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Ind vs Ban T20i series: सचिन ने जिस शहर में जड़ा दोहरा शतक, जहां हुआ साउथ अफ्रीका क्रिकेट का पुनर्जन्म... वहीं भिड़ने वाले हैं भारत-बांग्लादेश, पढ़िए ग्वालियर के क्रिकेट किस्से

भारत और बांग्लादेश ग्वालियर के नवनिर्मित माधवराव सिंधिया स्टेडियम में एक-दूसरे से पहले टी20 में भिड़ने को तैयार हैं. इस भिड़ंत से पहले पढ़िए ग्वालियर शहर से जुड़े क्रिकेट किस्से.

ग्वालियर के क्रिकेट किस्से ग्वालियर के क्रिकेट किस्से
हाइलाइट्स
  • 14 साल बाद ग्वालियर लौटेगा क्रिकेट

  • नवनिर्मित स्टेडियम में होगा मुकाबला

ग्वालियर फोर्ट से लेकर गुजरी महल तक, कई ऐतिहासिक जगहों ने सैकड़ों सालों से ग्वालियर शहर की रौनक बढ़ाई है. लेकिन जब मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने 2010 में ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे क्रिकेट का पहला दोहरा शतक जड़ा तो इस शहर को एक नई पहचान मिल गई. 

कई क्रिकेट प्रेमी आज इस शहर को सचिन के दोहरे शतक के हवाले से याद करते हैं. हालांकि पिछले 14 सालों में इस शहर में एक भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं हुआ है. भारत और बांग्लादेश के बीच ग्वालियर में होने वाले पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच (India vs Bangladesh 1st T20i) से पहले, आइए जानते हैं शहर से जुड़े कुछ दिलचस्प क्रिकेट किस्से.

हॉकी खिलाड़ी के नाम पर है स्टेडियम
मध्य प्रदेश ने भारत को सीके नायडू से लेकर सैयद मुश्ताक अली तक कई बेहतरीन क्रिकेटर दिए. लेकिन ग्वालियर के सबसे पुराने क्रिकेट स्टेडियम का नाम एक हॉकी खिलाड़ी के नाम पर रखा गया है. ग्वालियर में आठ सितंबर 1908 को जन्मे रूप सिंह हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के छोटे भाई थे. 

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सिंह 1932 और 1936 में ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे. लॉज एंजिलस ओलंपिक्स 1932 में रूप सिंह ने जहां जापान के खिलाफ तीन गोल किए थे, वहीं अमेरिका के खिलाफ उन्होंने 10 गोल जड़ डाले थे. उनकी इन्हीं उपलब्धियों की वजह से ग्वालियर के इस स्टेडियम का नाम रूप सिंह स्टेडियम रखा गया. 

Captain Roop Singh Stadium
कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम (Photo/Getty Images)

खास बात यह है कि स्टेडियम पहले हॉकी के लिए ही बनाया गया था, लेकिन 1988 से इसे क्रिकेट स्टेडियम में तब्दील कर दिया गया. इसी साल भारत और वेस्ट इंडीज ने कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम पर पहला वनडे मैच खेला. मुकाबले में मेहमान टीम ने 73 रन से जीत हासिल की थी. कार्ल हूपर को नाबाद 113 रन बनाने के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया था.

उसके बाद से यह स्टेडियम 12 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों की मेजबानी कर चुका है. भारत और वेस्ट इंडीज ने इस मैदान पर एक मैच 1996 वर्ल्ड कप में भी खेला था. इस मुकाबले में भी तेंदुलकर ने 70 रन की पारी खेलकर मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार अपने नाम किया था. 

यहीं हुआ साउथ अफ्रीका का 'पुनर्जन्म'
क्रिकेट प्रेमियों की याद्दाश्त में यह वाकया तो चस्पा है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने रंगभेद नीतियों के कारण साउथ अफ्रीका पर प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन यह शायद बहुत कम लोग जानते हों कि क्रिकेट में साउथ अफ्रीका के पुनर्जन्म में ग्वालियर की अहम भूमिका है.

दरअसल साउथ अफ्रीका में रंगभेद से जुड़ी नीतियों के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कम्यूनिटी ने आईसीसी में लगातार कड़ा विरोध दर्ज किया था. इन देशों में भारत का नाम भी शामिल था. आईसीसी ने इसकी सनद लेते हुए 1970 में साउथ अफ्रीका को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बैन कर दिया. जो करीब दो दशक तक चला.

Mohammed Azharuddin
ग्वालियर वनडे 1991 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ बल्लेबाजी करते भारत के कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन (Photo/Getty Images)

इस दौरान कुछेक देशों की टीमें क्रिकेट खेलने के लिए साउथ अफ्रीका जाती रहीं. लेकिन इस देश को आईसीसी की मान्यता न मिलने के कारण साउथ अफ्रीका क्रिकेट को आर्थिक रूप से खासा नुकसान हुआ. आखिर 1991 में साउथ अफ्रीका में अश्वेत लोगों को अधिकार मिलने के बाद आईसीसी ने भी इस देश से प्रतिबंध हटा लिया.

प्रतिबंध हटने के बाद साउथ अफ्रीका ने जिस देश में सबसे पहला दौरा किया, वह था भारत. इस दौरे पर साउथ अफ्रीका ने अपना पहला मैच कोलकाता में खेला, जबकि दूसरा मैच ग्वालियर में हुआ. भारत ने भले ही यह मैच 38 रन से जीत लिया लेकिन प्रोटिया टीम के केपलर वेसल्स (Kepler Wessels) ने 96 गेंदों पर 71 रन की संघर्षमय पारी खेलकर वाहवाही लूटी. दक्षिण अफ्रीका के आधे खिलाड़ी भले ही 10 रन का आंकड़ा भी न पार कर पाए हों, लेकिन केपलर की पारी ने कुछ देर के लिए मुकाबले को दिलचस्प जरूर बनाया था. 

सचिन ने जड़ा वनडे का पहला दोहरा शतक
तारीख थी 24 फरवरी 2010 और दिन था बुधवार. भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जाने वाले दूसरे वनडे के लिए ग्वालियर का कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था. हालांकि उस दिन मैदान पर जो हुआ, उसकी किसी को उम्मीद नहीं रही होगी. भारत के लिए पारी की शुरुआत करने उतरे सचिन ने 147 गेंदों में वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का पहला दोहरा शतक जड़ा.

इस पारी के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई दोहरे शतक जड़े गए लेकिन सचिन ने ऐसा करने वाले पहले क्रिकेटर के तौर पर अपना नाम दर्ज करवा लिया. यह दोहरा शतक इतना खास था कि अगले दिन अखबारों में नीति-राजनीति और देश-विदेश की खबरें पीछे चली गईं. पहले पन्ने पर आसमान की तरफ देखते हुए सचिन तेंदुलकर की तस्वीर छाई रही.

अब श्रीमंत माधवराव सिंधिया स्टेडियम में होगा मुकाबला
ग्वालियर में क्रिकेट का केंद्र रहा कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम हालांकि इस बार भारत की मेजबानी नहीं करेगा. भारत-बांग्लादेश के बीच पहला टी20 मैच ग्वालियर में नए बने श्रीमंत माधवराव सिंधिया स्टेडियम (Srimant Madhavrao Scindia Stadium) में खेला जाएगा.

Srimant Madhavrao Scindia Stadium
श्रीमंत माधवराव सिंधिया स्टेडियम

यह स्टेडियम पहली बार एक अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी करेगा. इससे पहले ग्वालियर के नए स्टेडियम ने सिर्फ मध्य प्रदेश प्रीमियर लीग (Madhya Pradesh Premiere League) के 12 मैचों की मेजबानी की है. इन मैचों में पिच बल्लेबाजों के लिए मददगार साबित हुई थी. भारत-बांग्लादेश मैच में भी ऐसा ही होने की संभावना है.