भारतीय महिला आइस हॉकी टीम (Indian women's ice hockey team)ने इतिहास रच दिया है. भारतीय टीम दुबई में यूनियन लेडीज हॉकी टूर्नामेंट के खिताब के मुकाबले में रनरअप रही. हालांकि, फाइनल में टीम को हार का सामना करना पड़ा लेकिन, ऐसा पहली बार हुआ है जब भारतीय महिला आइस हॉकी टीम इंटरनेशनल टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची हो.
लद्दाख महिला आइस हॉकी फाउंडेशन की टीम को फाइनल मैच में अबु धाबी की टीम से 2-1 से हार का सामना करना पड़ा. टीम का कहना है कि इसमें उन्हें लद्दाख प्रशासन से किसी भी तरह का कोई समर्थन नहीं मिला. अपने दम पर उन्होंने यह मैच खेला और जीता.
लद्दाख प्रशासन से नहीं मिली थी मदद
टीम ने वित्तीय सहायता के लिए लद्दाख प्रशासन और युवा सेवा और खेल विभाग को पत्र लिखा था लेकिन, उन्होंने उनके लिए कुछ नहीं किया. टीम के खिलाड़ियों ने कहा, "उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर, टीम ने 20 एथलीटों के यात्रा और वीजा खर्च के लिए 10.56 लाख रुपये की व्यवस्था करने के लिए 10 मार्च को सस्पोल निर्वाचन क्षेत्र के पार्षद समनला दोरजे नूरबू से संपर्क किया."
काउंसलर ने अपने करीबी दोस्त से और एक फंडिंग अभियान के माध्यम से पैसों का इंतजाम किया और दुबई स्थित टूर्नामेंट के लिए टीम को प्रायोजित किया. इस बीच, दिल्ली में भारतीय युवा कांग्रेस मुख्यालय के प्रतिनिधियों द्वारा पार्षद से संपर्क किया गया और उनसे कहा कि 10.56 लाख की पूरी राशि आईवाईसी द्वारा वित्त पोषित की जाएगी और युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने भी उन्हें भीड़-वित्त पोषण अभियान जारी रखने का सुझाव दिया.
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