इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 के लिए मेगा ऑक्शन में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने वेंकटेश अय्यर पर बड़ा दांव लगाया और उन्हें 23.75 करोड़ रुपए में खरीदा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वेंकटेश अय्यर न केवल एक बढ़िया और ऑलराउंडर क्रिकेटर हैं, बल्कि वह एक अच्छे छात्र भी हैं. लाखों दिलों पर राज करने वाले इस ऑलराउंडर ने क्रिकेट के मैदान से वक्त निकालकर पढ़ाई में टाइम देना शुरू कर दिया है. वेंकटेश ने पीएचडी कर रहे हैं. तो चलिए जानते है कि अय्यर आखिर क्यों पीएचडी करना चाहते हैं और कौन भारतीय क्रिकेटर सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा है.
वेंकटेश अय्यर कर रहे हैं पीएचडी-
वेंकटेश अय्यर आईपीएल के सबसे महंगे नीलामी में बिकने वाले खिलाड़ी हैं. वेंकटेश अय्यर को केकेआर ने खरीदा है. अय्यर खेल के साथ पढ़ाई पर भी फोकस कर रहे हैं. अय्यर ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि वो पीएचडी कर रहे हैं. वो फाइनेंस में पीएचडी कर रहे हैं. पीएचडी की डिग्री मिलने के बाद अय्यर अपने नाम के आगे डॉक्टर लगा सकेंगे. उनका कहना है कि शिक्षा हमेशा आपके साथ रहती है. एक क्रिकेटर 60 साल की उम्र तक नहीं खेल सकता. शिक्षित होने से आपको निर्णय लेने में भी आसानी होती है.
साल 2021 से खेल रहे हैं IPL-
वेंकटेश अय्यर साल 2021 से आईपीएल खेल रहे हैं. उन्होंने लीग में अब तक 50 मैच खेले हैं. इस दौरान अय्यर ने 31.57 की औसत और 137.13 की स्ट्राइक रेट से 1326 रन बनाए हैं. आईपीएल में उन्होंने 11 अर्धशतक और 1 शतक लगाया है. आईपीएल में उनका सबसे ज्याद स्कोर 104 रन है. लीग में उन्होंने 3 विकेट भी अपने नाम किए हैं.
सबसे पढ़ा-लिखा क्रिकेटर-
वेंकटेश अय्यर पीएचडी कर रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का सबसे पढ़ा-लिखा क्रिकेटर किस खिलाड़ी को माना जाता है? नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं. चलिए हम आपको उसके खिलाड़ी के बारे में बताते हैं.
जब भारत के सबसे पढ़े-लिखे क्रिकेटर्स की बात होती है तो उसमें सबसे टॉप पर आविष्कार साल्वी का नाम आता है. साल्वी भारत के सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे क्रिकेटर हैं. साल्वी ने स्ट्रोफिजिक्स में पीएचडी की है. आविष्कार साल्वी का जन्म मुंबई में हुआ. उन्होंने साइंस स्ट्रीम से पढ़ाई की. आविष्कार साल्वी की स्पेस स्टडी में गहरी रुचि है.
स्ट्रोफिजिक्स में पीएचडी वालों को ISRO से लेकर NASA तक काम करने का मौका मिलता है. इसके अलावा स्ट्रोफिजिक्स के जरिए BARC और NCRA जैसी जगहों में नौकरी का मौका मिलता है.
नहीं चला खिलाड़ी के तौर पर लंब करियर-
आविष्कार साल्वी ने अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू साल 2001-02 रणजी सीजन में किया. साल्वी ने साल 2003 में भारत के लिए बांग्लादेश के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया. उन्होंने भारत के लिए 4 वनडे मैच खेले हैं. पहले ही वनडे मैच में उन्होंने 7 ओवर में सिर्फ 15 रन देकर 2 विकेट हासिल किए. उनकी गेंदबाजी एक्शन ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा जैसी है. उन्होंने 7 IPL मैच खेले, जिसमें 7 विकेट मिले. साल 2013 में उन्होंने अपना आखिरी मैच खेला.
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