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Junior Asia Cup: कभी जूते खरीदने के भी नहीं हुआ करते थे पैसे, आज उत्तम सिंह के हाथ में है जूनियर भारतीय हॉकी टीम की कमान, पहले भी देश का नाम कर चुके हैं रोशन

Junior Asia Cup: आज उत्तम सिंह के हाथ में जूनियर भारतीय हॉकी टीम की कमान है. एक समय था जब उनके पास जूते खरीदने के भी पैसे नहीं हुआ करते थे. लेकिन आज वे देश का नाम रोशन कर रहे हैं.

उत्तम सिंह उत्तम सिंह
हाइलाइट्स
  • 2010 से हुआ हॉकी का सफर शुरू 

23 मई से 1 जून तक ओमान के सलालाह में जूनियर एशिया कप होने जा रहा है. यह मलेशिया में दिसंबर में होने वाले जूनियर विश्व कप के लिए क्वालीफाइंग इवेंट है. भारत को पूल ए में पाकिस्तान, जापान, थाईलैंड और चीनी ताइपे के साथ रखा गया है जबकि कोरिया, मलेशिया, ओमान, बांग्लादेश और उज्बेकिस्तान को पूल बी में रखा गया है. स्ट्राइकर उत्तम सिंह 18 प्लेयर्स वाली अपनी हॉकी टीम का नेतृत्व करने वाले हैं. उत्तम सिंह ने इस साल एशिया कप टीम का हिस्सा रहते हुए अपना सीनियर डेब्यू किया था. उत्तम पिछले 13 साल से हॉकी खेल रहे हैं. 

2010 से हुआ हॉकी का सफर शुरू 

दरअसल, उत्तम सिंह का सफर 2010 में करमपुर हॉकी स्टेडियम में शुरू हुआ था. स्क्रॉल की रिपोर्ट में उत्तम बताते हैं कि "यह सफर काफी संघर्ष वाला रहा है. मुझे हॉकी के जूते खरीदना भी मुश्किल था. खेलने के लिए जूते कहीं न कहीं से मिल जाते थे, या घरवाले दिलवा देते थे. करमपुर हॉकी स्टेडियम को स्वर्गीय ठाकुर तेज बहादुर सिंह चलाते थे. जूते वगैरह सब फ्री में देते थे. जब मैं बच्चा था तो वह मुझे बहुत पसंद करते थे. वह मुझे पढ़ाते थे, उन्होंने मेरी बहुत मदद की. लेकिन जब मैं हॉस्टल (SAI लखनऊ) पहुंचा तो समस्याएं धीरे-धीरे हल होने लगीं. पैसे से लेकर मेरे हुनर ​​सीखने तक, जब मैं 2015 के आसपास हॉस्टल गया तब भी उन्होंने मेरी बहुत मदद की.”

पहले मेरा चयन नहीं हो रहा था 

हॉकी खिलाड़ी के रूप में उत्तम सिंह से जब उनकी सबसे बड़ी चुनौती के बारे में पूछा गया तो वह कहते हैं, “मैं 2019 में ही भारत के शिविर में आया था. 2011 से 2018 तक, मैंने हमेशा महनत की. मैं चयनित होने के लिए पर्याप्त अच्छा नहीं खेल रहा था. मेरा सिलेक्शन नहीं हो पा रहा था. 2018-19 के आसपास, मैंने नेशनल में खेलना शुरू किया, लेकिन इससे पहले मेरा कहीं भी सिलेक्शन नहीं हो रहा था. हॉस्टल के बाकी लड़के खेलते थे तो मुझे लगता था कि मुझे उनसे ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है.”

उत्तम कहते हैं, “मैं बहुत कम सोता था. जब भी समय मिलता मैं हॉकी की बॉल प्रैक्टिस के लिए ले जाता था.  दोपहर में, देर रात को भी मैं प्रैक्टिस करता था. यहां तक ​​कि जब मैंने सोचा कि मैं नहीं कर पाऊंगा... तब भी मैं नहीं रुका, मैं चलता रहा. और अगले साल मैं शिविर में आ गया.

हॉकी में आना मेरे लिए बड़ी बात 

उत्तम स्क्रॉल को दिए इंटरव्यू में कहते हैं, “एक महत्वाकांक्षी खिलाड़ी के लिए, देश के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के समूह के साथ हॉकी कैंप में शामिल होना एक बड़ा कदम है. इसका मतलब यह नहीं है कि वे न केवल भारत के ब्लू पहनने के करीब हैं, बल्कि वे देश के सर्वश्रेष्ठ लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाते हैं और देखते हैं कि वे कैसे काम करते हैं. यह सीखने का सबसे अच्छा तरीका होता है.”

कैसी होगी पूरी टीम?

भारतीय टीम में जबरदस्त प्रतिभावान खिलाड़ियों को चुना गया है. जहां उत्तम सिंह कैप्टेन हैं तो बॉबी सिंह धामी को टीम का उपकप्तान बनाया गया है. मोहिथ एचएस और हिमवान सिहाग गोलकीपर हैं जबकि शारदानंद तिवारी, रोहित, अमनदीप लाकड़ा, आमिर अली और योगेम्बर रावत डिफेंस की कमान संभालेंगे. मिडफील्ड अनुभवी विष्णुकांत सिंह देखेंगे जिन्होंने राउरकेला में हाल ही में आयोजित प्रो लीग के दौरान शानदार प्रदर्शन किया था. उनके साथ राजिंदर सिंह, पूवन्ना सीबी, अमनदीप और सुनीत लाकड़ा शामिल होंगे, जबकि बॉबी सिंह धामी, अरिजीत सिंह हुंदल, आदित्य लालगे, उत्तम सिंह, सुदीप चिरमाको और अंगद बीर सिंह को फॉरवर्ड लाइन में रखा गया है.