मैच की आखिरी गेंद के बाद हार्दिक पांड्या पिच पर बैठकर रोने लगे. रोहित शर्मा सीने के बल मैदान पर लेट गए. उनकी आंख में भी शायद एक आंसू का कतरा था. इंडियन टीम का सपोर्ट स्टाफ दौड़ते हुए खिलाड़ियों की तरफ आया. कोच राहुल द्रविड़ ने विराट कोहली को गले लगाकर राहत की सांस ली. कुछ इस तरह भारत ने आईसीसी ट्रॉफी जीतने का 11 साल लंबा इंतजार खत्म किया.
शनिवार को खेले गए आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 7 रन से हराकर 17 साल बाद यह टूर्नामेंट जीता. इससे पहले भारत ने 2007 टी20 वर्ल्ड कप जीता था. भारत ने दक्षिण अफ्रीका के सामने 177 रन का लक्ष्य रखा. इसके जवाब में दक्षिण अफ्रीका 20 ओवर में 169 रन ही बना सकी.
डी-कॉक ने दिलाई प्रोटियाज को तेज शुरुआत
दक्षिण अफ्रीका जब लक्ष्य का पीछा करने उतरी तो सलामी बल्लेबाज रीजा हेंड्रिक्स दूसरे ही ओवर में आउट हो गए. एडेन मार्करम भी सस्ते में पवेलियन लौट गए, लेकिन क्विंटन डी कॉक ने टीम की खिताबी उम्मीदों को जिन्दा रखा. वह ट्रिस्टन स्टब्स के साथ 58 रन की साझेदारी कर दक्षिण अफ्रीका की पारी को पटरी पर लाए.
हार्दिक-बुमराह ने पलटा मैच
स्टब्स और डी कॉक के आउट होने के बाद भी भारत की चिंताएं खत्म नहीं हुईं. हेनरिक क्लासेन ने धुआंधार बल्लेबाजी करते हुए 27 गेंद पर 52 रन बना डाले. उनकी दो चौकों और पांच छक्कों की बदौलत दक्षिण अफ्रीका जीत के बहुत करीब आ चुकी थी. लेकिन जब प्रोटियाज को जीत के लिए 30 गेंद पर 30 रन चाहिए थे तब बुमराह ने 16वें ओवर में मात्र चार रन देकर मैच को रोमांचक बना दिया.
अगलो ओवर में पांड्या ने क्लासेन को आउट कर भारत की उम्मीदें जगाईं, जबकि 18वें ओवर में बुमराह ने मार्को यानसेन को आउट करते हुए सिर्फ दो रन दिए. बात आखिरकार 20वें ओवर तक पहुंच गई, जिसमें दक्षिण अफ्रीका को 16 रन चाहिए थे. हार्दिक ने पहली ही गेंद पर सूर्यकुमार यादव के लाजवाब कैच की बदौलत डेविड मिलर का बहुमूल्य विकेट चटका लिया. अगली पांच गेंद पर दक्षिण अफ्रीका सिर्फ पांच रन बना सकी और भारत विश्व चैंपियन बन गया.
पहली पारी में चमके कोहली-अक्षर
भारत ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया. कोहली ने पहले ही ओवर में तीन चौके लगाकर अपनी मंशा साफ कर दी. अगले ओवर में रोहित ने भी दो चौके लगाए लेकिन तीसरा बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में वह आउट हो गए. केशव महाराज ने अगली ही गेंद पर ऋषभ पंत को भी पवेलियन का रास्ता दिखा दिया. इससे पहले कि भारत की पारी संभलती, सूर्यकुमार यादव भी आउट हो गए. शुरुआती झटकों के बाद दक्षिण अफ्रीका मैच पर पूरी तरह हावी हो सकती थी लेकिन कोहली-अक्षर ने ऐसा नहीं होने दिया.
अक्षर ने खेली आक्रामक पारी
शुरुआती झटकों के बाद कोहली ने एक छोर संभाला जबकि अक्षर ने जोखिम उठाते हुए तेजी से रन बनाए. दोनों बल्लेबाजों ने इसी तरह 72 रन की साझेदारी की. अक्षर अच्छी लय में दिख रहे थे लेकिन एक रन चुराने की कोशिश उन्हें महंगी पड़ी. विकेटकीपर क्विंटन डीकॉक ने बोलर एंड पर सटीक थ्रो मारकर अक्षर को पवेलियन भेज दिया.
कोहली का अर्द्धशतक, दुबे का अहम योगदान
पारी के ज्यादातर हिस्से में धैर्य दिखाने वाले कोहली ने 48 गेंद में अपना अर्द्धशतक पूरा किया, लेकिन आउट होने से पहले उन्होंने 59 गेंद पर 76 रन बनाए. दूसरे छोर पर शिवम दुबे (Shivam Dube) ने भी उनका साथ दिया और 16 गेंद पर 27 रन की पारी खेली. भारत ने आखिरी तीन ओवरों में 42 रन जोड़ते हुए 20 ओवर में 176/7 का स्कोर खड़ा किया.
लंबा रहा है ट्रॉफी का इंतजार
क्रिकेट का पावरहाउस होने के बावजूद भारत को इस ट्रॉफी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा है. भारत ने आखिरी आईसीसी ट्रॉफी 2013 में चैंपियन्स ट्रॉफी के रूप में जीती थी. उसके बाद भारत वर्ल्ड कप 2015 के सेमीफाइनल, चैंपियन्स ट्रॉफी 2017 के फाइनल, वर्ल्ड कप 2019 के फाइनल और टी20 वर्ल्ड कप 2022 के सेमीफाइनल और वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल तक पहुंच चुका था. लेकिन ट्रॉफी उसे एक बार भी नहीं मिली थी. इस जीत के साथ भारत ने आखिरकार अपने ट्रॉफी के सूखे को खत्म कर लिया है.