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24 June: जब वाडेकर की कप्तानी में इंग्लैंड के सामने 42 रनों पर ढेर हो गई थी टीम इंडिया, ऐसा रहा था उस टेस्ट मैच में भारतीय दिग्गजों का प्रदर्शन

24th June in Cricket History: भारतीय क्रिकेट टीम 1974 में एक स्टार की तरह तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने इंग्लैंड गई थी. अजीत वाडेकर की कप्तानी में टीम इंडिया इससे पहले खेले गए टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड को हरा चुकी थी. लेकिन इस सीरीज में हार का मुंह देखना पड़ा था. 

भारत को लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड से मिली थी हार (फोटो ट्विटर) भारत को लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड से मिली थी हार (फोटो ट्विटर)
हाइलाइट्स
  • 24 जून 1974 को लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया था टेस्ट मैच

  • देश लौटते ही कप्तान वाडेकर ने ले लिया था संन्यास 

टीम इंडिया इस समय चाहे टेस्ट मैच हो, वनडे हो या टी-20 अपना डंका पूरी दुनिया में बजा रही है. लेकिन एक टेस्ट मैच ऐसा है, जिसे भारतीय टीम कभी याद रखना नहीं चाहेगी. जी हां, हम बात कर रहे हैं 24 जून 1974 को लॉर्ड्स के मैदान पर खेले गए उस टेस्ट मैच की, जिसमें टीम इंडिया महज 42 रनों पर ढेर हो गई थी. इंग्लैंड टीम ने यह मैच ही नहीं बल्कि पूरी सीरीज जीत ली थी. आइए आज जानते हैं, उस मैच में भारतीय दिग्गज बल्लेबाजों का कैसा प्रदर्शन रहा था?

बेहतर प्रदर्शन कर इंग्लैंड में खेलने गई थी टीम
भारतीय क्रिकेट टीम 1974 में एक स्टार की तरह तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने इंग्लैंड पहुंची थी. अजीत वाडेकर की कप्तानी में टीम इंडिया इससे ठीक पहले 1971 और 1972 के 2 साल में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज जैसी टीमों को टेस्ट सीरीज में हरा चुकी थी. ऐसे में इस टेस्ट सीरीज का प्रबल दावेदार भारत को माना जा रहा था. पहला टेस्ट मैच मैनचेस्टर में खेला गया, जिसमें भारतीय टीम 113 रन से हार गई.

क्रिकेट के 'मक्का' में खेला गया दूसरा टेस्ट मैच 
सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच क्रिकेट का 'मक्का' कहे जाने वाले लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया था. इस टेस्ट मैच में इंग्लैंड के कप्तान माइक डैनेस ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी ली. इंग्लैंड ने पहली पारी में बिशन सिंह बेदी के 6 विकेट लेने के बावजूद 629 रन ठोक दिए. डेनिस एमिस ने 188, माइक डैनेस ने 118 और टोनी ग्रेग (Tonny Greig) ने 106 रन बनाए. जवाब में उतरी भारतीय टीम ने भी तगड़ी टक्कर दी और 302 रन बना लिए. हालांकि कोई भी भारतीय खिलाड़ी शतक नहीं बना पाया. इंग्लैंड ने भारत को फॉलोऑन के लिए मजबूर किया और यहीं से मैच का नतीजा तय हो गया.

भारतीय टीम महज 17 ओवर ही खेल पाई 
फॉलोऑन पारी खेलते हुए भारतीय टीम महज 17 ओवर ही खेल पाई और 42 रनों पर ढेर हो गई. भारतीय बल्लेबाजों ने फॉलो ऑन पारी में पूरी तरह सरेंडर कर दिया. सुनील गावस्कर (5 रन), फारुख इंजीनियर (0), कप्तान वाडेकर (3), गुंडप्पा विश्वनाथ (5), ब्रिजेश पटेल (1) जैसे धुरंधर कुछ नहीं कर पाए. 

एकनाथ सिर्फ दहाई का आंकड़ा छू पाए थे
एकनाथ सोलकर (नाबाद 18 रन) ही एकमात्र भारतीय बल्लेबाज थे, जो दहाई का आंकड़ा छू पाए. इंग्लैंड के दाएं हाथ के गेंदबाज ज्योफ अर्नोल्ड ने 19 रन देकर 4 विकेट ओर क्रिस ओल्ड ने 21 रन देकर 5 विकेट झटके थे. इंग्लैंड ने पारी और 285 रनों से बाजी मारी. तीसरे टेस्ट मैच में भी भारतीय टीम हार गई थी. इस हार से भारतीय प्रशंसक बेहद नाराज हुए, यहां तक कि कप्तान वाडेकर के घर पर पत्थर भी फेंके गए. आखिरकार देश लौटते ही कप्तान वाडेकर ने क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी, जब उन्हें पता चला कि उनसे वेस्ट जोन की कप्तानी छीन ली गई है. 

2020 में सिर्फ 36 रन पर आउट हो गई थी भारतीय टीम
करीब 46 साल तक यह 42 रन टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम का न्यूनतम स्कोर रहा. हालांकि 2020 में टीम इंडिया ने इससे भी बड़ा शर्मनाक रिकॉर्ड बना दिया, जब उसे ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ 36 रन पर समेट दिया. भारतीय बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के पहले मैच में अपनी दूसरी पारी में 36 रन बनाकर टेस्ट क्रिकेट में अपना सबसे कम स्कोर बनाया था. भारतीय टीम दो बार 58 रनों पर ढेर हो चुकी है. पहली बार 1947 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन में 58 रनों पर और इसी स्कोर पर 5 साल बाद 1952 में इंग्लैंड खिलाफ मैनचेस्टर में टीम इंडिया आउट हो चुकी है.