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मां क्लीनर, पिता मजदूर... बेटा बना दुनिया का मशहूर फुटबॉलर, जानिए संन्यास का ऐलान करने वाले लियोनल मेसी की कहानी

दुनिया के दिग्गज फुटबॉलर्स में शामिल अर्जेंटीना के कप्तान लियोनल मेसी ने कहा है कि इस साल कतर में होने वाला फीफा वर्ल्ड कप उनका आखिरी वर्ल्ड कप होगा. मेसी ने इसकी घोषणा अर्जेंटीना के पत्रकार सेबास्टियन विग्नोलो के साथ एक इंटरव्यू के दौरान की.

लियोनल मेसी लियोनल मेसी
हाइलाइट्स
  • मेसी का आखिरी विश्व कप है कतर फीफा वर्ल्ड कप

  • दुनिया के महानतम फुटबॉलर्स में से एक हैं मेसी

अर्जेंटीना के लीजेंड फुटबॉलर लियोनेल मेसी अब फुटबॉल को अलविदा कहने की तैयारी में हैं. अर्जेंटीना टीम के कप्तान मेसी ने ऐलान किया है कि इस साल कतर में होने वाला फुटबॉल वर्ल्ड कप उनका आखिरी बड़ा टूर्नामेंट होगा. 35 साल के अर्जेंटीना के मेसी का यह पांचवा फीफा वर्ल्ड कप होगा. मेसी ने ऐलान किया है कि इस वर्ल्ड कप के बाद वे कभी भी संन्यास ले सकते हैं, क्योंकि इसके बाद अगला वर्ल्ड कप चार साल के बाद ही होगा.

मेसी का आखिरी विश्व कप है ये
लियोनेल मेसी ने एक इंटरव्यू में कहा कि यह उनका आखिरी वर्ल्ड कप है. मेसी ने इंटरव्यू में कहा, "मैंने पहले ही फैसला ले लिया है और टीम को इसकी जानकारी भी दे दी है. यह मेरा आखिरी विश्व कप होगा.' मेसी ने कहा कि मैं शारीरिक तौर पर बेहतर महसूस कर रहा हूं, मुझे उम्मीद है कि वर्ल्ड कप से पहले भी मेरा सीजन अच्छा होगा. यह पहले नहीं हो पाया था, मैंने चोट के बाद वापसी की है और अब बेहतर महसूस कर रहा हूं. अब तो मैं सिर्फ वर्ल्ड कप के दिन गिन रहा हूं, सच तो यह है कि जैसे-जैसे वक्त नजदीक आ रहा है नर्वसनेस बढ़ रही है. मेसी ने कहा कि यह आखिरी वर्ल्ड कप है, ऐसे में वह चाहते हैं कि सब कुछ बढ़िया हो. एक तरफ उनसे इंतज़ार नहीं हो रहा है और दूसरी तरफ वह काफी नर्वस भी हैं."

दुनिया के महानतम फुटबॉलर्स में से एक हैं मेसी
लियोनेल मेसी की गिनती दुनिया के अब तक के महानतम फुटबॉलर्स में होती है. मेसी अर्जेंटीना के लिए अब तक कुल चार विश्व कप खेल चुके हैं. मेसी ने अपनी नेशनल टीम के लिए 2005 में खेलना शुरू किया था और अब तक 164 इंटरनेशनल मैचों में 90 गोल दाग चुके हैं. इंटरनेशनल फुटबॉल में सबसे ज्यादा गोल करने के मामले में वह तीसरे नंबर पर हैं. हालांकि मेसी अब तक एक भी बार वर्ल्ड कप नहीं जीत पाए हैं. मेसी लंबे वक्त तक बार्सिलोना क्लब के लिए खेलते रहे. वे इस वक्त पेरिस सेंट जर्मेन क्लब का हिस्सा हैं. 

फुटबॉल प्रेमियों की निगाहें अब फीफा वर्ल्ड कप में मेसी के प्रदर्शन पर रहेंगी. उनकी कोशिश रहेगी कि इस बार वे अर्जेंटीना को विश्व कप का खिताब दिला सकें, और अगर ऐसा हुआ तो यह उनके करियर का सबसे अहम मुकाम होगा.

बचपन से था फुटबॉल का जुनून
24 जून को  अर्जेंटीना के रोसारियो में जन्मे को बचपन से ही फुटबॉल के लिए एक अलग ही जुनून था. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. उनके पिता कारखाने में काम करते थे, और उनकी मां क्लीनर थीं. मगर फुटबॉल के लिए उनका जोश और जुनून कुछ अलग ही था. यही वजह है कि आज वो फुटबॉल में इतना बड़ा नाम हैं.

बचपन में बौने थे मेसी, बार्सिलोना ने दिया साथ
ये बात शायद कम लोग जानते हैं, पर मेसी बचपन से बौनेपन के शिकार थे. उनके परिवार के पास उनके इलाज के लिए फैसे भी नहीं थे. उस समय इसका इलाज काफी मंहगा था, कोई भी उनकी मदद के लिए तैयार नहीं था, यहां तक की उनके स्थानीय क्लब ने भी हाथ खींच लिया. लेकिन उस वक्त बार्सिलोना क्लब मदद के लिए आगे आया. बात साल 2000 की है, जब मेसी 13 साल के थे, तब वो अपने पिता के साथ ट्रायल देने आए थे, उस वक्त उनके बौनेपर का बहुत मजाक उड़ाया गया था. ट्रायल के दौरान दस मिनट का खेल देखने के बाद बार्सिलोना ने उनके साथ करार किया. इससे मिले पैसों से ही मेसी का इलाज हुआ.