कॉमनवेल्थ गेम्स में उत्तर प्रदेश के 8 खिलाड़ियों ने मेडल जीते या मेडल जीतने वाली टीमों का हिस्सा रहे. प्रदेश की योगी सरकार खिलाड़ियों के इस प्रदर्शन से उत्साहित है. सरकार की मंशा है कि प्रदेश में हर जगह ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो, जहां से इंटरनेशनल लेवल के खिलाड़ी निकल सकें. इसके लिए योगी सरकार काफी समय से प्रयासों में जुटी है और वृहद स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार भी किया जा रहा है. इसी कड़ी में सरकार ने अब डिग्री कॉलेजों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का फैसला किया गया है.
राज्य से निकलेंगे इंटरनेशनल लेवल के खिलाड़ी
दरअसल, इसका मकसद है कि ओलंपिक, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे मल्टीस्पोर्ट्स इवेंट के लिए खिलाड़ी निकल सकें. इसके तहत उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में क्रीड़ा सामग्री मुहैया कराई जा रही है. मेजर ध्यानचंद मिशन के अंतर्गत उच्च शिक्षा विभाग ने एक करोड़ 72 लाख रुपए का फंड जारी किया है. उच्च शिक्षा विभाग प्रत्येक राजकीय महाविद्यालय को क्रीड़ा सामग्री की खरीद के लिए एक-एक लाख रुपए प्रदान करेगा. इससे जरूरी खेल सामग्री खरीदी जाएगी और खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए कहीं और नहीं भटकना पड़ेगा.
खरीदी जाएगी खेल सामग्री
सहायक शिक्षा निदेशक डॉ. जय सिंह के अनुसार खेलकूद विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार क्रीड़ा सामग्री की खरीद की जा रही है. इसके लिए एक लाख रुपए प्रति राजकीय महाविद्यालय की दर से 1.72 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया था. इस रकम से कार्डियो इक्विपमेंट के तहत कर्व्ड ट्रेडमिल, क्रॉस ट्रेनर, स्पिन बाइक के अलावा मल्टीजिम, डंबल, बार बेल्स, स्विस बॉल समेत अन्य साजो सामान खरीदा जाना है. इन सामग्रियों की मदद से महाविद्यालयों में खेल का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा और खिलाड़ियों को कॉलेज में ही विभिन्न खेलों का प्रशिक्षण मिल सकेगा. इसके जरिए खिलाड़ी किसी भी इवेंट में हिस्सा ले सकेंगे और जिले या मंडल स्तर की खेलकूद प्रतियोगिताओं की तैयारी कर सकेंगे. इसके तहत छात्रों को स्कूल के शारीरिक प्रशिक्षक या खेलकूद के कोच द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा.
प्राचार्यों को जारी हुआ पत्र
उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के वित्त नियंत्रक शिवराम की ओर से समस्त राजकीय स्नातक एवं स्नातकोत्तर महाविद्यालयों के प्राचार्यों को जारी पत्र में धन आवंटित किए जाने की जानकारी दी है. साथ ही पत्र में कहा गया है कि आवंटित धनराशि का उपयोग इसी वित्तीय वर्ष में किया जाना है. धनराशि का इस्तेमाल शासन द्वारा तय नियमावली के अनुसार हो और यदि कुछ धन बचता है तो विभाग को उसका समर्पण किया जाए. वित्त नियंत्रक शिवराम के अनुसार मेजर ध्यानचंद मिशन के तहत यह फंड जारी किया गया है. इसके जरिए महाविद्यालय स्तर पर खेलों का विकास होगा और जिलों से लेकर प्रदेश तक ऐसे खिलाड़ी निकलेंगे, जो भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन करेंगे.
खेलों को प्रोत्साहित कर रही सरकार
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठा रही है. प्रदेश में खेलों का वृहद इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है. मेरठ में जहां पहली खेल यूनिवर्सिटी बन रही है तो वहीं प्रत्येक जिले में एक खेल को प्रोत्साहित किया जा रहा है. कई जिलों में स्पोर्ट्स हॉस्टल बनाया जा रहा है तो वाराणसी में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण हो रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार की पहल पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कानपुर और वाराणसी में मल्टी स्पोट्सर् कांप्लेक्स बनाए जा रहे हैं. सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को पदक जीतने पर नकद इनाम की घोषणा की है तो उन्हें सीधे राजपत्रित अधिकारी के तौर पर नियुक्ति भी दी जा रही है.