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Manoj Prabhakar: ऑलराउंडर के रूप में टीम इंडिया में बनाई पहचान, वर्ल्ड कप में तेज गेंदबाजी छोड़ करने लगे थे स्पिन, मैच फिक्सिंग में लग चुका है पांच साल का बैन

Happy Birthday Manoj Prabhakar: मनोज प्रभाकर 1996 के वर्ल्ड कप के एक मैच को याद करना नहीं चाहेंगे, जिसमें सनथ जयसूर्या ने उनकी गेंदों की जमकर धुनाई की थी. जिसके कारण वह तेज गेंदबाजी छोड़ स्पिन बॉलिंग करने लगे थे. मैच फिक्सिंग के आरोप में उनपर पांच सालों तक क्रिकेट खेलने पर बैन लगाया गया था.

मनोज प्रभाकर (फोटो ट्विटर) मनोज प्रभाकर (फोटो ट्विटर)
हाइलाइट्स
  • मनोज प्रभाकर का जन्म 15 अप्रैल 1963 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हुआ था

  • 8 अप्रैल 1984 को एशिया कप में श्रीलंका के खिलाफ खेला था पहला वनडे मैच 

टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर मनोज प्रभाकर का जन्म 15 अप्रैल 1963 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हुआ था. प्रभाकर को उनकी आउट स्विंग और विविधतापूर्ण गेंदबाजी के लिए जाना जाता है. वह बैंटिंग और बॉलिंग दोनों से भारतीय टीम की जीत में विशेष योगदान देते थे. वह ओपनिंग बल्लेबाजी और ओपनिंग गेंदबाजी करते थे. हालांकि प्रभाकर वर्ल्ड कप के एक मैच को याद करना नहीं चाहेंगे, जिसमें सनथ जयसूर्या ने उनकी गेंदों की जमकर धुनाई की थी. जिसके कारण तेज गेंदबाजी छोड़ स्पिन बॉलिंग करने लगे थे. इतना ही नहीं इसके बाद उन्होंने संन्यास ले लिया था.

पहले वनडे मैच में कसी हुई की थी गेंदबाजी
मनोज प्रभाकर ने 8 अप्रैल 1984 को एशिया कप में श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला वनडे मैच खेला था. इस मैच में कसी हुई गेंदबाजी करते हुए 10 ओवर में केवल 16 रन देकर दो विकेट चटकाए थे. इसी वर्ष उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में भी पदार्पण किया. प्रभाकर ने टीम इंडिया के लिए 39 टेस्ट मैच खेले हैं और 37.30 की औसत से 96 विकेट लिए हैं. इसके अलवा टेस्ट की 58 पारियों में 32.65 की औसत से 1600 रन बनाए हैं, जिसमें 1 शतक और 9 अर्धशतक शामिल हैं. उन्होंने 130 वनडे में 1858 रन बनाए, जिनमें 2 शतक और 11 अर्धशतक शामिल है. इसके अलावा 28.47 की औसत से 157 विकेट हासिल किए.

अंतिम वर्ल्ड कप हुआ साबित
मनोज प्रभाकर के लिए 1996 का विश्वकप किसी खराब सपने से कम नहीं रहा. लीग मैच में श्रीलंका के ताबड़तोड़ बल्लेबाज सनथ जयसूर्या ने प्रभाकर की गेंदों की ऐसी धुनाई की कि वह तेज गेंदबाजी करना ही भूल गए. प्रभाकर ने अपने पहले दो ओवर के स्पैल में 33 रन खर्च कर दिए. इसके बाद कप्तान अजहर ने प्रभाकर को गेंदबाजी से हटा दिया. प्रभाकर को जब दूसरे स्पैल में गेंदबाजी करने के लिए बुलाया गया तो उन्होंने तेज गेंदबाजी के स्थान पर ऑफ स्पिन गेंदबाजी की. इस मैच में उन्होंने चार ओवर में 47 रन खर्च किए. यह मैच उनके कॅरियर का अंतिम मैच साबित हुआ. इसके बाद उन्होंने संन्यास ले लिया. 

खुद फिक्सिंग में फंस गए
मनोज प्रभाकर ने भारत के कई क्रिकेटरों पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाए थे. प्रभाकर ने दावा किया था कि भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में मैच फिक्स होते थे. प्रभाकर ने कपिल देव, रवि शास्त्री, सुनील गावस्कर, किरण मोरे और नवजोत सिंह सिद्धू जैसे खिलाड़ियों के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन किया था. कई टेप अदालत को दिए लेकिन वह उल्टा खुद ही फंस गए. प्रभाकर को वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ खुद मैच फिक्सिंग में शामिल पाया गया, जिसके बाद साल 2000 में उन्हें बीसीसीआई ने पांच साल के लिए बैन कर दिया. 2006 में बैन को हटाया गया. 

लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं
मनोज प्रभाकर दिल्ली रणजी टीम और राजस्थान टीम के कोच पद पर भी रहे. साल 2011 में उन्हें दिल्ली टीम के कोच के पद से इस्तीफा देना पड़ा क्योंकि उन्होंने सरेआम कई खिलाड़ियों और सेलेक्टर्स की आलोचना की थी. 2016 के टी-20 वर्ल्ड कप से पहले वे अफगानिस्तान के गेंदबाजी कोच भी बने. साल 1996 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली. मनोज प्रभाकर ने 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री फरहीन से शादी की है. शादी से पहले इन दोनों का 4 सालों तक अफेयर रहा.