कहते हैं सपने भी उन्हीं के पूरे होते हैं जिनके हौसलों में उड़ान होती है. हौसले मजबूत हों तो कुछ भी पाया जा सकता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है आंध्र प्रदेश की लड़कियों की कबड्डी टीम ने. उन्होंने जीत से आगाज कर दिया है. बता दें, इस कबड्डी टीम में 12 में से दस लड़कियां विजयनगरम के पास कापूसम्भम के एक छोटे से गांव से हैं. इससे भी आश्चर्यजनक बात यह है कि ये सभी खेतिहर मजदूरों की बेटियां हैं.
हमें अपने माता पिता पर गर्व है
खेलो इंडिया युवा खेल में भाग ले रहीं आंध्र प्रदेश की महिला कबड्डी टीम के 12 सदस्यों में से नौ खेत में काम करने वाले मजदूर की बेटियां है, जिन्होंने शुक्रवार को शुरुआती मैच में छत्तीसगढ़ को 40-28 से हराकर शानदार आगाज कर दिया है.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के हवाले से मैच में 14 पॉइंट बनाने वाली वंदना सूर्यकला कहती हैं, 'इससे क्या फर्क पड़ता है कि मैं खेत में मजदूरी करने वाले की बेटी हूं. मुझे अपने माता-पिता पर गर्व है.'सभी का कोई न कोई पेशा होता है और मेरे माता-पिता पेशे से मजदूर हैं. मुझे उन पर बहुत गर्व है.'
खेतों में दौड़कर करती थीं खुद को तैयार
राज्य के विजयनगरम के पास कापूसम्भम की इस खिलाड़ी ने में दमदार जीत के बाद कहा, 'मैंने एक रनर के रूप में शुरुआत की थी. जब मैं छोटी थी तो मैं खेतों में दौड़ती थीं. सात साल की उम्र में मैंने अपने सभी दोस्तों को कबड्डी खेलते हुए देखकर इस खेल को खेलने का मन बनाया.”
हमेशा मिला है परिवार का सपोर्ट
ऐसे ही दूसरी खिलाड़ी जीएनआर जूनियर कॉलेज की छात्रा मुनाकला देविका कहती है, “हमें अपने माता-पिता पर गर्व है और आज उन्हीं की वजह से हम यहां तक पहुंचे हैं. उन्होंने हमें खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित किया है. हमें हमारे परिवार ने हमेशा सपोर्ट किया है.
गौरतलब है कि 2,262 लड़कियों सहित लगभग 5000 एथलीट अगले 10 दिनों में खेलने वाले हैं.