Abilympics 2023: फ्रांस में हुए 10वें अंतर्राष्ट्रीय एबिलिम्पिक्स में भारत 7 मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. ये अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है. 23 से 26 मार्च तक हुई प्रतियोगिता में 13 दिव्यांगजनों ने देश का प्रतिनिधित्व किया. अलग-अलग स्किल्स-आधारित प्रतियोगिताओं में इन 13 लोगों ने 7 मेडल जीते, जिसमें एक गोल्ड, दो सिल्वर, तीन ब्रॉन्ज और एक एक्सीलेंस अवार्ड भारत की झोली में आया है.
महाराष्ट्र के चेतन पाशिलकर के हिस्से गोल्ड मेडल आया है. वहीं महाराष्ट्र की प्रियंका दाभाड़े और मुंबई के काशिफ खान को सिल्वर मेडल मिला है. साथ ही मोहित मजेती और अविनाश केएस और मो शमीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है.
सभी प्रतिभागियों पर पूरा गर्व है
बताते चलें कि ये प्रतियोगिता दिव्यांगजनों के प्रति जागरूकता पैदा करना और उनकी स्किल्स को एक मंच देने का सबसे बड़ा अवसर होती है. वर्ल्डस्किल्स फ्रांस के साथ साझेदारी में फ्रांस एबिलिम्पिक्स एसोसिएशन ने इस प्रतियोगिता को आयोजित किया था. इसमें 27 देशों के लगभग 458 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.
इंडिया टीम का नेतृत्व कर रहे नेशनल एबिलिम्पिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NAAI) के सेक्रेटरी जनरल और सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट के फाउंडर डॉ. जितेंद्र अग्रवाल ने GNT डिजिटल से कहा, "यह भारत के लिए एक शानदार उपलब्धि है और हमें अपने 13 प्रतिभागियों पर बहुत गर्व है. इन सभी लोगों ने अपने काम, कौशल और योग्यता से दिखा दिया है कि अक्षमता सफलता की राह में बाधक नहीं होती है. उन्होंने साबित कर दिया है कि हर कोई कुछ न कुछ बदलाव ला सकता है. "
मेरा नहीं सभी भारतीयों का है मेडल-चेतन
बताते चलें कि भारत को 37 सदस्य राष्ट्रों के बीच इंटरनेशनल एबिलिम्पिक्स फेडरेशन (IAF) की 8 कार्यकारी समिति सदस्यों में से एक के रूप में भी चुना गया है. गोल्ड मेडल जीतने वाले मुंबई, महाराष्ट्र के चेतन पाशिलकर बधिर हैं. उन्होंने स्किल कैटेगरी - पेंटिंग 'वेस्ट रीयूज' में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. चेतन पाशिलकर कहते हैं, "यह मेडल मेरा नहीं है, बल्कि 1.41 अरब भारतीयों का है. ये सभी की इच्छाओं और प्रार्थनाओं के बलबूते ही हो पाया है."
वहीं, सिल्वर मेडल जीतने वाली पुणे, महाराष्ट्र की प्रियंका दाभाड़े ने कढ़ाई में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. महाराष्ट्र के मुंबई से ताल्लुक रखने वाले काशिफ खान को पैटिसरी और कन्फेक्शनरी में सिल्वर मेडल मिला है.
ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले आंध्र प्रदेश के मोहित मजेटी लोकोमोटर डिसेबल हैं, उन्होंने फोटोग्राफी में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. वहीं मैसूर, कर्नाटक के अविनाश केएस को ज्वेलरी मेकिंग में ब्रॉन्ज मेडल मिला है. बिहार के शमीम आलम, जो चलने में अक्षम हैं उन्होंने टेलरिंग में भारत का प्रतिनिधित्व किया और ब्रॉन्ज मेडल जीता.