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Akash Balmiki: कोलकाता से अमेरिकन क्लब तक का सफर... 26 साल के रग्बी खिलाड़ी आकाश बाल्मीकि की कहानी जानिए

कोलकाता के रग्बी खिलाड़ी आकाश बाल्मीकि को अमेरिकन क्लब Dallas Harlequins ने अपने साथ जोड़ा है. क्लब ने 26 साल के इस खिलाड़ी का वीडियो देखकर टीम से जोड़ने का फैसला किया. आकाश भवानीपुर के रहने वाले हैं और उनके पिता सफाई कर्मचारी हैं.

Rugby Player Akash Balmiki (Photo/ Social Media) Rugby Player Akash Balmiki (Photo/ Social Media)

कोलकाता के 26 साल के रग्बी प्लेयर आकाश बाल्मीकि को एक अमेरिकी क्लब डलास हार्लेक्विन ने अपनी टीम में शामिल किया है. आकाश भवानीपुर के रहने वाले हैं और बस्तियों में रग्बी खेलना सीखा है. चलिए आकाश के कोलकाता की गलियों से उठकर अमेरिका के क्लब तक के सफर के बारे में बताते हैं.

भारतीय रग्बी टीम के सदस्य हैं आकाश-
आकाश बाल्मीकि भारतीय रग्बी टीम के सदस्य हैं. उनका अमेरिकी क्लब डलास हार्लेक्विन में शामिल होने का सफर चमत्कारी है, क्योंकि हार्लेक्विन में शामिल होने वाले ज्यादातर खिलाड़ी अमेरिका में रह रहे हैं और पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन आकाश को कोलकाता से शामिल किया गया है.

यह मेरे लिए बड़ा अनुभव- आकाश
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक आकाश ने बताया कि किसी दूसरे देश के क्लब में खेलना हमेशा से मेरा सपना था. यह मेरे लिए एक बड़ा अनुभव होगा और मैं उस अनुभव को यहां के युवाओं के साथ साझा करूंगा. उनको खेल के बारे में और अधिक जानने का मौका दूंगा.

क्लब के साथ 3 महीने रहेंगे आकाश-
डलास हार्लेक्विन ऑगर्नाइज्ड रग्बी लीग का हिस्सा है. अमेरिका के कॉलेजों में रग्बी का बड़ा चलन है. क्लब ने आकाश के खेल का वीडियो देखा, उसके बाद उनको टीम के साथ जुड़ने का मौका दिया. आकाश टीम में फ्लाई-हाफ या एक प्रमुख अटैकिंग प्लेयर के तौर पर खेलेंगे. आकाश बाल्मीकि 3 महीने तक क्लब के साथ रहेंगे. 

सफाई कर्मचारी हैं आकाश के पिता-
आकाश का जन्म पश्चिम बंगाल के एक श्रमिक समुदाय में हुआ है. वो अभी भी सिटी ऑफ जॉय में अपने माता-पिता के साथ रहते हैं. रग्बी खिलाड़ी के पिता एक सफाई कर्मचारी हैं और उनकी मां एक गृहणी हैं. स्कूलों के दिनों में भी आकाश का मन पढ़ाई की बजाय खेल में लगता था.

2007 में दोस्त ने बताया था रग्बी के बारे में-
आकाश ने पहली बार रग्बी को साल 2007 में देखा था, जब उसका एक दोस्त रग्बी बॉल लेकर घर आया था. उसके  दोस्त ने उसे वंचितों को फ्री में रग्बी सिखाने वाले एक संगठन के बारे में भी बताया था. इसके बाद आकाश रग्बी खेलने लगे. वो रग्बी के लिए स्कूल भी छोड़ देते थे. 2 साल तक बिना माता-पिता को बताए वो रग्बी खेलते रहे. आकाश अभी 'खेलो रग्बी' का हिस्सा हैं.

आकाश उसी संगठन के साथ जुड़े हैं, जिसने उनको रग्बी खेलना सिखाया था. आकाश आज खुद बच्चों को रग्बी खेलना सिखाते हैं. आकाश ने बताया कि उसकी फैमिली हफ्ते में दो बार मांसाहारी भोजन करती है और ज्यादातर उनके डाइट पर खर्च करती है. जिसमें केला और फ्रूट्स शामिल होता है.

19 साल में भारत के लिए पहली बार खेला-
आकाश ने 19 साल की उम्र में भारत के लिए पहला टूर्नामेंट खेला था. उसने जूनियर लेवल पर पाकिस्तान के खिलाफ खेला था. आकाश और उनकी कंपनी ने ईरान और अफगानिस्तान के खिलाफ भी खेला था और दोनों में जीत दर्ज की थी.

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