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ISSF Junior World Championship: गांव के मेले में बैलून शूटिंग से लेकर Junior World Champion तक.... 16 साल के पार्थ माने बने मिसाल, Paris Olympic के सिल्वर मेडलिस्ट को हराया

ISSF Junior World Championship 2024 में 10 मीटर एयर राइफल फाइनल में गोल्ड जीतकर16 वर्षींय पार्थ माने भारत के लेटेस्ट जूनियर विश्व चैंपियन बन गए हैं.

Parth Mane (Photo: Facebook) Parth Mane (Photo: Facebook)

पेरू के लीमा में ISSF Junior World Championship 2024 में पुरुषों के 10 मीटर एयर राइफल फाइनल में जीतकर भारत के16 वर्षींय पार्थ माने ने इतिहास रचा है. इसके साथ ही, वह शूटिंग में भारत के लेटेस्ट जूनियर विश्व चैंपियन बन गए हैं. फाइनल में मौजूदा जूनियर एशियाई चैंपियन चीन के हुआंग लिवानलिन के अलावा पेरिस ओलंपिक के रजत पदक विजेता स्वीडन के विक्टर लिंडग्रेन जैसे निशानेबाजों के साथ कंपीट करते हुए पार्थ ने 250.7 का स्कोर बनाया. 

पार्थ ने फाइनल जीतने के बाद जब मीडिया से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें गेम के बाद पता चला कि वह ओलंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट से कंपीट कर रहे हैं. लेकिन उनका शुरू से लक्ष्य अपने गेम पर था. पार्थ की स्किल की बात करें तो उनका टैलेंट नेचुरल है, उन्होंने अपनी प्रोसेस और टेक्निक पर काम किया है. पार्थ का इस मुकाम तक पहुंचने का सफर बहुत ही दिलचस्प रहा है. 

गांव के मेले में समझ आया टैलेंट 
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, साल 2016 में पार्थ अपने पिता के साथ सोलापुर के एक गांव के मेले में गए थे. उनके पिता राकेश माने महाराष्ट्र पुलिस में सहायक पुलिस निरीक्षक (सीआईडी) थे. यहां उन्होंने अपने बेटे की शूटिंग करने के नेचुरल टैलेंट पर ध्यान दिया. उस समय पार्थ 8-9 साल के थे और उसने मेले में छोटी एयर राइफल से पहली बार में 3-4 गुब्बारे मारे थे. राकेश ने पार्थ से गुब्बारों पर निशाना लगाने को कहा और पार्थ ने हर बार हिट किया. राकेश भी अपने कॉलेज के दिनों में एक निशानेबाज थे और उन्हें एहसास हुआ कि निशानेबाजी का पार्थ में स्वाभाविक टैलेंट है. 

कुछ समय सोलापुर में ट्रेनिंग के बाद, राकेश माने ने पार्थ को पुणे में अपनी बहन के घर भेजने का फैसला किया ताकि उनकी अच्छी ट्रेनिंग हो सके. साल 2018 में पार्थ ने यहां ट्रेनिंग करना शुरू किया था. साल 2019 में उनके पिता न उन्हें सेविंग करके राइफल दिलाई. लेकिन इसके तीन महीने बाद, कोविड -19 के कारण लॉकडाउन लग गया. लेकिन राकेश ने पार्थ की ट्रेनिंग नहीं रुकने दी. उन्होंने अपने घर पर ही सीमेंट और लकड़ी के पैनलों से बनी एक अस्थायी रेंज बनाई और वहां पार्थ ने प्रशिक्षण शुरू किया. 

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हराया वर्तमान जुनियर वर्ल्ड चैंपियन को 
साल 2021 में राकेश माने का मुंबई ट्रांसफर हो गया तो यहां पार्थ ने लक्ष्य शूटिंग क्लब में कोच सुमा शिरूर के तहत प्रशिक्षण शुरू किया. पार्थ ने उसी साल राष्ट्रीय स्तर पर उप-युवा वर्ग में 652.7 का स्कोर हासिल किया. इससे पता चला कि वह विशेष प्रतिभा हैं. पार्थ ने 2023 में भारतीय जूनियर टीम में जगह बनाने से पहले राष्ट्रीय स्तर पर उप-युवा राष्ट्रीय खिताब जीता. इस साल की शुरुआत में, माने ने जकार्ता में एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य और ग्रेनेडा में आईएसएसएफ विश्व कप में रजत पदक जीता था. 

लीमा में माने ने 627.7 के स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रहकर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था, जिसमें हमवतन अभिनव शॉ और अजय मलिक भी शामिल थे. फाइनल में, माने कभी भी टॉप दो स्थान से बाहर नहीं हुए और जूनियर एशियाई चैंपियन चीन के हुआंग लिवानलिन को हराकर खिताब जीता. यूएसए के ब्रैडेसन पीज़र तीसरे और लिंडग्रेन चौथे स्थान पर रहे. फाइनल में 24 शॉट्स में से, माने ने 10.5 या उससे ज्यादा के स्कोर के साथ 14 शॉट लगाए. 

शूटिंग में शानदार है भारत का प्रदर्शन 
पार्थ माने का सफलता ने दिखाया है कि भारत में शूटिंग स्पोर्ट्स का भविष्य सुनहरा है. पेरिस ओलंपिक में भी शूटिंग में भारत को तीन मेडल मिले. इससे पहले शूटिंग में भारत के शूटर 2012 लंदन में दो मेडल, 2008 बीजिंग में गोल्ड और 2004 एथेंस में सिल्वर जीत चुके हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप्स के अलावा एशियन गेम्स में भी भारतीय शूटर्स का बोलबाला रहा है. 

ISSF Junior World Championship 2024 में भी राइफल, पिस्टल और शॉटगन शूटिंग कंपटीशन्स में भारत ने 10 गोल्ड, एक सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज जीते. राइफल शूटिंग में पार्थ ने सोलो और टीम इवेंट, दोनों में गोल्ड जीतकर अपनी प्रतिभा साबित की. इस युवा टैलेंट को देखकर भरोसा बनता है कि आने वाले समय में शूटिंग के क्षेत्र में भारत अच्छा परफॉर्म करेगा.