

आईपीएल 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स और महेन्द्र सिंह धोनी की काफी आलोचना हो रही है. कई दिग्गज खिलाड़ी एमएस धोनी को रिटायरमेंट लेने की सलाह दे चुके हैं. चेन्नई में दिल्ली कैपिटल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच हुए मैच में धोनी के माता-पिता मैच देखने आए थे.
इसके बाद से एमएस धोनी के आईपीएल से रिटायरमेंट लेने की अटकलें की जा रही हैं. इसी बीच महेन्द्र सिंह धोनी ने एक पॉडकास्ट में क्रिकेट से लेकर बचपन तक कई खास बातें शेयर की है. एमएस धोनी के एप पर पॉडकास्ट रिलीज किया गया है.
राज शमानी को दिए पॉडकास्ट में धोनी ने अपने बचपन के बारे में भी बताया. धोनी ने बताया कि वो बचपन में अपने पिता से डरते थे और वो कभी असुरक्षित फील नहीं करते थे. एमएस धोनी ने बचपन से जुड़े कई किस्से सुनाए.
धोनी का बचपन
महेन्द्र सिंह धोनी ने पॉडकास्ट में खुलासा करते हुए बताया कि उनके दिन की शुरुआत सुबह 5.30 बजे हुआ करती थी. धोनी ने कहा, जब हम बच्चे थे तो लाइफ में कोई चिंता नहीं थी. हमारा डेली रुटीन रोज एक जैसा होता थे. ऐसे में असुरक्षा की गुंजाइश ही नहीं थी. मुझे नहीं लगता कि हम किसी चीज को लेकर असुरक्षित थे. सब कुछ एक जैसा था, कोई दिखावा नहीं था और न ही मोबाइल फोन थे.
धोनी ने पॉडकास्ट में बताया कि बचपन अनुशासन से भरा हुआ था. स्कूल कॉलोनी में था. इसका मतलब है कि छोटे में कोई बदमाशी नहीं होती थे. मेरे टीचर्स ने मेरे बड़े भाई को भी पढ़ाया. हमारे उम्र में 10 साल का गैप थे. टीचर्स पूरे परिवार को अच्छी तरह से जानते थे. धोनी ने कहा, बचपन में हम कॉलोनी में खेलते थे. अगर एक दिन हार जाते थे तो अगले दिन जीतना ही होता था.
पापा से डर...
दिल्ली कैपिटल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के मैच में धोनी के पिता पान सिंह और मां देवकी देवी मैच देखने पहुंचीं. पॉडकास्ट में धोनी ने अपने पिता को लेकर भी चर्चा की. एमएस धोनी ने बताया कि पापा से डर बहुत लगता था. वो बहुत सख्त थे और हमेशा टाइम पर रहना सिखाते थे. यही वजह है कि मैं भी अनुशासन में रहता था.
धोनी ने कहा, ऐसा नहीं है कि वो हमें मारते थे लेकिन डर तो था. मेरे दोस्त कॉलोनी में दीवार पर चढ़ते थे लेकिन मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई. यही लगता था कि अगर पापा देख लेंगे तो मैं काम से गया.
चाहता हूं इंडिया जीते
पॉडकास्ट में महेन्द्र सिंह धोनी चुनौती को लेकर भी बात की. एमएस धोनी ने कहा, चुनौतियां पसंद हैं लेकिन उसे पाने की बहुत ज्यादा हसरत नहीं है. अगर हम बिना किसी ड्रामा के मैच जीत जाएं और मुझे बैटिंग न भी मिले, तब भी मुझे खुशी होती है. धोनी ने बताया, मैं चाहता हूं कि इंडिया जीते. मैं नहीं चाहता कि मैच आखिरी ओवर में खत्म हो. किसने रन बनाए और किसने विकेट लिए, मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता.