भारत धीरे-धीरे एथलेटिक्स में अपना नाम दुनिया भर में ऊंचा कर रहा है. भारत के मुरली श्री शंकर (Murali Sreeshankar) रविवार को विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों की लंबी कूद (Long Jump) के फाइनल में 12-एथलीट क्षेत्र में सातवें स्थान पर रहे. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रयास 7.96 मीटर की छलांग थी, जो उनका पहला प्रयास था. उनके अन्य सफल प्रयास 7.89 मी और 7.83 मी के थे.
23 साल में कायम किया रिकॉर्ड
केरल के पलक्कड़ के रहने वाले 23 वर्ष के श्री शंकर ने 7.96 मीटर के अपने पहले प्रयास के बाद मैदान का नेतृत्व किया, लेकिन अमेरिका के ऑर्गन में मेगा-इवेंट में अपनी स्थिति पर कायम नहीं रह सके क्योंकि अन्य एथलीट बेहतर प्रयासों के साथ आए थे. श्री शंकर, जो पहले क्वालिफिकेशन राउंड में 8 मीटर के प्रयास के साथ विश्व चैंपियनशिप में फाइनल में प्रवेश करने वाले पहले भारतीय पुरुष लॉन्ग-जम्पर बने, वो राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक भी हैं. उन्होंने अप्रैल में फेडरेशन कप के दौरान 8.36 मीटर के साथ रिकॉर्ड बनाया था.
अंजू बॉबी जॉर्ज विश्व चैंपियनशिप में लंबी कूद स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय लंबी जम्पर थीं. उन्होंने 2003 में पेरिस में कांस्य पदक जीता था.
क्वालिफिकेशन राउंड में लगाई बेस्ट जम्प
क्वालिफिकेशन राउंड में, मुरली ने 8 मीटर की सर्वश्रेष्ठ छलांग लगाई और क्वालिफिकेशन राउंड ग्रुप बी में दूसरे और कुल मिलाकर सातवें स्थान पर रहे. श्री शंकर 8.15 मीटर के स्वचालित योग्यता अंक को नहीं छू सके, लेकिन फिर भी बारह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों में से एक के रूप में फाइनल में जगह बनाई. केवल जापान की युकी हाशियोका (8.18 मीटर) और यूएसए की मार्क्विस डेंडी (8.16 मीटर) क्वालिफिकेशन राउंड में 8.15 का आंकड़ा पार कर सकीं.
मैदान में अन्य दो भारतीय - जेसविन एल्ड्रिन और मोहम्मद अनीस याहिया - फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहे. वे ग्रुप ए क्वालिफिकेशन राउंड में नौवें और 11वें स्थान पर रहे और उन्होंने क्रमशः 7.79 मीटर और 7.73 मीटर की सर्वश्रेष्ठ छलांग लगाई.