सुनील छेत्री की अगुवाई वाली भारतीय फुटबॉल टीम ने सैफ चैंपियनशिप 2023 जीत ली है. इस जीत के हीरो गोलकीपर गुरप्रीत सिंह रहे. भारत ने मंगलवार रात को कुवैत को हराकर खिताब अपने नाम किया. फाइनल का नतीजा पेनल्टी शूटआउट में निकला. भारत ने पेनल्टी शूटआउट में 5-4 से जीत हासिल की. खिताबी मैच बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम में खेला गया. यह भारत का कुल नौंवा और लगातार दूसरा सैफ चैंपियनशिप खिताब है. भारत इससे पहले 1993, 1997, 1999, 2005, 2009, 2011, 2015 और 2021 में चैंपियन बना था. टूर्नामेंट के 14 साल के इतिहास में भारत चार बार उप विजेता रहा है.
गुरप्रीत ने किया जबरदस्त प्रदर्शन
रोमांचक पेनल्टी शूटआउट में गुरप्रीत सिंह संधू ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और कुवैत के कप्तान खालिद अल इब्राहिम का आखिरी शॉट रोक दिया. पेनल्टी शूटआउट में दोनों टीमों को पांच-पांच गोल मारने के मौके मिलते हैं. इसमें चूकने वाली टीम मैच हार जाती है. निर्धारित पांच-पांच शॉट के बाद दोनों टीमें चार-चार की बराबरी पर थीं. भारत के लिए उदांता सिंह और कुवैत के मोहम्मद अब्दुल्ला गोल करने से चूक गए थे. चार-चार की बराबरी के बाद सडन डेथ की बारी आई. इसमें जो टीम गोल करने से चूकती है वह सीधे हार जाती है. सडन डेथ में भारत के लिए नाओरेम महेश सिंह ने गोल किया. वहीं, कुवैत के कप्तान खालिद का शॉट भारत के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह ने रोक दिया. इस तरह से वह जीत के हीरो बन गए. जैसे ही भारत ने पेनल्टी शूटआउट में कुवैत को हराया. इसके बाद तो टीम इंडिया के सपोर्ट में वंदेमातरम के नारे स्टेडियम में गूंजने लगे.
पूरा टूर्नामेंट शानदार रहा
भारतीय कप्तान सुनील छेत्री ने कहा कि सिर्फ यह मैच नहीं बल्कि पूरा टूर्नामेंट शानदार रहा. पूरी टीम ने जबरदस्त प्रदर्शन किया. मैं इससे ज्यादा उनसे कुछ और नहीं मांग सकता. हम सात-आठ हफ्तों से एक साथ हैं. लगातार दो पेनल्टी शूटआउट में जीतना आसान नहीं होता.
पेनल्टी शूटआउट में सबकुछ होता है किस्मत के हवाले
भारत के स्टार गोलकीपर गुरप्रीत सिंह ने कहा कि टीम के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया. एक गोल से पीछे होने के बावजूद हमने वापसी की. वह समय हमारे लिए सबसे कमजोर था. खिलाड़ी ने इसके बाद शानदार वापसी की. कुवैत की टीम 1-1 की बराबरी के बाद किसी तरह मैच को पेनल्टी शूटआउट में ले जाना चाहती थी. पेनल्टी शूटआउट में सबकुछ किस्मत के हवाले होता है.
3 फरवरी 1992 को पंजाब में हुआ जन्म
गुरप्रीत सिंह संधू का जन्म 3 फरवरी 1992 को चमकौर, साहिब, पंजाब में हुआ था. उनकी मां का नाम हरजीत कौर और पिता का नाम तेजिंदर सिंह संधू है. गुरप्रीत ने स्कूलिंग सेंट स्टीफेंस चंडीगढ़ से की है. जबकि हाईस्कूल और 12वीं की पढ़ाई एसडी पब्लिक स्कूल चंडीगढ़ से की. इसके बाद डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ से बीए किया है.
गुरप्रीत ने 8 साल की उम्र में फुटबॉल को अपना लिया
गुरप्रीत के परिवार ने हमेशा उन्हें अपने फुटबॉल करियर को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया. 8 साल की उम्र में ही उन्होंने फुटबॉल को अपना लिया. गुरप्रीत ने एक बार इंटरव्यू में कहा था- मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं फुटबॉलर बनूंगा. यह महज एक संयोग है. मैंने स्कूल में खेलना शुरू किया था, जिसके बाद मुझे मजा आने लगा और फिर मैं बस खेलता गया. वह 2000 में सेंट स्टीफंस अकादमी में शामिल हुए. 2006 में गुरप्रीत को अंडर 16 राज्य टीम के लिए चुना गया था. उन्होंने 2006 में हल्द्वानी में पंजाब के लिए पदार्पण किया.
2009 में ईस्ट बंगाल टीम से जुड़े थे
6 फीट 6 इंच के गुरप्रीत ने अपने करियर की शुरुआत 2009 में ईस्ट बंगाल टीम के साथ की. 2010 में गुरप्रीत इंडिया अंडर19 टीम का हिस्सा बने. 2010 से 2012 तक गुरप्रीत अंडर 23 टीम का हिस्सा रहे. नेशनल टीम की तरफ से गुरप्रीत फीफा वर्ल्ड कप 2022 क्वालीफायर्स में खेल चुके हैं.
गुरप्रीत की टीम 6-0 के अंतर से जीती थी
भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी गुरप्रीत किसी फर्स्ट डिवीजन यूरोपियन टीम की सीनियर टीम के लिए प्रतिस्पर्धी मैच खेलने वाले पहले भारतीय हैं. नोर्वेनियन कप के एक मैच में इस खिलाड़ी ने स्टेबेक एफसी का प्रतिनिधित्व किया. रूनार के खिलाफ इस मुकाबले में गुरप्रीत की टीम 6-0 के अंतर से जीती और इस मैच में उनका प्रदर्शन भी अच्छा रहा क्योंकि उन्होंने अपनी टीम को एक भी गोल नहीं खाने दिया.
फेवरेट प्लेयर
गुरप्रीत के फेवरेट क्रिकेटर युवराज सिंह, धोनी और विराट कोहली हैं. जबकि फुटबॉल से मेसी और और टेनिस से फेडरर पसंदीदा खिलाड़ी हैं. गुरप्रीत सिंह संधू का पसंदीदा फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड है. गोलकीपर में एडविन वैन डेर सर और सुब्रत पालो उनके फेवरेट हैं. फुटबॉल के बाद उनका पसंदीदा खेल वॉलीबॉल, क्रिकेट और बैडमिंटन है.
गुरप्रीत सिंह संधू की उपलब्धियां
1. इंडियन सुपर कप, 2011.
2. 2011, 2012–13 और 2013-14 में कलकत्ता फुटबॉल लीग इन.
3. फेडरेशन कप, 2012.
4. आईएफए शील्ड, 2012.
5. विजेता इंडियन सुपर लीग, 2018-19.
6. विजेता हीरो सुपर कप, 2018.
7. अर्जुन पुरस्कार, 2019.
8. इंडियन सुपर लीग गोल्डन ग्लव, 2018-19.