नीरज चोपड़ा के लिए, टोक्यो ओलंपिक में उनके गोल्ड मेडल तक सफर केवल शारीरिक कौशल की परीक्षा ही नहीं थी, बल्कि इसमें उनकी कई रातों की नींद भी गई. नीरज चोपड़ा वह आराम नहीं मिल पाया जिसकी उन्हें सख्त जरूरत थी. हालांकि, नींद से ये लड़ाई उनकी अकेले की नहीं है. दुनिया के लगभग सभी खिलाड़ियों को इसी तरह के संघर्ष का सामना करना पड़ता है. लेकिन इसबार भारतीय खिलाड़ियों को इससे निजात मिल सकता है. आगामी पेरिस ओलंपिक में, भारतीय दल यह सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठा रहे हैं कि देश के खिलाड़ियों को नींद की कमी न हो.
स्लीप एडवाइजर भी होगा
ओलंपिक इतिहास में पहली बार, भारतीय टीम के साथ उनकी स्पोर्ट साइंस टीम के हिस्से के रूप में एक स्लीप एडवाइजर भी होगा. खिलाड़ियों का प्रदर्शन और रिकवरी और बेहतर हो इसके लिए एक्सपर्ट डॉ. मोनिका शर्मा को नियुक्त किया गया है. पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी की फेलो डॉ. मोनिका शर्मा ने ओलंपिक के दौरान खिलाडियों के सामने वाने वाली नींद से जुड़ी परेशानियों के बारे में इंडियन एक्सप्रेस को बताया. वे कहती हैं, “हम चुनौतियों से निपटने और उनके परिणामों को और बेहतर करने में एथलीटों की मदद करेंगे.” इसके लिए पर्सनल स्लीप स्ट्रेटेजी, स्लीप पॉड और ट्रैवल स्लीप किट जैसे नए समाधान शामिल हैं.
पेरिस के लिए तैयारी
26 जुलाई से 11 अगस्त तक होने वाला पेरिस ओलंपिक कई सारी चुनौतियां भी ला रहा है. गर्मियों के दौरान यूरोप में दिन के लंबे घंटे उन लोगों को परेशान कर सकते हैं. साथ ही पेरिस में गर्मी की वजह से नींद भी बाधित हो सकती है.
इन संभावित व्यवधानों से निपटने के लिए, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) गेम्स विलेज के भीतर स्लीपिंग पॉड स्थापित करने की योजना बना रहा है. ये पॉड एथलीटों को नियंत्रित, आरामदायक वातावरण देंगे ताकि वे बेहतर तरीके से सो सकें. इसके अलावा, दल के हर सदस्य को एक ट्रैवल स्लीपिंग किट दी जाएगी, जिससे उन्हें नींद लेने में मदद मिल सकेगी. इन किटों में स्लीप मास्क, ट्रेवल पिलो और इयरप्लग सहित दूसरे सामान शामिल होंगे.
नींद से जुड़ी हैं कई चुनौतियां
डॉ. मोनिका शर्मा ने भारतीय एथलीटों से मिलने और उनकी नींद की चुनौतियों को समझने के लिए दुनिया भर में यात्रा करके अपना मिशन पहले ही शुरू कर दिया है. वह कहती हैं, "एथलीटों को नींद के बारे में काफी कम समझ है.” ऐसे में डॉ. मोनिका का पहला कदम खिलाड़ियों को नींद के महत्व के बारे में शिक्षित करना और फिर ऐसी स्ट्रेटेजी तैयार करना है जो नींद की मात्रा से ज्यादा गुणवत्ता को प्राथमिकता दें.
डॉ. मोनिका शर्मा को यह विश्वास है कि नींद में छोटे सुधार भी प्रदर्शन पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं. साथ ही नींद मानसिक सुधार के लिए भी जरूरी है, जिससे एथलीटों को कॉम्पीटीशन के तनाव और दबाव का मैनेज करने में मदद मिलती है.