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Karman Kaur Thandi: जानिए कौन हैं करमन कौर थांडी, जो बनीं भारत की नंबर एक महिला टेनिस खिलाड़ी

Karman Kaur Thandi: करमन कौर थांडी ने कनाडा के सगुएने में डब्ल्यू 60 आईटीएफ इवेंट जीतकर अपने टेनिस करियर का सबसे बड़ा खिताब जीता है. इस जीत के बाद करमन भारत में नंबर वन महिला टेनिस खिलाड़ी बन गईं हैं.

करमन कौर थांडी करमन कौर थांडी
हाइलाइट्स
  • अंकिता रैना को पीछे छोड़ हासिल किया नंबर एक का ताज

  • डब्ल्यू 60 आईटीएफ करमन के करियर का तीसरा खिताब है

करमन कौर थांडी अब भारत की नंबर 1 महिला एकल टेनिस खिलाड़ी बन गई हैं. करमन ने रविवार को कनाडा के  W60 ITF इवेंट में अपनी जीत के बाद लंबे समय से नंबर एक पर काबिज अंकिता रैना को हटा दिया. यह जीत करमन के करियर की अब तक की सबसे बड़ी एकल खिताबी जीत है. इस जीत के साथ नए डब्ल्यूटीए रैंकिंग में करमन को जबरदस्त फायदा हुआ है. अब वो 91 स्थान की लंबी छलांग लगाते हुए 217वें स्थान पर पहुंच गई हैं. वहीं अंकिता 13 स्थान नीच खिसककर 297वें स्थान पर आ गई हैं.

2018 में जीता था पहला एकल खिताब

बता दें कि करमन ने 2018 में हांगकांग में अपना पहला एकल खिताब जीता था और उसी साल वो करियर की सर्वश्रेष्ठ 196 रैंकिंग हासिल की थीं. सगुएने में ये जीत करमन का तीसरा एकल खिताब है और इस साल दूसरा खिताब है. इससे पहले जून में करमन ने गुरुग्राम में W25 टूर्नामेंट जीता था. उनके पहली एकल खिताबी जीत की बात करें तो वो साल 2018 में हांगकांग में अपना पहला एकल खिताब जीता था.

कनाडा की कैथरीन सेबोव को फाइनल में हराया

डब्ल्यू 60 आईटीएफ इवेंट के फाइनल की बात करें तो उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी कनाडा की कैथरीन सेबोव को 3-6, 6-4, 6-3 से हराकर खिताब जीत लिया. इससे पहले टूर्नामेंट में, करमन ने पहले दौर में दूसरी वरीयता प्राप्त रॉबिन एंडरसन और दूसरे दौर में फ्रेंच ओपन 2022 मिश्रित डबल चैंपियन जापानी एना शिबहारा को हराया था.

रोजर फेडरर को मानती हैं अपना आदर्श

बता दें कि 16 जून 1998 को करमन का जन्म हुआ है. वह हाल ही में संन्यास लेने वाले दुनिया के महानतम टेनिस खिलाड़ी स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर को अपना आदर्श मानती हैं. 2018 में एशियाई खेलों के दौरान दिविज सरन के साथ वह टूर्नामेंट में शामिल हुई थीं, तब वह तीसरे दौर में बाहर हो गई थीं.

पिछले महीने, करमन ने चौंकाते हुए डब्ल्यूटीए चेन्नई ओपन 2022 के शुरुआती दौर में फ्रांस की क्लो पेक्वेट को हराकर झटका दिया था, जो विश्व की 109वें नंबर की खिलाड़ी थीं और दूसरे दौर में पूर्व विंबलडन फाइनलिस्ट युजिनी बुकार्ड के खिलाफ अपने शानदार प्रदर्शन के लिए सुर्खियां बटोरी थीं.