पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत के खिलाड़ियों ने कमाल कर दिया है. भारतीय खिलाड़ी लगातार मेडल जीत रहे हैं. बैडमिंटन खिलाड़ी नितेश कुमार ने गोल्ड मेडल जीता है. आपको बता दें कि पेरिस पैरालंपिक में भारत का ये दूसरा गोल्ड मेडल है. नितेश बचपन में फुटबॉल खेलते थे. लेकिन जब वो 15 साल के थे तो एक हादसे में उनका पैर कट गया था. इस हादसे से उनका आर्मी में जाने का सपना टूट गया. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अब पैरालंपिक में देश को गोल्ड दिलाया है.
नितेश कुमार ने जीता गोल्ड मेडल-
पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी नितेश कुमार ने पेरिस पैरालंपिक में गोल्ड मेडल हासिल किया है. उन्होंने पुरुष एकल एसएल3 वर्ग के फाइनल में ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को 21-14, 18-21, 23-21 से हराया. इस पैरालंपिक में यह भारत का दूसरा गोल्ड मेडल है. नितेश पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाले तीसरे भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बन गए हैं. इससे पहले प्रमोद बगत और कृष्णा नागर ने गोल्ड हासिल किया था.
पेरिस पैरालंपिक के सेमीफाइनल में 29 साल के नितेश ने जापान के डाइसुके फुजिहारा को सीधे गेम में हराया था. उन्होंने फुजिहारा को 21-16, 21-12 से मात दी थी.
बचपन में फुटबॉल खेलते थे नितेश-
नितेश कुमार को बचपन में फुटबॉल खेलना पसंद था. लेकिन एक हादसे ने नितेश की जिंदगी बदल दी. जब वो 15 साल के थे तो उनकी जिंदगी में अंधेरा छा गया. साल 2009 में विशाखापत्तनम में एक ट्रेन हादसे में उन्होंने अपना पैर गंवा दिया. इस हादसे के बाद कई महीनों तक वो बिस्तर पर पड़े रहे. वो निराश हो चुके थे. इस हादसे की वजह से नितेश को बचपन का प्रिय खेल फुटबॉल छोड़ना पड़ा. इसके बाद वो पढ़ाई में जुट गए.
नितेश कुमार आर्मी में जाना चाहते थे. लेकिन ट्रेन हादसे ने उनकी इस ख्वाहिश को खत्म कर दिया. नितेश नौसेना अधिकारी के बेटे हैं. उनको बचपन से वर्दी पहनने का शौक था. लेकिन हादसे ने उनके सपने को तोड़ दिया.
IIT मंडी से पढ़ाई-
नितेश को मन लगाकर पढ़ाई का फल भी मिला. उनका सलेक्शन आईआईटी मंडी में हुआ. उन्होंने आईआईटी मंडी से ग्रेजुएशन किया है. वो जब इस संस्थान में पढ़ाई कर रहे थे, उस समय उनको बैडमिंटन के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद बैडमिंटन नितेश की ताकत बन गया. नितेश को पैरा शटलर प्रमोद भगत से प्रेरणा मिली. इतना ही नहीं, नितेश ने स्टार क्रिकेटर विराट कोहली के जज्बे से सीखा.
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