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IND vs AUS 4th Test: इंदौर के बाद अब अहमदाबाद पिच को लेकर 'किचकिच', दिग्गजों ने क्या कहा, पांच दिनों तक चलेगा मैच या फिर...जानिए पूरी डिटेल्स

 भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज के पहले दो टेस्ट मैचों की पिचों को एवरेज रेटिंग मिली थी. एवरेज का मतबल है काम चलाऊ. इंदौर की पिच को पुअर रेटिंग मिली है. इसका मतलब है कि ऐसी पिचें स्वीकार्य नहीं हैं.

Ahmedabad pitch Ahmedabad pitch
हाइलाइट्स
  • भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच 9 मार्च 2023 से होगा शुरू

  • टीम इंडिया चौथा टेस्ट मैच जीतकर लगातार दूसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में एंट्री करना चाहेगी

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का चौथा और आखिरी मैच 9 मार्च 2023 से अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा. मैच से पहले पिच को लेकर काफी चर्चा हो रही है. कई क्रिकेट के दिग्गज इंदौर के बाद इस पिच पर भी सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि कहीं यह भी टेस्ट मैच पांच दिनों की जगह दो से तीन दिनों में ही न खत्म हो जाए.

पहले ही टेस्‍ट मैच से ही पिच को लेकर विवाद 
बॉर्डर-गावस्‍कर ट्रॉफी के पहले ही टेस्‍ट मैच से पिच पर विवाद की स्थिति बनी रही. आईसीसी ने शुरुआती दो टेस्‍ट की पिच को औसत रेटिंग दी, लेकिन इंदौर टेस्‍ट की पिच को खराब रेटिंग देकर इस मामले को और बल दे दिया. अब चौथे टेस्‍ट मैच की पिच की कुछ फोटो सामने आई है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो चुकी है. क्‍यूरेटर्स की तरफ से जानकारी मिली है कि उन्‍हें भारतीय टीम प्रबंधन या बीसीसीआई की तरफ से कोई निर्देश नहीं मिले हैं कि पिच किस तरह तैयार करनी है. इसका मतलब यह निकाला जाए कि भारतीय खेमा भी इस उलझन में है कि किस तरह की पिच तैयार होनी चाहिए?

पहले तीन टेस्‍ट तीन दिन के अंदर हो गए थे खत्‍म  
भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच पहले तीन टेस्‍ट तीन दिन के अंदर खत्‍म हो गए थे. ऐसे में अहमदाबाद में कोशिश होगी कि टेस्‍ट मैच इतनी जल्‍दी खत्‍म नहीं हो. यहां क्‍यूरेटर्स को अच्‍छी पिच का भरोसा है. टीम इंडिया चौथा टेस्ट मैच जीतकर लगातार दूसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में एंट्री करना चाहेगी.

नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर कुल 11 पिच
नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर कुल 11 पिचें हैं. इसमें 6 लाल मिट्टी और 5 काली मिट्टी की हैं. दोनों पिच के व्यवहार में काफी अंतर होता है.लाल मिट्टी की पिच पर खुरदरे पैच बन जाते हैं. पिच में काफी उछाल होता है और स्पिनरों को मदद मिलती है. ये पिचें तेजी से उखड़ती हैं. वहीं काली मिट्टी से बनी पिचों पर बल्लेबाजों के लिए ज्यादा मदद रहती है. यहां टेस्ट शुरू होने से कुछ दिन पहले पानी डालना बंद कर दिया जाता है, ताकि स्पिनर्स को टर्न मिल सके. इन पिचों पर एक समान उछाल होता है. गेंद पुरानी होने के साथ ही यहां बल्लेबाजी आसान हो जाती है.

पिच को अपने मनमुताबिक बनवाने का आरोप 
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी शुरू होने से ठीक पहले ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा और पूर्व क्रिकेटर्स ने लगातार भारत पर पिच को अपने मनमुताबिक बनवाने का आरोप लगाया, साथ ही इसे टेस्ट क्रिकेट के लिए खतरा बताया. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर इयान हिली ने लगातार इस बात का जिक्र किया था कि भारत स्पिन फ्रेंडली पिच बना सकता है, जिससे मेहमान टीम को घाटा हो. पिच को लेकर हंगामा इतना बढ़ा था कि ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज से पहले प्रैक्टिस मैच खेलने से इनकार किया था और खुद को निजी कैंप तक ही सीमित रखा था. ऑस्ट्रेलिया प्लेयर स्टीव स्मिथ ने भी कहा था कि प्रैक्टिस मैच और टेस्ट मैच में पिच अलग-अलग तरह की होगी, ऐसे में प्रैक्टिस मैच का फायदा नहीं है. 

पिच को लेकर क्या है ICC का नियम
ICC किसी बायलैट्रल (द्विपक्षीय) सीरीज में होम टीम को अपनी स्ट्रेंथ के मुताबिक पिचें तैयार करने की छूट देती है. दुनियाभर की तमाम टीमें ऐसा करती आ रही हैं. इसलिए भारतीय टीम मैनेजमेंट का स्पिन ट्रैक बनवाना किसी नियम और नैतिकता का उल्लंघन नहीं करता है. हालांकि, ICC बैट और बॉल के बीच फेयर कॉन्टेस्ट पर भी जोर देती है. इसका मानना है कि पिचें बिल्कुल ऐसी न बन जाए जिन पर या तो बल्लेबाज पूरी तरह हावी हो जाएं या फिर गेंदबाज. इसलिए ICC हर मैच के बाद पिच की रेटिंग जारी करती है. MCC के नियम 6.3 के तहत मैच से पहले पिच के सेलेक्शन की जिम्मेदारी मैदान के अधिकारियों और क्यूरेटर के पास होती है. मैच के दौरान पिच की जिम्मेदारी पूरी तरह से अंपायर और रेफरी के हाथ में होती है. भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज के पहले दो टेस्ट मैचों की पिचों को एवरेज रेटिंग मिली थी. एवरेज का मतबल है काम चलाऊ. इंदौर की पिच को पुअर रेटिंग मिली है. इसका मतलब है कि ऐसी पिचें स्वीकार्य नहीं हैं.