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मुफलिसी की जिंदगी जी रहे इन खिलाड़ियों को मिली पहचान, हो चुका है ईस्ट दिल्ली प्रीमियर लीग का आगाज

ईडीपीएल का उद्देश्य जनता के बीच खेलों को बढ़ावा देना और सभी पृष्ठभूमि के उभरते क्रिकेटरों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ एक मंच प्रदान करना है. गंभीर ने कहा, "ईडीपीएल ऐसे कई टूर्नामेंटों का मार्ग प्रशस्त करेगा और ईडीपीएल खुद बड़ा और बेहतर हो जाएगा."

मुफलिसी की जिंदगी जी रहे इन खिलाड़ियों को मिली पहचान मुफलिसी की जिंदगी जी रहे इन खिलाड़ियों को मिली पहचान
हाइलाइट्स
  • ईडीपीएल ऐसे कई टूर्नामेंटों का मार्ग प्रशस्त करेगा

  • गौतम गंभीर ने किया ईडीपीएल का उद्घाटन

पूर्वी दिल्ली में ईस्ट दिल्ली प्रीमियर लीग का आगाज मंगलवार हो चुका है. पूर्वी दिल्ली प्रीमियर लीग (EDPL) मंगलवार को नए पुनर्विकसित यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में शुरू हुआ. इस क्रिकेट प्रीमियर लीग का उद्घाटन पूर्वी दिल्ली के सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने किया. इस लीग में पूर्वी दिल्ली के तमाम खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं. लेकिन इसमें कई खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जिनमें प्रतिभा तो है, मगर उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका कभी नहीं मिला. आज हम आपको एक ऐसे खिलाड़ीयों की कहानी सुनाएंगे जिनहोंने कई तरह की परेशानियों का सामना करके इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है.

पेपर बेचकर जीवन बसर करता है वसीम
कहते हैं कि प्रतिभा हो तो आपको मंजिल तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता. ऐसी ही एक कहानी है 19 साल के मोहम्मद वसीम की, जिसने छोटी सी उम्र से ही अपना पेट पालने के लिए पेपर बेचना शुरू कर दिया. दरअसल वसीम ने अपने माता-पिता बचपन में ही खो दिया था. तब से वसीम अपने बल-बूते पर अपना भरण-पोषण कर रहा है. हालांकि बचपन से ही वसीम को क्रिकेट में काफी रुचि थी. लेकिन विपरीत हालातों के चलते उसे कभी भी मौका नहीं मिला. उसे पेपर बेचने के बाद जब भी समय मिलता था, तब वो क्रिकेट की प्रैक्टिस करता था. इसी का नतीजा है कि वसीम ने ट्रायल के दौरान 140 किलोमीटर की रफ्तार से गेंदबाजी कर सिलेक्टरों को सख्ते में डाल दिया. फिलहाल अब वसीम आने इस प्रीमीयर लीग में बतौर गेंदबाज हिस्सा लेंगे.

पिता के साथ लॉन्ड्री शॉप चलाने वाले शुभम बने क्रिकेटर
अगली कहानी है 17 साल के शुभम की. शुभम एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं. बचपन से गरीबी का जीवन बीताने वाले शुभम को कहां पता था, कि एक दिन वो क्रिकेटर बन जाएंगे.  17 साल के शुभम का सेलेक्शन  ऑल राउंडर प्लेयर के तौर पर हुआ है. शुभम अपने परिवार की आर्थिक तंगी के कारण कभी भी स्कूल नहीं जा सके. बचपन से ही वो अपने पिता के साथ लॉन्ड्री शॉप चलाते थे. आज शुभम के इस मुकाम को हासिल करने से शुभम के परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है. 

खेल के बुनियादी ढ़ाचें को सुधारने का है लक्ष्य
इस कार्यक्रम में बोलते हुए पूर्व क्रिकेटर ने कहा, "खेलों का विकास केवल योजनाओं और पुरस्कारों से नहीं हो सकता. युवा प्रतिभाओं को पोषित करने के लिए इसके लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और सुविधाओं की आवश्यकता होती है. भारत तभी एक खेल राष्ट्र बन सकता है जब ऐसी युवा प्रतिभाओं को पर्याप्त मंच मिले." ईडीपीएल का उद्देश्य जनता के बीच खेलों को बढ़ावा देना और सभी पृष्ठभूमि के उभरते क्रिकेटरों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ एक मंच प्रदान करना है. गंभीर ने कहा, "ईडीपीएल ऐसे कई टूर्नामेंटों का मार्ग प्रशस्त करेगा और ईडीपीएल खुद बड़ा और बेहतर हो जाएगा."