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Aman Sehrawat: बचपन में मां-बाप को खो दिया, मौसी ने पाला... डिप्रेशन से उबरने के लिए अखाड़े में उतरे अमन सहरावत, अब Paris Olympic में कुश्ती के सेमीफाइनल में बनाई जगह

Paris Olympic 2024: पेरिस ओलंपिक में भारत के इकलौते पुरुष पहलवान अमन सहरावत (Aman Sehrawat) ने कुश्ती के 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी में सेमीफाइनल में जगह बनाई है. अमन ने 11 साल की उम्र में मां-बाप को खो दिया था. इसके बाद उनका पालन-पोषण उनकी मौसी ने किया. 21 साल के अमन सहरावत अब मेडल से सिर्फ एक कदम दूर हैं.

Wrestler Aman Sehrawat Wrestler Aman Sehrawat

पेरिस ओलंपिक से भारत के लिए एक गुड न्यूज आई है. 75 किलोग्राम वेट कैटेगरी में रेसलर अमन सहरावत ने सेमीफाइनल में जगह बनाई ली है. 21 साल के रेसलर ने क्वार्टर फाइनल में धमाकेदार जीत दर्ज की है. अमन ने अल्बानिया के जेलिमखान अबकारोव को 11-0 से हराया. अमन सहरावत अब मेडल से सिर्फ एक कदम दूर हैं. सेमीफाइनल में उनकी भिड़ंत जापान के री हिगुची से होगी. अमन सहरावत हरियाणा के झज्जर के रहने वाले हैं.

अमन सहरावत की सेमीफाइनल में धमाकेदार एंट्री-
पेरिस ओलंपिक में कुश्ती के 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी के क्वार्टर फाइनल में अमन सहरावत का मुकाबला अल्बानिया के जेलिमखान अबकारोव से हुआ. जिसमें अमन ने शानदार जीत दर्ज की. उन्होंने अल्बानिया खिलाड़ी को 11-0 से हराया. इस जीत के साथ अमन ने सेमीफाइनल में जगह बना ली है. अब सेमीफाइनल में भारतीय रेसलर का मुकाबला जापान के खिलाड़ी री हिगुची से होगा. अमन पेरिस ओलंपिक के क्वालिफाई करने वाले इकलौते भारतीय पुरुष पहलवान हैं.

11 साल की उम्र में मां-बाप को खाया-
अमन सहरावत हरियाणा के फ्रीस्टाइल रेसलर हैं. वो हरियाणा के झज्जर जिले के भिड़होड गांव रहने वाले हैं. अमन जाट परिवार से आते हैं. उनका जन्म 16 जुलाई 2003 को हुआ था. अमन को बचपन से ही चुनौतियों का सामना करना पड़ा. अमन जब 11 साल के थे, तब उनकी मां का हर्ट अटैक से निधन हो गया. इसके बाद वो डिप्रेशन में चले गए. डिप्रेशन से निकालने के लिए पिता ने अमन को कुश्ती में डाल दिया. लेकिन मां के जाने के 6 महीने बाद ही उनके पिता की भी मौत हो गई. इससे अमन पूरी तरह से टूट गए.

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माता-पिता के दुनिया से चले जाने के बाद अमन और उनकी छोटी बहन पूजा सहरावत की पालन-पोषण की जिम्मेदारी उनकी मौसी पर आ गया. दोनों अपनी मौसी के घर चले गए.

अमन का रेसलिंग करियर-
बचपन में मां-बाप को खोने के बाद अमन पूरी तरह से टूट गए थे. हालांकि उसने खुद को संभाला और इस हालात से उबारा. इसके बाद अमन ने खुद को कुश्ती में लगा दिया. जल्द ही उनकी मेहनत रंग लाई. 18 साल की उम्र में साल 2021 में उन्होंने पहला राष्ट्रीय चैंपियनशिप खिताब जीता. इसके बाद अमन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

उन्होंने साल 2022 में अंडर-20 एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता. इसी साल अमन ने अंडर-23 एशियन चैंपियनशिप और अंडर-23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया. इसके बाद अमन ने साल 2023 में सीनियर एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया. इसी साल उसने एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल भी जीता.

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