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वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियन को हराकर लक्ष्य सेन ने जीता इंडिया ओपन 2021 का खिताब, जानें कौन हैं ये शटलर?

लक्ष्य के करियर का ये पहला सुपर-500 खिताब है. उन्होंने इससे पहले 2021 विश्व चैंपियनशिप में सेमीफाइनल में श्रीकांत को हराकर कांस्य पदक जीता था. लक्ष्य टूर्नामेंट के अंतिम दिन दूसरे भारतीय प्रतिनिधि थे क्योंकि सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने रविवार को पुरुष युगल खिताब जीता था.

वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियन को हराकर लक्ष्य सेन ने जीता इंडिया ओपन 2021 का खिताब वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियन को हराकर लक्ष्य सेन ने जीता इंडिया ओपन 2021 का खिताब
हाइलाइट्स
  • लक्ष्य ने खेला पहला सुपर-500 खिताब

  • बैडमिंटन बैकग्राउंड से ताल्लुक रखते हैं लक्ष्य

भारतीय शटलर लक्ष्य सेन ने रविवार को इंडिया ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट में पुरुष एकल खिताब जीत लिया है. लक्ष्य अपने डेब्यू पर खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बन गए. शनिवार को खेले गए इस मुकाबले में लक्ष्य ने वर्ल्ड चैंपियन लोह कीन यू को 24-22, 21-17 से हराया. लक्ष्य ने 54 मिनट तक चले मैच में सिंगापुर के खिलाड़ी को हराया, जिसने दिसंबर में किदांबी श्रीकांत को हराकर विश्व चैंपियनशिप खिताब जीता था. तो आइए आपको बताते हैं कि 20 साल की उम्र में इस उपलब्धि को हासिल करने वाले लक्ष्य आखिर हैं कौन?  

लक्ष्य ने खेला पहला सुपर-500 खिताब
लक्ष्य के करियर का ये पहला सुपर-500 खिताब है. उन्होंने इससे पहले 2021 विश्व चैंपियनशिप में सेमीफाइनल में श्रीकांत को हराकर कांस्य पदक जीता था. लक्ष्य टूर्नामेंट के अंतिम दिन दूसरे भारतीय प्रतिनिधि थे क्योंकि सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने रविवार को पुरुष युगल खिताब जीता था. सात्विक और चिराग ने इंडोनेशियाई के टॉप प्लेयर मोहम्मद अहसान और हेंड्रा सेतियावान को 21-16, 26-24 से हराकर अपना पहला इंडियन ओपन खिताब जीता. 

बैडमिंटन बैकग्राउंड से ताल्लुक रखते हैं लक्ष्य
16 अगस्त 2001 को जन्मे लक्ष्य उत्तराखंड के अल्मोड़ा से ताल्लुक रखते हैं. उनके फैमिली बैकग्राउंड की बात करें तो उनका परिवार बैडमिंटन से ताल्लुक रखता है, लक्ष्य के पिता डीके सेन राष्ट्रीय स्तर के कोच हैं और उनके भाई सिराग भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन खेलते हैं. और उनकी मां निर्मला एक स्कूल टीचर हैं.

15 साल की छोटी उम्र में जीता U19
लक्ष्य बहुत ही छोटी उम्र में प्रकाश पादुकोण अकादमी में शामिल हो गए थे. जब उन्होंने कोच विमल कुमार को प्रभावित किया था. फिर क्या था कामयाबी मानो लक्ष्य का हाथ पकड़कर साथ चलने लगी. लक्ष्य ने नेशनल लेवल पर कई प्रतियोगिताएं जीती. उन्होंने U13, U15 और U19 जैसी चैंपियनशिप जीती. महज 15 साल की उम्र में लक्ष्य ने U19 का खिताब जीता था. उसके बाद साल 2016 में उन्होंने एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता. फिर साल 2017 में लक्ष्य ने प्रतिष्ठित इंडिया इंटरनेशनल सीरीज और यूरेशियन बल्गेरियाई ओपन जीता. उसके बाद सेन टाटा ओपन इंटरनेशनल में उपविजेता भी रहे थे. 

साल 2018 में लक्ष्य ने रचा इतिहास
साल 2018 लक्ष्य के लिए काफी अच्छा रहा, जब उन्होंने एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप का खिताब जीता था. तीन साल बाद उन्होंने BWF वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया. अब किदांबी श्रीकांत और लक्ष्य सेन विश्व चैंपियनशिप पदक जीतने वाले भारत के अकेले दो पुरुष खिलाड़ी हैं. फिर आज 16 जनवरी 2022 को लक्ष्य ने इंडिया ओपन का खिताब जीतकर फिर से इतिहास रच दिया.