम स्टंप्स को निशाना बनाना चाहते थे लेकिन रात में गेंद हरकत कर रही थी. और हम ऐसा नहीं कर सके." 

उन्होंने कहा, "हम सही जगह टप्पा नहीं खोच सके. कभी-कभी हमारी गेंद ज्यादा बाहर भी रही. इससे उन्हें बहुत सारी गेंदें छोड़ने का मौका मिला. यह हमारे लिए एक सीख थी."

लचर फील्ड प्लानिंग बनी सिरदर्द
पहले टेस्ट मैच के बाद कप्तान जसप्रीत बुमराह ने कहा था कि रनों पर लगाम कसना उनकी योजना का हिस्सा था. कई बार टीमें विकेट की तलाश में रनों पर लगाम नहीं कस पातीं, जिससे विपक्षी टीम पर दबाव नहीं बनता. इस मैच में भारत वही गलती करता नजर आया. स्लिप से लेकर 30 गज के दायरे तक में भारत ने कम फील्डर तैनात किए, जिससे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के लिए सिंगल चुराना आसान साबित हुआ. 
 

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मार्नस लाबुशेन ने मिड-विकेट और मिड-ऑन की दिशा में आसान रन बटोरे (Photo/ESPNcricinfo)

मिसाल के तौर पर, पहले टेस्ट में भारत ने मिड-ऑन और मिड-विकेट के फील्डर को 30 गज के दायरे में रखा था. जिससे कई आसान सिंगल चुराना ऑस्ट्रेलिया के लिए मुश्किल बना था. लेकिन इस मैच में उस पोजीशन पर कोई फील्डर नहीं रहा. नतीजतन, ऑस्ट्रेलिया के दूसरे सबसे सफल बल्लेबाज मार्नस लाबुशेन ने अपने 64 में से 21 रन मिडविकेट और मिडऑन के क्षेत्र में बनाए. 

पिंक बॉल संग टाइमिंग नहीं बना सका भारत
पर्थ में भारत की जीत का एक अहम कारण उसका सही समय पर बल्लेबाजी करना भी था. पहली पारी में 150 रन पर ऑलआउट होने वाली भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को भी महज 104 रन पर समेट दिया था. इसके बाद भारत के सलामी बल्लेबाज केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल ने दूसरे दिन बिना कोई विकेट गंवाए भारत को मजबूती दी थी. 

फिर जब पर्थ में तीसरे दिन बल्लेबाजी करना आसान हुआ तो भारत ने इसका खूब फायदा उठाया और ऑस्ट्रेलिया के सामने 487 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया. एडिलेट में भारत यह टेंप्लेट नहीं दोहरा सका. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए शुभमन गिल और केएल राहुल ने पारी को संभाला. लेकिन पहला सत्र के अंत के करीब भारत 82 रन पर आधी टीम गंवा चुका था. 

एडिलेड में लाइट्स के नीचे बल्लेबाजी करना आसान हो सकता था. लेकिन भारत के पास इसका फायदा उठाने के लिए बल्लेबाजी नहीं बची थी. इसी तरह तीसरे दिन की सुबह पिच बल्लेबाजी के लिए आसान थी लेकिन भारत दूसरे दिन ही अपने पांच विकेट गंवा चुका था. दिन की शुरुआत में पंत बिना रन जोड़े आउट हो गए. और 175 रन पर भारतीय बल्लेबाजी ढेर हो गई. 

अब भारत को इन गलतियों पर चिंतन-मनन करके 14 दिसंबर को ब्रिसबेन के गाबा स्टेडियम में होने वाले तीसरे टेस्ट के लिए लौटना होगा. यह वही मैदान है जहां भारत ने 2021 में ऑस्ट्रेलिया के 28 साल के राज का अंत करते हुए जीत दर्ज की थी. इस बार भी भारत को सीरीज में वापसी करने के लिए इसी तरह के किसी प्रदर्शन की उम्मीद होगी.