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Olympics Ke Kisse: वो किस्सा, जब Spain के पैरालंपिक तीरंदाज Antonio Rebollo ने एक तीर से जलाई थी ओलंपिक मशाल

Memorable Cauldron Lighting in Olympic: साल 1992 का ओलंपिक स्पेन के बार्सिलोना में आयोजित हुआ था. उस ओलंपिक की शुरुआत तीर से मशाल जलाकर की गई थी. स्पेन के पैरालंपिक तीरंदाज एंटोनियो रिबेलो (Antonio Rebollo) ने 195 फीट की दूरी से सुलगते तीर से ओलंपिक मशाल को रौशन किया था. एंटोनियो रिबेलो 8 महीने की उम्र में पोलियो के शिकार हो गए थे. उसके बाद भी उन्होंने स्पेन के लिए 3 ओलंपिक मेडल जीते हैं.

Antonio Rebollo lit the torch by shooting an arrow at the Barcelona (Photo/@Olympics) Antonio Rebollo lit the torch by shooting an arrow at the Barcelona (Photo/@Olympics)

फ्रांस के पेरिस में खेलों के महाकुंभ ओलंपिक का आगाज आज यानी 26 जुलाई को हो रहा है. ओलंपिक का समापन 11 अगस्त को होगा. ओलंपिक की शुरुआत मशाल जलाकर की जाती है और ये मशाल ओलंपिक के खत्म होने तक जलती रहती है. ओलंपिक मशाल जलाने से जुड़ी कई कहानियां हैं. कई बार अलग-अलग तरीके से मशाल जलाई गई है. इसमें से कई तरीके यादगार बन गए हैं. ऐसा ही वाक्या साल 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक में हुआ था, तीर से ओलंपिक मशाल जलाई गई थी. चलिए ये पूरा किस्सा बताते हैं.

तीर से कैसे जलाई गई थी मशाल-
साल 1992 में स्पेन के बार्सिलोना में ओलंपिक गेम्स का आयोजन हुआ था. उस समय भी मशाल जलाकर ओलंपिक की शुरुआत की गई थी. हालांकि इस बार कुछ अलग तरीके से मशाल जलाई गई थी, जो चर्चा का विष्य बन गई थी. इस ओलंपिक गेम्स की शुरुआत तीर से मशाल जलाकर की गई थी.
बार्सिलोना में खचाखच भरे स्टेडियम में पैरालंपिक तीरंदाज एटोनियो रिबेलो मशाल से 195 फीट की दूरी पर मौजूद थे. उनके साथ स्पेन के बास्केटबॉल खिलाड़ी जुआन एंटोनियो सैन एपिफानियो भी थे. रिबेलो ने तीर-धनुष उठाया और तीर की नोक पर बास्केटबॉल खिलाड़ी ने आग लगाई. इसके बाद रिबेलो ने स्टेडियम के आखिरी छोर पर ऊंचाई पर स्थित कढ़ाई पर निशाना लगाया. तीर सही निशाने पर लगा और कढ़ाई में आग जल उठी. कढ़ाई में गैस निकल रही थी, जिससे आग लगने में मदद मिली.

कौन हैं एंटोनियो रिबेलो-
तीर से मशाल जलाने के लिए स्पेन के पैरालंपिक तीरंदाज एंटोनियो रिबेलो को चुना गया. उनका चुनाव 200 तीरंदाजों में से किया गया था. उन्होंने खचाखच भरे स्टेडियम में एक तीर से ही मशाल जला दी थी. एंटोनियो रिबेलो ने तीरंदाजी में 3 मेडल जीते थे. उन्होंने साल 1984 ओलंपिक में रजत, 1988 में कांस्य और साल 1992 ओलंपिक में रजत पदक जीता था. रिबेलो जब 8 महीने के थे, तब उनको पोलियो हो गया था. जिससे उनके दोनों पैरों को नुकसान हुआ था. 

ओलंपिक इतिहास की यादगार कैल्ड्रॉन लाइटिंग-
ओलंपिक के इतिहास में कई बार ऐसा हुआ है, जब अलग तरीके से कैल्ड्रॉन जलाई गई है. इसमें साल 1996 का अटलांटा ओलंपिक भी शामिल है. इसमें मोहम्मद अली ने एक छोटा सा रॉकेट जलाया था, जो लौ को एक रस्सी के सहारे कैल्ड्रॉन तक ले गया था और मशाल जल उठी थी. सिडनी में आयोजित साल 2000 के ओलंपिक की शुरुआत भी अद्भुत तरीके से की गई थी. इसमें ट्रैक स्टार कैथी फ्रीमैन ने पानी में आग लगाकर ओलंपिक मशाल जलाई थी. साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक में चीनी जिमनास्ट ली निंग ने हवा में चलकर मशाल जलाई थी.

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