ओलंपिक 2036 की मेजबानी के लिए भारत ने अपनी दावेदारी पेश की है. भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की प्रेजिडेंट पीटी उषा के मुताबिक उन्होंने इसके लिए इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी को एक आधिकारिक पत्र सौंप जिया है. पिछले साल मुंबई में हुए IOC सेशन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस लक्ष्य की सार्वजनिक घोषणा भी की थी. 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स और ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप जैसे आयोजनों का सफलतापूर्वक आयोजन कर चुका भारत अब ओलंपिक की मेजबानी के जरिए विश्व मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहता है.
इस दिशा में, अहमदाबाद को भारत के सफल बोली लगाने पर ओलंपिक मेजबानी के लिए प्रमुख शहर के रूप में चुना गया है. यहां 300 एकड़ में फैले सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, नरेंद्र मोदी स्टेडियम, भी शामिल है.
हाल ही में, सरकार ने अहमदाबाद और गांधीनगर में ओलंपिक-स्तरीय सुविधाओं को बनाने के लिए एक स्पेशल पर्पस व्हीकल (SPV) भी स्थापित किया है. यह SPV ओलंपिक आयोजन के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की प्लानिंग, निर्माण और रखरखाव की देखरेख करेगा
भारत को ओलंपिक की मेजबानी से क्या फायदा है?
ओलंपिक की मेजबानी से भारत को अलग-अलग आर्थिक, सामाजिक और कूटनीतिक लाभ मिल सकते हैं.
-ओलंपिक की मेजबानी से बुनियादी ढांचे में निवेश, पर्यटन और रोजगार पैदा करने के माध्यम से भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. खेल सुविधाओं, ट्रांसपोर्ट और हॉस्पिटैलिटी से कई क्षेत्रों में रोजगार पैदा होगा. कंस्ट्रक्शन, टूरिज्म और रिटेल इंडस्ट्री को इससे काफी फायदा होगा.
2021 में जापान में आयोजित टोक्यो ओलंपिक ने महामारी की चुनौतियों के बावजूद $15 बिलियन का रिवेन्यू जेनरेट हुआ था. अगर भारत इस आयोजन की सफलतापूर्वक मेजबानी करता है, तो देश की अर्थव्यवस्था को भी इससे फायदा हो सकता है.
-ओलंपिक की सफल मेजबानी के लिए देश में एडवांस स्पोर्ट्स सुविधाएं भी आएंगी. ये सुविधाएं न केवल ओलंपियन के लिए बल्कि उभरते एथलीटों के लिए भी ट्रेनिंग सेंटर बन सकती हैं, जिससे भारत के वैश्विक खेल प्रदर्शन में सुधार हो सकता है.
-ओलंपिक की मेजबानी के लिए सरकार स्वास्थ्य और शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा निवेश कर सकती है. इस तरह की पहल से लोगों में स्वास्थ्य को लेकर और जागरूकता आएगी.
-भारत के अनोखे खेल जैसे कबड्डी, खो-खो, और ट्वेंटी 20 क्रिकेट को ओलंपिक प्रोग्राम में शामिल किए जाने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल सकती है. ये खेल भारतीय सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देंगे और दुनिया को भारत के लोकल खेलों से परिचित कराएंगे.
कई चुनौतियां भी हैं सामने
हालांकि, ओलंपिक की मेजबानी के रास्ते में भारत को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. IOA में आंतरिक विवाद, खेल प्रशासन में समस्याएं और डोपिंग की घटनाएं पहले से ही बाधा बनी हैं.
हालांकि, भारत का दावा अब “Informal Dialogue” से “Continuous Dialogue” में बदल गया है, जो ओलंपिक मेजबानी के लिए अच्छा कदम है. हालांकि, मेजबानी करने की चाह रखने वालों की लिस्ट छोटी नहीं है. इस लिस्ट में भारत समेत नौ अन्य देश भी हैं, जिनमें मेक्सिको, इंडोनेशिया, तुर्की, पोलैंड, मिस्र और दक्षिण कोरिया शामिल हैं. अगर भारत मेजबानी के लिए चुना जाता है, तो 2036 ओलंपिक भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा.