पेरिस ओलंपिक में भाग लेने वाले भारतीय खिलाड़ियों के लिए एक गुड न्यूज है. दरअसल, पेरिस ओलंपिक के दौरान भारत के खिलाड़ियों को यहां पर भारतीय स्वाद मिलेगा. पहली बार, एथलीट विलेज के डाइनिंग हॉल में विशेष रूप से उबले हुए बासमती चावल, दाल, रोटी, आलू-गोबी, हल्के मसालेदार भारतीय शैली की चिकन करी और दक्षिण एशियाई शोरबा आदि परोसा जाएगा.
शिवा केशवन को हाल ही में ओलंपिक के लिए भारत का डिप्टी शेफ नियुक्त किया गया था. उन्होंने कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के साथ उनकी हालिया बैठक के दौरान खेलों के पेरिस आयोजकों को मेनू के बारे में बताया गया था. उन्होंने कहा कि शुरुआती रेकी मीटिंग यह सुनिश्चित करने के लिए आयोजित की गई थी कि भारतीय एथलीट देश से बहुत दूर, और हाई प्रेशर कंप्टीशन में भी घर जैसा महसूस करें. मीटिंग में भारतीय व्यंजनों से संबंधित सलाह को स्वीकार किया गया और एक न्यूट्रिशनिस्ट ने सभी डिशेज को पोषण के आधार पर मंजूरी दी.
भारतीय खाना होना है बहुत जरूरी
एथलीटों के लिए भोजन एक बड़ा मुद्दा है. हालांकि, ओलंपिक में दुनियाभर के व्यंजन होते हैं लेकिन भारत ने आयोजकों पर एथलीटों के लिए व्यापक दक्षिण एशियाई मेनू शामिल करने के लिए दबाव डाला. एथलीट वैसे भी यहां पर अपने कंफर्ट जोन से बाहर रहते हैं, ऐसे में खाना उनके लिए परेशानी नहीं होना चाहिए. हालांकि एथलीटों को नए तरीके अपनाने की आदत होती है और वे क्या खा रहे हैं, इसके बारे में ज्यादातर चिंता नहीं करते हैं, लेकिन कई बार समस्याएं हो सकती हैं.
कई बार कहा जाता है कि एथलीट्स के लिए पोषण ज्यादा मायने रखता है न कि स्वाद. लेकिन फिर भी हर कोई नई चीजें ट्राई नहीं कर पाता है और ऐसे में बहुत से एथलीट एक अच्छी डाइट नहीं ले पाते हैं. अपना देशी स्वाद मिलने से उन्हें ज्यादा अच्छा पोषण दिया जा सकता है.
यहां होगा Indian Sports Science Centre
भोजन के अलावा, पेरिस के एथलीट विलेज में डॉ. डिनशॉ पारदीवाला की देखरेख में एक भारतीय खेल विज्ञान केंद्र होगा. पारदीवाला ने ओलंपिक पहलवान विनेश फोगट और क्रिकेटर ऋषभ पंत का इलाज किया है. सेंटर में एक दवा और रिकवरी यूनिट होगी और इसे स्थापित करने के लिए बहुत सारी मशीनरी भेजी जा रही हैं.
2024 खेलों को ओलंपिक इतिहास में Green Games का नाम दिया जा रहा है. पेरिस ने पहले ओलंपिक्स की तुलना में इस आयोजन के कार्बन फुटप्रिंट को आधा करने का वादा किया है.
होगा सोशल मीडिया प्रोटोकॉल भी
IOA कम्यूनिकेशन को भी स्ट्रीमलाइन करेगा. एथलीटों को सोशल मीडिया प्रोटोकॉल की ओर भी प्रेरित किया जाएगा. सोशल मीडिया पर क्या पोस्ट करना ठीक है और क्या नहीं, इस पर स्पष्ट दिशानिर्देश होंगे. जाहिर है लोग उन्हें गेम्स विलेज में देखना चाहते हैं और उनका अनुभव जानना चाहते हैं. लेकिन खिलाड़ी कुछ गोपनीय जानकारी को पोस्ट नहीं कर सकते.