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Paris Olympics 2024: खिलाड़ियों की मेंटल हेल्थ का भी रखा जाएगा ख्याल, भारतीय ओलंपिक दल में पहली बार शामिल होंगे मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ

खिलाड़ी को कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में जीतना और हारना, अनुशासन कैसे बनाए रखना, परिवार से अलग रहना, करियर और दूसरी साइकोलॉजिकल चुनौतियों से उन्हें जूढना पड़ता है. ऐसे में खेलों में मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.

Paris Olympic (Representational image) Paris Olympic (Representational image)

इस बार पेरिस ओलंपिक में खिलाड़ियों की मेंटल हेल्थ का भी ख्याल रखा जाएगा. भारतीय ओलंपिक दल में पहली बार मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ को शामिल किया जाएगा. इसे एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए जो भी भारतीय ओलंपिक दल जाएगा उसमें पहली बार मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स भी होंगे. यह पहल खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बेहतर बना सकेगी.

खिलाड़ियों की मेंटल हेल्थ है जरूरी 
मानसिक स्वास्थ्य टीम के दो सदस्यों, डॉ. समीर पारिख और स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट दिव्या जैन ने इसे लेकर बात की. डॉ. समीर पारिख ने कहा कि ओलंपिक खेल इतिहास और मानसिक स्वास्थ्य के लिए ये एक बड़ा क्षण है. एथलीटों की मेंटल हेल्थ उनके स्वास्थ्य का अभिन्न अंग है. इस कदम से एथलीट आसानी से मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट के पास जा सकते हैं.” डॉ. समीर ने इस बात पर जोर दिया कि अब युवा एथलीट मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देंगे, क्योंकि वे अपने स्पोर्ट्स मॉडल में मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट को शामिल होते देखेंगे. 

मेंटल हेल्थ को लेकर जागरूकता बढ़ी है  
डॉ. पारिख ने कहा, "बिना मेंटल हेल्थ के अच्छा स्वास्थ्य, अच्छा प्रदर्शन या टॉप लेवल की उपलब्धियां नहीं हो सकतीं. मानसिक स्वास्थ्य आपको अपनी ताकत और क्षमता को पहचानने में मदद करता है." मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स को मेडिकल टीम के साथ लाने से खेलों में इसपर ध्यान देना सामान्य हो जाएगा.

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डॉ. पारिख कहते हैं, "मेंटल हेल्थ जागरूकता और स्वीकृति अब बढ़ी है. अब ज्यादा खिलाड़ी और कोच मेंटल हेल्थ के बारे में बात करने के लिए आगे आ रहे हैं."

आने वाले सालों में देखने को मिलेगा इसका फायदा  
स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट दिव्या जैन दिव्या जैन ने भी इसे लेकर बात की.  उन्होंने कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट की भी एक टीम ओलंपिक में जाएगी. अब चीजें बदल रही हैं. खिलाड़ी अब मेंटल हेल्थ पर चर्चा करते हैं.

दिव्या जैन ने एथलीटों के सामने आने वाले अलग-अलग दबावों के बारे में बताया, जैसे जीतना और हारना, अनुशासन कैसे बनाए रखना, परिवार से अलग रहना, करियर और दूसरी साइकोलॉजिकल चुनौतियां. उन्होंने खेलों में मेंटल हेल्थ की भूमिका पर जोर दिया. वे कहती हैं,  "खेलों में, कभी-कभी आपके पास खुद को साबित करने के लिए केवल कुछ मिनट और सेकंड होते हैं. ये खेल खिलाड़ी पर काफी प्रभाव डालता है. हालांकि, कई लोगों को लगता है कि मेंटल हेल्थ के बारे में बात करने से वे कमजोर महसूस करेंगे. लेकिन ऐसा नहीं है, इसपर बात करने से आप और मजबूत बनते हैं.”

दिव्या ने कहा कि ओलंपिक टीम में मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट को शामिल करने का प्रभाव आने वाले 20 साल में देखने को मिलेगा. यह खेलों में एक बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है. मेंटल हेल्थ के बिना आप स्वस्थ नहीं रह सकते हैं. यह कदम युवा एथलीटों के लिए भी फायदेमंद होगा.”

(अनमोल नाथ बाली की रिपोर्ट)