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World Boxing Championship 2023: बॉक्सिंग में भारत का बजा डंका! नीतू, स्वीटी, निकहत के बाद लवलीना ने भी जीता गोल्ड मेडल

women world boxing championship में भारत को चार स्वर्ण पदक मिले हैं. Lovlina Borgohain ने 70-75 किग्रा भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर भारत की झोली में चौथा स्वर्ण डाला. उनसे पहले निकहत जरीन, नीतू घनघस और स्वीटी बूरा ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया था.

बॉक्सिंग में भारत की बेटियों ने जीता चार स्वर्ण पदक. बॉक्सिंग में भारत की बेटियों ने जीता चार स्वर्ण पदक.
हाइलाइट्स
  • लवलीना बोरगोहेन ने 70-75 किलोग्राम भारवर्ग में ऑस्ट्रेलिया की कैटलिन एन पार्कर को हराया

  • अखबार में मोहम्मद अली के बारे में पढ़कर लवलीना के मन में बॉक्सर बनने की जागी थी तमन्ना 

महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2023 में भारतीय मुक्केबाजों का डंका बजा. भारत 17 सालों के बाद एक बार फिर चार स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रहा. नीतू घनघस, स्वीटी बूरा, निकहत जरीन के बाद लवलीना बोरगोहेन भी वर्ल्ड चैंपियन बन गई हैं. उन्होंने 75 किलो भारवर्ग में यह कामयाबी हासिल की. लवलीना ने ऑस्ट्रेलिया की कैटलिन एन पार्कर को मात दी. 

देखने को मिली कांटे की टक्कर 
लवलीना बोरगोहेन ने 70-75 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर देश को चौथा पदक दिलाया. उन्होंने फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई मुक्केबाज ऑस्ट्रेलिया की कैटलिन एन पार्कर को मात दी. इस मैच में दोनों खिलाड़ियों के बीच कांटे की टक्कर थी. पहला राउंड लवलीना ने 3-2 के अंतर से अपने नाम किया. दूसरा राउंड ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ी ने जीता. तीसरे और आखिरी राउंड में दोनों के बीच कांटे की टक्कर रही और अंत में मैच का नतीजा रिव्यू के लिए गया. यहां पर लवलीना के पक्ष में फैसला आया. 

ओलंपिक में कांस्य पदक पर जमाया था कब्जा
लवलीना ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतने के अलावा वर्ल्ड चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक (2018 और 2019) जीत चुकी हैं. उनके नाम एशियन चैंपियनशिप में भी दो कांस्य (2017 और 2021) पदक हैं. 

कई चुनौतियों को पार कर इस मुकाम पर पहुंचीं लवलीना 
लवलीना बोरगोहेन का जन्म असम के गोलाघा ट जिले के बरो मुखिया गांव में हुआ था. लवलीना के लिए यहां तक का सफर आसान नहीं रहा. वह बेहद गरीब परिवार में पैदा हुई थीं और कई चुनौतियों से पार पाते हुए इस मुकाम तक पहुंची हैं. उनके पिता टिकेन एक छोटे व्यापारी थे. अखबार में मोहम्मद अली के बारे में पढ़कर लवलीना के मन में बॉक्सर बनने की तमन्ना जागी. शुरू में किक-बॉक्सिंग करने वाले लवलीना का ट्रायल प्राइमरी स्कूल में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) के लिए हुआ. उन पर कोच पादुम बोरो की नजर पड़ी. यहीं से लवलीना का जीवन बदल गया.