क्या आप बचपन में कभी पिलो फाइट की है? मुमकिन ही की होगी. पिलो फाइट भाई बहनों या दोस्तों के बीच झगड़े में होने वाली एक लड़ाई है. बचपन में अपने दुशमन को तकिये से पीटने का संतोष सबने लिया ही है. लेकिन बड़े होने के साथ पिलो पाइट भूली बुसरी यादों के बक्से में कहीं बंद हो गया है. लेकिन क्या आपको पता है कि बच्चों के बीच की ये लड़ाई अब पेशेवर रिंग में पहुंच गई है.
जनवरी 2022 में फ्लोरिडा में पहली बार पेशेवर पिलो फाइटिंग चैंपियनशिप (पीएफसी) हुई. इस मुकाबले में कुल 24 प्रतियोगियों ने भाग लिया, जिनमें से 16 पुरुष और आठ महिलाएं थीं. सभी दावेदारों को रिंग में आरामदेह दिखने वाले रंगीन तकिए सौंपे गए थे. इन सभी दावेदारों ने अपनी मुट्ठी और दस्तानों के बजाय, दुशमन पर तकिये से वार किया था.
रॉयटर्स के मुताबिक , इस्टेला नून्स ने प्रतियोगिता के फाइनल में केंडल वोएलकर को हराकर महिला चैंपियनशिप जीती. हॉली टिलमैन ने मार्कस ब्रिमेज को हराकर पुरुष वर्ग में पहला स्थान हासिल किया था.
ऐसे में ये जानना दिलचस्प है कि घर घर में भाई बहनों के साथ खेला जाने वाला पिलो फाइट खेल चैंपियनशिप में कैसे बदल गया . रिपोर्टस ये बताती हैं कि इसकी शुरूआत पिलो फाइट को रियल फाइटिंग स्पोर्ट में बदलने के मकसद से की गई है. इस खेल में अनुभवी खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं. साथ ही सभी मुक्केबाजों को खेल के नियमों का भी पालन करना पड़ता है. दिलचस्प ये है कि पूरे खेल के दौरान तकिये को ही हथियार बना के खेला जाता है. हर फाइट में तीन राउंड होते हैं जो दो -दो मिनट के होते हैं.इस खेल में तकिये के इस्तेमाल का खास मकसद ये है कि किसी भी खिलाड़ी का खून ना बहे.
फिल्हाल घर के बेडरूम में भाई बहनों के बीच की लड़ाई अब फाइटिंग रिंग तक पहुंच गई है. जिसे देख यूजर्स काफी एक्साइटिड दिख रहे हैं. ज्यादातर लोगों को फाइट गेम देखना पसंद है.
एक वेबसाइट के मुताबिक पिलो फाइट चैंपियनशिप तेजी से लोकप्रिय हो रहे खेल के रूप में देखी जा रही है. जिसमें खिलाड़ियों की ताकत, सहनशक्ति और रणनीतिक कौशल देखने को मिलता है. फिलहाल सोशल मीडिया पर इन दिनों इस पिलो फाइट चैंपियनशिप के चर्चे काफी तेजी से हो रहे हैं.