scorecardresearch

अब मशीन करेगी बॉलिंग, 155 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से खेल के लिए तैयार होंगे शानदार खिलाड़ी

यह मशीन हर फॉर्म में गेंदबाजी करा सकती है. चाहे वह इन स्विंग आउट, स्विंग ऑफ, स्विंग बाउंसर, फास्ट या स्पिन क्यों ना हो. इस मशीन के जरिए हर फॉर्म की गेंदबाजी की प्रैक्टिस खिलाड़ी आराम से कर सकते हैं.

मशीन करेगी बॉलिंग मशीन करेगी बॉलिंग
हाइलाइट्स
  • क्रिकेट में भविष्य बनाने वाले युवाओं को देगी उड़ान

  • खूबियों से लैस है ये बॉलिंग मशीन

उत्तर प्रदेश के मेरठ से कई अच्छे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर उभरे हैं. इस कड़ी को आगे बढ़ाने के लिए मेरठ में तैयार की गई है एक खास बॉलिंग मशीन. जो बैट्समैन को अंतरराष्ट्रीय स्तर के लिए तैयार करेगी. यह मशीन 155 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बॉलिंग करा सकती है. इसके जरिए हर फॉर्म की बॉलिंग अलग-अलग स्पीड सेट करके कराई जा सकती है.

क्रिकेट में भविष्य बनाने वाले युवाओं को देगी उड़ान
क्रिकेट खेलने का सपना हर एक युवा देखता है. क्रिकेट ने गुमनाम गलियों से निकले युवाओं को देश भर का चमकता सितारा बनाया है. हर क्रिकेट खेलने वाला खुद को महेंद्र सिंह धोनी और भारतरत्न सचिन तेंदुलकर की तरह स्थापित करने के सपने देखता है. ऐसे में जरूरी होती है एक अच्छी तैयारी जो खिलाड़ी को परिपक्व बनाएं. विश्व स्तर पर उसे पहचान दिलाएं.
इसी तैयारी और खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए मेरठ की जमीन में बनी है ये बॉलिंग मशीन. पूरी तरीके से भारत में निर्मित है. बीडीएम और स्विंग एंड स्पिन कंपनी की ये मशीन. बॉलर के बिना बैट्समैन की जबरदस्त तैयारी कराएगी. यह मशीन एक बॉलर की तरह काम करती है. जैसे बॉलर अलग अलग तरीके से बॉल फेंकता है उसी प्रकार ये मशीन भी काम करती है. एक तरीके से इसे रोबोट कहा जा सकता है जो बैट्समैन को बिना बॉलर एक शानदार प्रैक्टिस करा सकता है.

खूबियों से लैस है ये बॉलिंग मशीन
बल्लेबाज अपने अनुसार इस मशीन को सेट कर सकता है और ये मशीन उसी अनुरूप काम करेगी. हम मैच में देखते है की कैसे तेजी से बॉल बल्लेबाज की तरफ आती है और जो भी अनुभवी बल्लेबाज होते हैं वह उसे जांच करके चौके छक्के लगाते हैं. वो जजमैंट तैयारी से आता है और अब वो तैयारी इसे मशीन के जरिए खिलाड़ी कर सकेंगे.
यह मशीन हर फॉर्म में गेंदबाजी करा सकती है. चाहे वह इन स्विंग आउट, स्विंग ऑफ, स्विंग बाउंसर, फास्ट या स्पिन क्यों ना हो. इस मशीन के जरिए हर फॉर्म की गेंदबाजी की प्रैक्टिस खिलाड़ी आराम से कर सकते हैं. इस मशीन को मशीन में लगे ऑपरेटिंग सिस्टम से तो चला ही सकते हैं. साथ ही साथ इसे अपने फोन या लैपटॉप के जरिए भी कंट्रोल किया जा सकता है और चलाया जा सकता है. इस मशीन में एक बार में 36 गेंदों की डिलीवरी की जा सकती है.

लॉकडाउन के दौरान मशीन बनाने का आया आईडिया
क्रिकेट इक्विपमेंट्स बनाने वाली कंपनी बीडीएम के डायरेक्टर राकेश महाजन बताते हैं की लॉकडाउन के दौरान इस बॉलिंग मशीन को बनाने का विचार आया और हमने सोचा कि क्यों ना इस समय को सही जगह पर उपयोग किया जाए. इसीलिए हमने इस मशीन को बनाने का सोचा. इस तरीके की बॉलिंग मशीन जो विदेशों में है वो काफी महंगी होती है लेकिन इसकी कीमत काफी कम रखी गई है. तकरीबन साढ़े चार लाख की यह मशीन है. यह एक ज्वाइंट वेंचर के द्वारा बनाई गई है. बीडीएम कंपनी के साथ-साथ स्विंग एंड स्पिन कंपनी भी इसकी निर्माता है. स्विंग एंड स्पिन कंपनी के सीईओ मिलन संपत बताते हैं कि यह मशीन हर किसी के लिए उपयोगी है कोई भी खिलाड़ी चाहे वह नया हो या फिर अनुभवी इस मशीन के साथ में खेल सकता है. उनका कहना है कि भारत में निर्मित यह पहली ऐसी मशीन है जिसके अंदर इतनी सुविधाएं दी गई है. इस मशीन में कभी भी स्पीड बदली जा सकती है. स्पीड 155 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती हैं. इस मशीन को किसी भी एंगल पर एडजस्ट किया जा सकता है. इसकी हाइट को भी बदला जा सकता है जिसकी वजह से हर तरीके की बॉलिंग कराना संभव हो पाता है.

क्रिकेट एकेडमी में क्रिकेट सीखने वाले खिलाड़ी है खुश
जो भी युवा बीडीएम क्रिकेट एकेडमी में क्रिकेट सीखने आते हैं और खेलने आते हैं वह इस मशीन के आने से बेहद उत्साहित और खुश हैं क्योंकि उन्हें अलग-अलग स्पीड पर प्रैक्टिस करने को मिल रही है. उनका कहना है कि शानदार बल्लेबाजी की प्रैक्टिस करने के लिए अब अगर कोई बॉलर उपलब्ध नहीं है तो भी एक अच्छी प्रैक्टिस इस मशीन के जरिए की जा सकती है. बीडीएम क्रिकेट एकेडमी में क्रिकेट के कोच समरीश सोमल बताते हैं की कोई भी बॉलर 1 ओवर की छह की छह गेंद 120 या 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से नहीं फेंक पाता. इसलिए इस मशीन के जरिए जब पूरे पूरे ओवर में बॉलिंग 155 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ज्यादा जा सकती है तो वह बैट्समैन की शानदार तैयारी कराती है.