पश्चिम बंगाल की निशानेबाज मेहुली घोष ने राष्ट्रीय चयन ट्रायल की महिला 10 मीटर एयर राइफल का चौथा ट्रायल जीत लिया है. मेहुली ने कुल 262.8 अंक का स्कोर बनाया और स्वर्ण पदक के मैच में गुजरात की इलावेनिल वलारिवान को पछाड़ दिया. इलावेनिल वलारिवान ने कुल 261.5 स्कोर हासिल किए थे. वहीं हरियाणा की नैंसी 260.0 अंक लाकर तीसरे स्थान पर अपना कब्जा जमाया. हरियाणा की ही विनीता भारद्वाज ने 259.4 अंक के कुल स्कोर से चौथा स्थान हासिल किया. वहीं रेलवे का प्रतिनिधित्व कर रहीं मेघना एम सजनार 207.3 अंक लेकर पांचवें स्थान पर रहीं.
बता दें कि 17 साल की मेहुली घोष ने 2017 की राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में 8 मेडल जीते थे. और मेक्सिको में विश्व कप में दो पदक अपने नाम किए थे.
मेहुली पश्चिम बंगाल के सिरमपुर की रहने वाली हैं. मेहुली बचपन में टीवी सीरियल सीआईडी और इंस्पेक्टर दया की फ़़ैन थीं. टीवी पर शोले फ़िल्म में जय-वीरू के निशानेबाज़ी वाले सीन भी मेहुली को खूब पंसद थे. मेहुली को यंही से बंदूक, पिस्टल और शूटिंग का शौक पैदा हुआ.
कामयाबी की इस कहानी के पीछे मेहुल की जिंदगी का एक पहलू ऐसा भी है जब मेहुली पूरी तरह से टूट गयी थी. महज 14 साल की एक घटना ने मेहुली पर गहरा असर छोड़ा था. प्रेक्टिस के दौरान फ़ायर हुई एक पेलेट से एक व्यक्ति को चोट लगी जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया. इस घटना के बाद मेहुली डिप्रेशन में चली गई थी. 2015 में उनके माँ-बाप पूर्व शूटर और ओलंपियन जॉयदीप करमाकर की एकेडमी में आए. मेहुली दिन भर प्रैक्टिस करती थी और रात को घर लौटती थी. और धीरे -धीरे मेहुली, उनके कोच और माँ-बाप की मेहनत रंग लाई . बता दें कि इससे पहले मेहुली ने 2016 और 2017 में राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीते.