भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जा रही है. भारतीय टीम पर्थ टेस्ट जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना चुकी है. अब भारत का दूसरा टेस्ट मैच एडिलेड ओवल में खेला जाना है, जो डे-नाइट टेस्ट मैच है. ये 6 दिसंबर से 10 दिसंबर तक खेला जाएगा. इस मुकाबले में पिंक बॉल का इस्तेमाल किया जाएगा. ऐसे में सवाल उठता है कि सफेद और लाल रंग की बॉल की बजाय इस मैच में पिंक बॉल का ही इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है? चलिए हम आपको बताते है.
क्यों पिंक बॉल से ही होता है डे-नाइट मैच-
डे-नाइट मैच में पिंक बॉल का इस्तेमाल करने के पीछे सबसे बड़ा कारण ये है कि पिंक बॉल रात के समय रोशनी (Floodlights) में भी आसानी से दिखती है. जबकि लाल गेंद रात के समय अंधेरे में कम दिखाई देती है. आपको बता दें कि टेस्ट मैच लाल गेंद से खेली जाती है. इसलिए आपने देखा होगा कि कई बार अंपायर खराब रोशनी होने पर खेल को रोक देते हैं. क्योंकि इस गेंद की विजबिलटी कम हो जाती है, जिससे खिलाड़ियों को खेलने में परेशानी होती है. गुलाबी गेंद लाल की तुलना में ज्यादा चमकदार होती है, जिससे रात के समय में बल्लेबाजों और फील्डर्स को उसे देखने में आसानी होती है. पिंक बॉल को लेकर समस्याएं भी हैं. पहले और दूसरे सेशन में इससे आसानी से खेलने के बाद तीसरे सेशन में इससे बल्लेबाजी करना आसान नहीं होता है, क्योंकि ये बॉल अपनी चमक खोने लगती है.
लंबे समय तक स्विंग क्यों करती है पिंक बॉल-
पिंक बॉल पर डबल कोटिंग की जाती है, जिसके कारण वो लंबे समय तक चमक बरकरार रखती है. इससे एक और फायदा ये होता है कि यह लंबे समय तक स्विंग बॉलिंग को सपोर्ट करती है. पिंक बॉल की चमक को ज्यादा देर तक रखने के लिए पिच पर घास भी छोड़ी जाती है. जिसके कारण सीम मूवमेंट बढ़ जाती है. स्विंग और सीम मूवमेंट बढ़ने से ये बॉल तेज गेंदबाजों के लिए बहुत मददगार साबित होती है.
पिंक बॉल टेस्ट में कैसा है भारत का रिकॉर्ड-
पिंक बॉल टेस्ट क्रिकेट में भारत का प्रदर्शन अपने देश की पिचों पर तो शानदार रहा है, लेकिन विदेशी धरती पर टीम को अभी भी जीत नहीं मिली है. भारत ने अब तक कुल 4 पिंक बॉल टेस्ट खेले हैं, जिनमें तीन मैच घर में और एक मैच विदेश में खेला है. इन चार मुकाबलों में भारत ने तीन मैचों में जीत का स्वाद चखा है, लेकिन एडिलेड में साल 2020 में खेले गए एकमात्र विदेशी पिंक बॉल टेस्ट में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था.
क्या रोहित शर्मा लेंगे साल 2020 का बदला?
पर्थ टेस्ट में मिली बड़ी जीत से भारतीय टीम का आत्मविश्वास काफी ज्यादा बढ़ गया है. कप्तान रोहित शर्मा की वापसी के बाद से टीम और भी मजबूत हो गई है. रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया ना सिर्फ एडिलेड में जीत दर्ज कर साल 2020 की हार का बदला लेना चाहेगी, बल्कि विदेशी धरती पर पहली बार पिंक बॉल टेस्ट जीतकर इतिहास भी रचना चाहेगी.
(ये स्टोरी निशांत कुमार ने लिखी है. निशांत GNTTV.COM में बतौर इंर्टन काम करते हैं.)
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