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Olympic के किस्से: बालों में कंघी करने के तरीके से होती थी पहचान, जुड़वां भाई Kazimierz Lipien और Jozef Lipien की दिलचस्प कहानी

Olympic का पहली बार आयोजन साल 1896 में ग्रीस की राजधानी एथेंस में हुआ था. हर चार साल में आयोजित होने वाले इस महाकुंभ के सैंकड़ों दिलचस्प किस्से हैं. आज बात जुड़वा भाई काजीमेर्ज लिपेन और जोजेफ लिपेन की.

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दुनियाभर में पेरिस ओलंपिक की धूम है. वैसे तो खेल के इस महाकुंभ का 26 जुलाई को ओपनिंग सेरेमनी है लेकिन कुछ खेलों के शुरुआती राउंड पहले ही शुरू हो चुके हैं. दुनियाभर के 10 हजार से भी ज्यादा एथलीट मेडल जीतने के लिए उतरेंगे. हर 4 साल में आयोजित होने वाले इस महाकुंभ का पहली बार आयोजन साल 1896 में ग्रीस की राजधानी एथेंस में हुआ था. ओलंपिक के 128 साल के इस सफर के कई ऐसे किस्से हैं जो बेहद रोचक हैं. आज बात उन्हीं किस्सों में से एक जुड़वां भाइयों के किस्से की. 

ऐसे होती थी जुड़वा भाईयों की पहचान 

बात साल 1972 और 1976 में हुए ओलंपिक खेलों की. 1972 का ओलंपिक जापान में तो 1976 को ओलंपिक कनाडा में आयोजित हुआ था. इन दोनों खेलों में पौलेंड के लिपेन भाईयों ने भी हिस्सा लिया था. दोनों ग्रीको रोमन रेसलिंग के खिलाड़ी थे. उनका पूरा नाम काजीमेर्ज लिपेन और जोजेफ लिपेन था. दोनों जुड़वा भाई थे. साल 1972 में काजीमेर्ज ने टेक्निकल स्कूल से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. वह कॉलेज के समय से ही रेसलिंग करते थे और बड़ा नाम बन चुके थे. दोनों भाई यानी काजीमेर्ज और जोजेफ दिखने में बिल्कुल एक जैसे थे. यही कारण था कि ओलंपिक में जब दोनों ने हिस्सा लिया तो अधिकारी फर्क नहीं कर पाते थे कि काजीमेर्ज कौन है और जोजेफ कौन है. 

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ऐसे में दोनों भाइयों ने इसका हल निकाला और यह फैसला किया कि वह अपने बाल को अलग-अलग तरह से कंघी करेंगे. ताकि पहचाने में किसी को कोई दिक्कत न हो. हुआ भी कुछ ऐसा ही. बता दें कि  1972 के खेलों में काजीबर्ज ने ब्रॉन्ज पर कब्जा जमाया तो 1976 के खेलों में गोल्ड मेडल अपने नाम किया.

ओलंपिक 2024 में हिस्सा ले रहे हैं भारत के 117 एथलीट

पेरिस ओलंपिक 2024 में 200 से ज्यादा देशों के एथलीट हिस्सा ले रहे हैं. भारत की ओर से 117 एथलीट अलग-अलग खेलों में अपना हुनर दिखाएंगे. बात करें 2020 ओलंपिक की तो टोक्यो में हुए  महाकुंभ में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया था और सात पदक (एक गोल्ड, दो सिल्वर और 4 कांस्य) पर कब्जा जमाया था. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पेरिस ओलंपिक में भारतीय एथलीट 2020 की तुलना में ज्यादा मेडल अपने नाम करेंगे.