टीम इंडिया (Team India) ने 1 अक्टूबर 2024 को बांग्लादेश (Bangladesh) के खिलाफ कानपुर टेस्ट मैच (Kanpur Test Match) जीतकर इतिहास रच दिया है. इस मैच में भारत ने एक-दो नहीं बल्कि कई रिकॉर्ड्स बनाए हैं. इस मैच की हर तरफ चर्चा हो रही है. कहने को तो टेस्ट मैच पांच दिनों का होता है लेकिन रोहित शर्मा एंड कंपनी ने सही मायने में इस मुकाबले को सिर्फ दो दिनों में जीता है. दरअसल, इस मैच का आगाज 27 सितंबर को कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में हुआ था.
मैच के शुरुआती तीन दिन बारिश के कारण खेल प्रभावित हुआ. इसके कारण पहले दिन में सिर्फ 35 ओवरों का खेल हुआ तो वहीं दूसरा और तीसरा दिन बारिश से पूरी तरह धुल गया था. क्रिकेट के अच्छे-अच्छे जानकार यह मानकर चल रहे थे कि यह मैच ड्रॉ पर छुटेगा लेकिन मैदान के बाहर कोच गौतम गंभीर की बताई रणनीति और ग्रीन पार्क स्टेडियम पर कप्तान रोहित शर्मा के अनुभव और बेहतरीन फैसलों ने इस मैच को भारत के पक्ष में कर दिया. यह कानपुर टेस्ट मैच क्रिकेट के इतिहास में अमर हो गया है. हम आपको बता रहे हैं वो छह कारण जिनके बदौलत भारत को इस मुकाबले में जीत मिली.
सबसे पहले जानिए किस पारी में बने थे कितने रन बन
सबसे पहले मैदान पर टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा और बांग्लादेश के कैप्टन नजमुल हुसैन शांतो टॉस करने पहुंचे. भारत ने टॉस जीतकर बांग्लादेश को पहले बैंटिंग करने के लिए आमंत्रित किया. पहले दिन मैच सिर्फ 35 ओवर ही खेला गया. बारिश की वजह से मैच रोकना पड़ गया. दूसरे और तीसरे दिन भी बारिश विलने बनी और मैच नहीं हो सका. इस तरह से तीन दिन गुजर जाने के बाद भी सिर्फ 35 ओवर डाले गए थे. चौथे दिन जब मैच शुरू हुआ तो भारतीय गेंदबाजों की शानदार लाइन लेंथ के आगे बांग्लादेश के बल्लेबाजों की एक न चली. पूरी टीम 233 रनों पर ऑलाउट हो गई. तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने तीन विकेट झटके. मोहम्मद सिराज, आकाश दीप और स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने 2-2 सफलताएं हासिल कीं. एक विकेट रवींद्र जडेजा को मिला.
गेंदबाजों के बाद टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने बांग्लादेश की धुनाई करनी शुरू कर दी. भारतीय टीम ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 50 रन, 100, 150, 200, 250 रन बनाए. भारतीय टीम के लिए सबसे अधिक यशस्वी जायसवाल ने 72 रन बनाए. इतने रन बनाने के लिए उन्होंने सिर्फ 31 गेंद खेले. इसके बाद केएल राहुल ने 68 रन बनाए. कैप्टन रोहित शर्मा ने 285 रनों पर पारी घोषित कर दी. टीम इंडिया को पहली पारी के आधार पर 52 रनों की बढ़त मिली थी. यह बहुत ही अच्छी बात थी. दूसरी पारी में बांग्लादेश की टीम सिर्फ 146 रन ही बना सकी. इस तरह से भारत को जीत के लिए 95 रनों का लक्ष्य मिला. भारत ने इस लक्ष्य को तीन विकेट गंवाकर हासिल कर लिया.
भारत जीत के ये रहे 6 प्रमुख कारण
1. बैजबॉल गेम को अपनाया
भारतीय टीम ने कानपुर टेस्ट मैच में जीत दर्ज करने के लिए बैजबॉल गेम को अपनाया. आपको मालूम हो कि बैजबॉल (BazBall) गेम को लाने का श्रेय इंग्लैंड टीम को जाता है. इंग्लिश टीम के कोच ब्रैंडम मैकुलम और कप्तान बेन स्टोक्स टेस्ट मैच में इसको लेकर आए थे. इसने टेस्ट मैच का नजारा ही बदल दिया. इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने टेस्ट क्रिकेट में भी टी-20 के अंदाज में धमाकेदार तरीके से रन बनाना शुरू कर दिया. बैजबॉल गेम का मतलब होता है कि बगैर विकेट की चिंता किए बल्लेबाज तूफानी अंदाज में रन बनाए. टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर ने भी कप्तान रोहित शर्मा और अन्य खिलाड़ियों को यही रणनीति अपनाने की सालह दी थी.
इस रणनीति का खुलासा रोहित शर्मा ने भी मैच जीतने के बाद दिए इंटरव्यू में किया. टीम इंडिया के कप्तान ने कहा कि इस पिच पर नतीजा हासिल करना शानदार प्रयास था. यह एक जोखिम था जिसे हम लेने को तैयार थे क्योंकि जब आप इस तरह से बल्लेबाजी करने की कोशिश करते हैं तो आप कम स्कोर पर आउट हो सकते हैं लेकिन हम इसके लिए तैयार थे, भले ही हम 100-120 रन पर आउट हो जाएं. बल्लेबाज जोखिम लेने को तैयार थे और हम रिजल्ट के लिए अपने आप को मौका देना चाहते थे. भारत ने कानपुर टेस्ट मैच में तूफानी बैटिंग की. टीम इंडिया ने सबसे तेज अर्धशतक, शतक, 150 रन, 200 रन बनाने का रिकॉर्ड बनाया. धीमी बल्लेबाजी के लिए जाने जाने वाले केएल राहुल ने भी विस्फोटक अंदाज में बल्लेबाजी की. केएल राहुल ने अपने टेस्ट करियर का सबसे तेज अर्धशतक जमाया. राहुल ने केवल 43 गेंदों में 68 रन बनाए. इसमें 7 चौके और 2 छक्के शामिल रहे.
2. टेस्ट में भी गौतम गंभीर के युग का शानदार आगाज
गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) अभी कुछ महीने पहले ही भारतीय टीम के कोच बने हैं. कोच गंभीर के युग में टीम इंडिया की ने पहली टेस्ट सीरीज जीती है. गंभीर के कोचिंग और कप्तान रोहित शर्मा के नेतृत्व में भारतीय टीम ने ढाई दिन में ही बांग्लादेश को हराकर टेस्ट मैच अपने नाम कर लिया. गंभीर के कारण ही टीम का अप्रोच चेंज हुआ है. खिलाड़ी मैच जीतने के लिए कोई भी जोखिम लेने के लिए तैयार रहते हैं. पहले ओवर में यशस्वी जायसवाल और रोहित शर्मा ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर दिखा दिया कि टीम क्या सोच रही है और क्या करने वाली है. विकेट गिरते रहे लेकिन भारत ने खेलने का तरीका नहीं बदला.
खिलाड़ी-चौके-छक्के जड़ते रहे. ऐसा गंभीर की कोचिंग में ही संभव था. पहले विकेट गिरने के बाद खिलाड़ी दबाव में आ जाते थे. इस रन गति काफी धीमी हो जाती थी. गौतम गंभीर ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जो विपक्षी टीम को उसी अंदाज में जवाब देने में विश्वास रखते हैं. यह बात उनकी कोचिंग में दिख रही है. गंभीर ने कोच बनने के बाद खिलाड़ियों से वन-वन कनेक्ट किया है. उन्हें बताया है कि मैं आपके पीछे हूं, आप अपना नैसर्गिक खेल दिखाइए. मीडिया में कोई कुछ बोल रहा है, उस पर ध्यान मत दीजिए. इसी का नतीजा है कि भारती खिलाड़ी पूरी धमखम के साथ मैदान पर उतरते हैं. गौतम गंभीर बड़े फैसले लेने से चूकते नहीं हैं. गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद ड्रेसिंग रूम का माहौल बदल गया है. ड्रेसिंग रूम में हमेशा पॉजिटिव माहौल रहता है. इतना ही नहीं गौतम गंभीर वनडे हो या टेस्ट मैच टीम में यंग और एक्सपीरिएंस का सही तालमेल बैठाते हैं. यानी यंग खिलाड़ियों और पुराने अनुभवी प्लेयर्स को भी मौका देते हैं.
3. पिच अपने अनुसार बनवाया
भारत और बांग्लादेश के बीच टेस्ट मैच कानपुर का ग्रीन पार्क स्टेडियम की छह नंबर पिच पर खेला गया. टेस्ट मैच के लिए पहले पिच नंबर पांच और छह को तैयार किया गया था. मैच शुरू होने से पहले अभ्यास करने के दौरान कोच गौतम गंभीर कप्तान रोहित शर्मा के साथ पिच का निरीक्षण किया था. इसके बाद गंभीर ने बीसीसीआई के चीफ पिच क्यूरेटर आशीष भौमिक और ग्रीन पार्क के पिच क्यूरेटर शिवकुमार से जानकारी ली. इसके बाद दोनों चले गए. उनके जाने के बाद छह नंबर पिच पर मुहर लग गई. इसका मतलब है कि गंभीर ने पिच अपने अनुसार बनवाया था.
4. रोहित शर्मा की ने की शानदार कप्तानी
कानपुर टेस्ट मैच में रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने शानदार कप्तानी की. रोहित ने गेंदबाजों के बदलाव करने में जो सूझबूझ दिखाई वो यकीनन काबिले तारीफ थी. रोहित की कप्तानी फील्डिंग पोजिशन को लेकर भी कमाल की रही. मैच के दौरान जिस तरह से मोमिनुल हक को आउट किया गया वह रोहित की कप्तानी की रणनीति का बेजोड़ नमूना था. इसका अलावा रोहित ने पहली पारी को लंबा खिंचने की कोशिश नहीं की. रोहित बांग्लादेश के कुछ विकेट लेकर अंतिम दिन प्रेशर बनाना चाहते थे. यह रणनीति उनकी काम आई. भारतीय गेंदबाज चौथे दिन बांग्लादेश के दो खिलाड़ियों को आउट करने में सफल रहे.
5. अश्विन का चला जादू
टीम इंडिया के गेंदबाजों ने कानपुर टेस्ट मैच में शानदार गेंदबाजी की. पहली पारी हो या दूसरी पारी किसी भी बांग्लादेशी बल्लेबाज को खुलकर बैटिंग नहीं करने दिया. पहली पारी में जिस तरह भारतीय गेंदबाजों ने कहर बरपाया था, उसी तरह दूसरी पारी में भी शानदार गेंदबाजी की. रविचंद्रन अश्विन ने जहां शुरू के बल्लेबाजों को आउट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तो वहीं रविंद्र जडेजा ने मध्यक्रम को ध्वस्त किया. जसप्रीत बुमराह पुच्छले बल्लेबाजों को समेटते चले गए.
पहली पारी में शतक जड़ने वाले मोमिनुल हक (02) को अश्विन ने लेग स्लिप में लोकेश राहुल के हाथों कैच कराके भारत को पहली सफलता दिलाई. अश्विन 50 रन देकर तीन विकेट, जडेजा ने 34 रन देकर तीन विकेट और जसप्रीत बुमराह ने 17 रन देकर तीन विकेट चटकाए. आकाश दीप 20 रन देकर एक विकेट लेने में सफल रहे. इस तरह से बांग्लादेश की पूरी टीम दूसरी पारी में 47 ओवर में 146 रन पर सिमट गई. आपको मालूम हो कि बांग्लादेश के खिलाफ इस दो टेस्ट मैच की सीरीज में अश्विन ने 11 विकेट तो वहीं बुमराह ने भी 11 विकेट अपने नाम किए.
6. भारतीय फील्डरों का कमाल
कानपुर टेस्ट मैच में कप्तान रोहित शर्मा, मोहम्मद सिराज और यशस्वी जायसवाल ने शानदार फील्डिंग की. तीनों ने कमाल के कैच लपके. खासकर सिराज और रोहित के कैच ने मैच का रूख बदलने का काम किया.