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Olympic Order: क्या होता है ओलंपिक ऑर्डर, कब हुई थी इसकी शुरुआत, Abhinav Bindra को मिलने जा रहे इस अवॉर्ड का कैसा होता है डिजाइन

Paris Olympic 2024: भारत के दिग्गज निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को ओलंपिक ऑर्डर सम्मान मिलेगा. अभिनव बिंद्रा पहला इंडिविजुअल गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं. उन्होंने साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक में राइफल शूटिंग में गोल्ड जीता था. इससे पहले ये सम्मान साल 1983 में भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी मिला था.

Abhinav Bindra (Photo/@Abhinav_Bindra) Abhinav Bindra (Photo/@Abhinav_Bindra)

भारत के मशहूर निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को एक और बड़ा सम्मान मिलने जा रहा है. इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) 10 अगस्त को पेरिस में आयोजित होने वाली अवॉर्ड सेरेमनी में उन्हें ओलंपिक ऑर्डर अवॉर्ड से सम्मानित करेगी. यह अवॉर्ड खेल जगत में विशेष योगदान देने और ओलिंपिक मूवमेंट को बढ़ावा देने के लिए दिया जाता है. बिंद्रा यह प्रतिष्ठित सम्मान पाने वाले दूसरे भारतीय होंगे. इससे पहले यह अवॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को दिया गया था. चलिए आपको बताते हैं कि ओलंपिक ऑर्डर क्या होता है और इसकी शुरुआत कैसे हुई थी.

क्या होता है ओलंपिक ऑर्डर-
ओलंपिक मूवमेंट का सबसे बड़ा पुरस्कार ओलंपिक ऑर्डर होता है. IOC ने इसकी शुरुआत साल 1975 में की थी. पहले ये अवॉर्ड तीन कैटेगरी गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज में मिलता था लेकिन साल 1984 में ये  नियम बदल दिया गया. इसके बाद से ओलंपिक ऑर्डर सिर्फ गोल्ड कैटेगरी में मिलता है. इस अवॉर्ड से उन लोगों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने खेलों को बढ़ावा देने और ओलंपिक मूवमेंट में अहम भागीदारी निभाई हो. अब तक 116 हस्तियों को ये सम्मान मिल चुका है.   

कैसा होता है डिजाइन -
ओलंपिक ऑर्डर का डिजाइन काफी विशेष होता है और ये आकर्षक भी होता है. इसे चेन की तरह गले में पहना जाता है. इसमें 5 ओलंपिक रिंग की छवि होती है, जो ओलंपिक मूवमेंट का प्रतीक हैं. चेन का मुख्य हिस्से में 5 ओलंपिक रिंग और जैतून की माला होती है. इसके साथ एक लैपल बैज भी होता है. 

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अभिनव बिंद्रा को मिलेगा सम्मान-
निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को यह सम्मान ओलंपिक मूवमेंट को सपोर्ट करने के लिए दिया जा रहा है. उन्होंने साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक में राइफल शूटिंग में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था. वो ओलंपिक में इंडिविजुअल गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय बने थे. उसके बाद साल 2021 में नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतकर ये उपलब्धि हासिल की थी. अभिनव बिंद्रा ने साल 2006 में क्रोएशिया वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था. 

बिंद्रा ने अपने फाउंडेशन के माध्यम से भारतीय खेलों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा और समर्थन मिल रहा है.

अभिनव बिंद्रा से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को ये सम्मान मिल चुका है. साल 1983 में आयोजित अवॉर्ड सेरेमनी में इंदिरा गांधी को ये अवॉर्ड दिया गया था.

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