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India-Bangladesh match: बांग्लादेश जैसी कमजोर टीम से हार के बाद भारत को सीख लेनी चाहिए ये बातें, नहीं तो आगे होगी और मुश्किल

क्रिकेट विश्वकप की मेजबानी अगले साल  भारत करेगा. कई देश अभी से इसकी तैयारी में जुट गए हैं लेकिन बांग्लादेश जैसी कमजोर टीम से लगातार दो हार के बाद भारत की तैयारियों पर सवाल उठने लगा है. ऐसे में भारतीय टीम को अपनी गलतियों से सीख लेकर जल्द इसमें सुधार करना चाहिए ताकि अगले विश्वकप में हम परचम लहरा सकें.

भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी (फाइल फोटो) भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • क्रिकेट विश्वकप की मेजबानी अगले साल भारत करेगा

  • बल्लेबाजी, गेंदबाजी से लेकर फील्डिंग में सुधार की जरूरत

  • बांग्लादेश से लगातार दो हार के बाद तैयारियों पर सवाल 

क्रिकेट विश्वकप की मेजबानी अगले साल  भारत करेगा. कई देश अभी से इसकी तैयारी में जुट गए हैं लेकिन बांग्लादेश जैसी कमजोर टीम से लगातार दो हार के बाद भारत की तैयारियों पर सवाल उठने लगा है. ऐसे में भारतीय टीम को अपनी गलतियों से सीख लेकर जल्द इसमें सुधार करना चाहिए ताकि अगले विश्वकप में हम परचम लहरा सकें.

बल्लेबाजी में निरंतरता लानी होगी
सिर्फ गेंदबाजों की बात नहीं है, बल्लेबाजी में भी निरंतरता की कमी बांग्लादेश के खिलाफ वनडे में दिखी. पहले वनडे में शीर्ष चार बल्लेबाज फेल हो गए थे. रोहित शर्मा 27, श्रेयस अय्यर 24, विराट कोहली नौ और शिखर धवन सात रन बनाकर आउट हो गए थे. दूसरे वनडे में भी कुछ नहीं बदला. शुरू के चार में से तीन बल्लेबाजों ने निराश किया. इस मैच में चोटिल रोहित शर्मा की जगह विराट कोहली ओपनिंग करने आए और पांच रन बनाकर आउट हो गए. धवन आठ और प्रयोग के तौर पर चौथे स्थान पर भेजे गए वॉशिंगटन सुंदर 11 रन बनाकर आउट हुए.

प्रयोग पर अब विराम लगाना होगा
इस सीरीज के लिए सूर्यकुमार यादव को आराम दिया गया है. केएल राहुल से विकेटकीपिंग कराई जा रही है. वॉशिंगटन सुंदर और अक्षर पटेल पर भरोसा दिखाया जा रहा है. अगले साल होने वाले विश्व कप में अब ज्यादा समय नहीं है. टीम इंडिया के खिलाड़ियों को बीच में आईपीएल में भी हिस्सा लेना है. दूसरी टीमें अपनी टीम में ज्यादा बदलाव नहीं कर रही हैं. भारत ने टी-20 विश्व कप से पहले भी इसी तरह लगातार प्रयोग किए थे. अब वनडे विश्व कप से भी पहले उसी तरह हो रहा है. अगर ऐसा रहा तो टीम इंडिया के लिए घर में विश्व कप को जीतना मुश्किल होगा.

20-25 खिलाड़ी कर लेने होंगे तय 
कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ को अपने 20-25 खिलाड़ी तय कर लेने होंगे. तकरीबन हर सीरीज में कोई न कोई खिलाड़ी डेब्यू कर रहा है. टीम में स्थायित्व की कमी है. कप्तान और कोच को टीम में निरंतरता लानी होगी. साथ ही बोर्ड को भी इस बारे में बात करना होगा.

गेंदबाजी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
भारतीय टीम गेंदबाजी के क्षेत्र में काफी कमजोर अभी दिख रही है. जसप्रीत बुमहार चोट के कारण टीम से बाहर हैं. युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव कभी टीम होते हैं तो कभी नहीं. जडेजा भी घायल हैं. गेंदबाजी में सबसे अधिक समस्या डेथ ओवर्स की है. बांग्लादेश जैसी कमजोर टीम के सामने भी गेंदबाज विकेट के लिए तरसते नजर आ रहे हैं.

आलराउंडर पर देना होगा ध्यान
यदि हार्दिक पांड्या और रविंद्र जडेजा टीम में नहीं हैं तो हमें जल्द इनकी जगह पर कौन आलराउंडर खेलेगा उसको खोजना होगा. आप किसी एक या दो मैच में किसी खिलाड़ी को मौका देकर विश्वकप में नहीं ले जा सकते. तीन आलराउंडर को भी हम मैच में मौका दे सकते हैं.

रोहित की फॉर्म चिंता का विषय
रोहित शर्मा जब से टीम इंडिया का कप्तान बने हैं, उनकी बल्लेबाजी प्रभावित हुई है. उनकी बैटिंग औसत 30 से भी कम है. यदि वह ओपनिंग में रन बना देते हैं तो बच्चे बल्लेबाजों को लिए मौका आसान हो जाता है.

तीसरे वनडे में नहीं खेलेंगे रोहित शर्मा समेत ये तीन खिलाड़ी
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खेलना संदिग्ध हैं. दूसरे वनडे के दौरान सात दिसंबर को उनके बाएं अंगूठे में चोट लगी थी. उन्होंने फील्डिंग नहीं की और केएल राहुल ने कमान संभाली. हालांकि, रोहित बल्लेबाजी के दौरान अंत में क्रीज पर उतरे और अर्धशतक भी लगाया. उनकी पारी के बावजूद टीम नहीं जीत पाई. कोच राहुल द्रविड़ ने कहा कि वह विशेषज्ञों से सलाह लेने के लिए स्वदेश लौट रहे हैं. द्रविड़ ने यह भी बताया कि हिटमैन समेत तेज गेंदबाज दीपक चाहर और कुलदीप सेन चोट के कारण तीसरे वनडे से बाहर हो गए हैं.

सबसे खराब वनडे फॉर्म में विराट
भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वनडे में पांच रन पर आउट हो गए थे. पहले वनडे में वह नौ रन ही बना सके थे. इस साल के 10 वनडे में उन्होंने महज 18.90 के औसत से रन बनाए. वह पांच पारियों में तो दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके. 2008 में उनका औसत 31.80 का था. इसी साल उन्होंने डेब्यू किया था. 2008 के बाद विराट ने 2015 में 36.64 के औसत से रन बनाए थे. इसके अलावा किसी भी साल में उनका औसत 43 से कम नहीं रहा. इन आंकड़ों से साफ है कि विराट अपने वनडे करियर में डेब्यू के बाद से सबसे खराब दौर में हैं.