भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट मैच इंदौर के होलकर स्टेडियम में खेला जा रहा है. टेस्ट मैच के पहले दिन ही टीम इंडिया ऑल आउट हो गई है. जहां तक टेस्ट मैचों की बात है तो इस स्टेडियम में अब तक सिर्फ 2 टेस्ट मैच खेले गए हैं और उन दोनों मैचों में टीम इंडिया की जीत हुई है. चलिए आपको इंदौर के होलकर स्टेडियम का इतिहास बताते हैं.
होलकर स्टेडियम नाम क्यों पड़ा-
होलकर क्रिकेट स्टेडियम मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में है. पहले इसे महारानी उषाराजे ट्रस्ट क्रिकेट ग्राउंड के नाम से जाना जाता था. लेकिन साल 2010 में मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ ने इसका नाम बदल दिया और मराठा राजवंश होलकर के नाम पर इसका नाम रखा. हालांकि साल 2006 से इस स्टेडियम में इंटरनेशनल मैच खेले जा रहे हैं. इंदौर शहर में ये दूसरा क्रिकेट स्टेडियम है. 31 मार्च 2001 से पहले नेहरू स्टेडियम में इंटरनेशनल मैच होते थे. लेकिन उसके बाद होलकर स्टेडियम में क्रिकेट मैच आयोजित होने लगे.
30 हजार दर्शकों की क्षमता-
होलकर स्टेडियम में 30 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता है. इस स्टेडियम में नाइट मैच भी खेला जा सकता है. ये स्टेडियम फ्लड लाइट से लैस है. इसी मैदान पर वीरेंद्र सहवाग ने वनडे इंटरनेशनल का तीसरा सबसे बड़ा स्कोर 219 रन बनाए थे. इस स्टेडियम में पहला वनडे इंटरनेशनल मैच 15 अप्रैल 2006 को खेला गया था. जबकि आखिरी वनडे इंटरनेशनल मैच 24 जनवरी 2023 को भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था. अगर टेस्ट मैच की बात करें तो होलकर स्टेडियम में पहला टेस्ट 8-11 अक्टूबर 2016 को भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था. जबकि दूसरा और आखिरी टेस्ट मैच 1-5 मार्च के बीच खेला गया था.
इस स्टेडियम में टी20 मैच भी खेला जा चुका है. ये मैच 22 दिसंबर 2017 को भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया था. जबकि आखिरी टी20 इंटरनेशनल मैच 4 अक्टूबर 2022 को खेला गया था.
होलकर स्टेडियम का इतिहास-
इस स्टेडियम के लिए जमीन होल्कर राजवंश ने दिया था. होलकर राजवंश ने क्रिकेट को प्रोत्साहित किया. होलकर क्रिकेट टीम रणजी ट्रॉफी में खेलती थी. इस टीम ने 10 रणजी ट्रॉफी सीजन में खेली थी, जिसमें से 8 बार फाइनल में पहुंची थी. हालांकि होलकर क्रिकेट टीम 4 बार ही रणजी ट्रॉफी जीतने में कामयाब हो पाई. इस मैदान के कुछ हिस्सों में एक पुराना स्टेडियम था. जिसमें होलकर क्रिकेट टीम ने 3 रणजी ट्रॉफी जीते थे. उस स्टेडियम में सीके नायडू और मुश्ताक अली जैसे खिलाड़ी भी खेलते थे.
स्टेडियम में दिग्गजों को सम्मान-
दिग्गजों के नाम पर स्टेडियम के जगहों का नाम रखा गया है. साल 2011 में स्टेडियम के पवेलियन, ड्रेसिंग रूम और स्टैंड के नामकरण के लिए एक समिति बनाई गई थी. इसके अध्यक्ष सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी थे. कमेटी की सिफारिशों के आधार पर इनका नामकरण किया गया. ग्वालियर राज्य के महाराजा माधव राव सिंधिया के नाम पर प्रेस बॉक्स का नाम रखा गया. जबकि पवेलियन का नाम कर्नल सीके नायडू और कप्तान मुश्ताक अली के नाम पर रखा गया है. ड्रेसिंग रूम का नाम दिग्गज खिलाड़ी मंसूर अली खान पटौदी और राहुल द्रविड़ के नाम पर रखा गया है. इसके अलाला स्टेडियम गेट्स के नाम इंटरनेशनल क्रिकेटर नरेंद्र हिरवानी, अभय खुरसिया और राजेश चौहान के नाम पर है. विजय हजारे, अजीत वाडेकर, सुनील गावस्कर, कपिल देव, सचिन तेंदुलकर और अनिल कुंबले के नाम पर स्टैंड का नाम है.
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