भारतीय फुटबॉल टीम के महान खिलाड़ी सुनील छेत्री का जन्म 3 अगस्त 1984 को सिकंदराबाद में हुआ था. सुनील के पिता केबी छेत्री भारतीय सेना की टीम में खेलते थे, वहीं उनकी मां सुशीला छेत्री अपनी जुड़वां बहन के साथ नेपाल की राष्ट्रीय टीम में खेलती थीं. छेत्री ने सोनम भट्टाचार्य से शादी की है. सोनम उनके कोच की बेटी हैं. वह छेत्री को तब से पसंद करती थीं, जब वह सिर्फ 15 साल की थीं. उस समय छेत्री 18 साल के थे और फुटबॉल में अभी अपनी मंजिल तलाश रहे थे.
देश के कई हिस्सों में रहने का मिला मौका
सुनील छेत्री के पिता आर्मी में थे इसलिए वो देश के कई हिस्सों में रहे. सुनील छेत्री ने गंगटोक में स्कूली पढ़ाई की. इसके बाद वो दिल्ली के आर्मी पब्लिक स्कूल में पढ़े. वो कोलकाता में भी पढ़े और 12वीं क्लास के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी क्योंकि इसके बाद उनका फुटबॉल करियर चमक चुका था.
फुटबॉलर नहीं बनना चाहते थे छेत्री
सुनील छेत्री के बारे में एक दिलचस्प बात कम ही लोगों को पता है कि वह कभी पेशेवर फुटबॉलर नहीं बनना चाहते थे. छेत्री ने खुद स्वीकार किया है कि वह शौकिया तौर पर फुटबॉल खेलते थे ताकि किसी अच्छे कॉलेज में स्पोर्ट्स कोटे से एडमिशन हो जाए. लेकिन उनके शुरुआती कोच ने उन्हें फुटबॉलर बनने के लिए प्रेरित किया था.
जब कोच ने की थी बेइज्जती
सुनील छेत्री को अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले. आज भले ही छेत्री भारतीय फुटबॉल के स्टार हैं लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उन्हें टीम के कोच ने नाकाम खिलाड़ी तक कह दिया था. सुनील छेत्री जब 2012 में पुर्तगाल के क्लब स्पोर्टिंग लिस्बन से जुड़े थे तो उस टीम के हेड कोच ने उनकी बेइज्जती की थी. सुनील छेत्री ने एक इंटरव्यू में बताया कि कोच ने उनकी काबिलियत पर सवाल उठाते हुए उन्हें ए टीम से बी टीम में भेजने की बात कही थी. सुनील छेत्री 9 महीने तक क्लब के साथ जुड़े रहे जिसमें उन्हें महज 5 मैच खेलने का मौका मिला. छेत्री अमेरिका के कन्सास सिटी विजार्ड्स से भी 2010 में जुड़े थे हालांकि एक साल के अंदर ही वो भारत लौट आए थे. छेत्री अपने करियर में भारतीय राष्ट्रीय टीम के अलावा मोहन बगान, बेंगलुरु एफसी के भी लिए खेले हैं.
भारत का परचम दुनिया में लहराया
फुटबॉल खेल में कई बड़े रिकार्ड अपने नाम दर्ज करने वाले छेत्री ने अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत साल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ की थी. अंतरराष्ट्रीय करियर में उन्होंने इस खेल में भारत का परचम दुनिया भर में लहराया. सुनील छेत्री के शानदार रिकार्ड्स उनका फुटबॉल खेल को लेकर समर्पण और कड़ी मेहनत को दर्शाता है.
मिल चुके हैं ये अवार्ड्स
सुनील छेत्री को अबतक कई अवार्ड्स से भी सम्मानित किया जा चुका है. इसमें पद्म श्री (2019), अर्जुन अवार्ड (2011) और मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड (2021) शामिल हैं.
संन्यास को लेकर कही थी ये बात
छेत्री ने संन्यास को लेकर बड़ा बयान दिया था. छेत्री ने कहा कि उन्होंने संन्यास लेने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की है. कुछ मानदंड हैं जिनके बारे में सोचता हूं. मैं टीम के लिए योगदान कर पा रहा हूं या नहीं. जितनी कड़ी ट्रेनिंग करना चाहता हूं, उतनी कर पाता हूं या नहीं. ये कुछ मानक हैं जो मुझे बताएंगे कि मैं इस टीम के लिए ठीक हूं या नहीं. जिस दिन मुझे लगा कि ऐसा नहीं है तो मैं खेल को अलविदा कह दूंगा. छेत्री ने कहा, 'लेकिन मैं यह नहीं बता सकता कि यह (संन्यास) एक साल बाद होगा या फिर छह महीने बाद.
सुन्नील छेत्री के रिकार्ड्स
1. भारत के लिए अंतराष्ट्रीय करियर में सबसे ज्यादा मैच खेलने का रिकार्ड सुनील छेत्री के नाम है. छेत्री अबतक 142 मैच खेल चुके हैं.
2. वह भारत की तरफ से सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी भी हैं. अंतरराष्ट्रीय करियर के कुल मैचों में वे 92 गोल लगा चुके हैं.
3. अंतरराष्ट्रीय करियर में सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ियों की ओवरऑल सूची में सुनील छेत्री चौथे पायदान पर मौजूद हैं. जबकि बतौर एक्टिव खिलाड़ी वे तीसरे सर्वाधिक गोल स्कोरर हैं.
4. अंतरराष्ट्रीय गोल प्रति मैच के हिसाब से सुनील छेत्री (0.65), रोनाल्डो (0.62) और मेसी (0.59) से आगे हैं.
5. सुनील छेत्री को रिकॉर्ड सात बार एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर का पुरस्कार मिल चुका है. यह अवॉर्ड उन्हें साल 2007, 2011, 2013, 2014, 2017, 2018-19 और 2021-22 में मिले.
6. सुनील छेत्री तीन अलग-अलग महाद्वीपों एशिया, उत्तरी अमेरिका और यूरोप में खेल चुके हैं. ऐसा करने वाले वे एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं.
7. सुनील छेत्री भारत के लिए सबसे ज्यादा हैट्रिक लगाने वाले खिलाड़ी भी हैं. उन्होंने कुल तीन बार तजाकिस्तान, वियतनाम और चीनी ताइपे के खिलाफ हैट्रिक लगाई है.
8. सुनील छेत्री इंटरनेशनल फुटबॉल में सर्वाधिक गोल करने वाले दूसरे एशियाई खिलाड़ी हैं.