आज की पीढ़ी में शायद ही किसी ने क्रिकेटर रमन लांबा का नाम सुना होगा. रमन लांबा को खेल के इतिहास में सबसे दुर्भाग्यपूर्ण क्रिकेटरों में से एक कहा जा सकता है. रमन न सिर्फ एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर थे बल्कि वह उतने ही स्मार्ट और डैशिंग भी थे. उनकी खूबसूरती सिरिफ बाहरी नहीं थी बल्कि उनकी पूरी पर्सनैलिटी ही ऐसी थी.
उनका आत्मविश्वास, फिटनेस और उनका खेल, हर चीज ने लोगों को मंत्रमुग्ध किया. हालांकि, उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के सीमित अवसर मिले, लेकिन वह भारत, बांग्लादेश और अंग्रेजी क्लबों के घरेलू सर्किट में एक प्रसिद्ध और फेवरेट क्रिकेटर थे.
मेरठ में जन्मे थे रमन
रमन लांबा का जन्म 2 जनवरी 1960 को उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में हुआ था. रमन लांबा ने अपने रणजी ट्रॉफी करियर की शुरुआत 1980-81 में दिल्ली के लिए खेलते हुए की थी. रमन लांबा ने 17 दिसंबर, 1986 को कानपुर में श्रीलंका के खिलाफ अपनी शुरुआत की. उन्होंने मध्यम शुरुआत की और तीन टेस्ट मैचों में उनके खिलाफ 33.67 की औसत से शुरुआत की.
टेस्ट क्रिकेट में उनकी एंट्री हुई लेकिन यहां उनकी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया. लांबा श्रीलंका खेलों के बाद वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेले गए अपने एकमात्र टेस्ट में विफल रहे, उन्होंने दो पारियों में सिर्फ एक रन बनाया. इसने टेस्ट खिलाड़ी के रूप में उनके टेस्ट करियर को लगभग समाप्त कर दिया था. उन्होंने 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में वापसी की, लेकिन नेट्स के दौरान उनकी उंगली में चोट लग गई और उसके बाद मैच में नहीं खेल सके क्योंकि मोहम्मद अजहरुद्दीन को उनकी जगह दी गई थी.
मेहनत से ली लाइमलाइट
टेस्ट क्रिकेट के विपरीत लांबा ने एक दिवसीय क्रिकेट में शानदार शुरुआत की थी क्योंकि उन्होंने अपने पहले मैच में 64 और अपने छठे मैच में 102 रन बनाए थे और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक शतक और 2 अर्द्धशतक के साथ मैन ऑफ द सीरीज खिताब जीता था.
रमन लांबा ने वनडे में कृष्णमाचारी श्रीकांत के साथ ओपनिंग की. दोनों आक्रामक स्ट्रोक खिलाड़ी थे. सलामी बल्लेबाज के रूप में उनकी जोड़ी हिट रही. उनके तरीके को 1996 के विश्व कप में सलामी जोड़ी सनथ जयसूर्या और रोमेश कालुविथाराना ने भी अपनाया था.
लांबा ने सेशन 1994-95 में 10 मैचों में 73.86 की औसत से 3 शतक और 4 अर्धशतक के साथ 1034 रन बनाए, जो रणजी ट्रॉफी में एक रणजी सेशन में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड भी था. उन्होंने 1994-95 में दिल्ली में हिमाचल प्रदेश के खिलाफ अपने करियर का सर्वोच्च स्कोर 312 बनाया, जो न केवल उनका व्यक्तिगत सर्वोच्च स्कोर है, बल्कि यह दिल्ली के लिए सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर में से एक है.
आयरलैंड में मिला प्यार
रमन लांबा एक विदेशी खिलाड़ी के रूप में आयरलैंड में सॉनेट क्लब के लिए खेले. उन्होंने अनौपचारिक एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैचों में आयरलैंड का प्रतिनिधित्व भी किया. यहीं पर उनकी मुलाकात अपनी भावी पत्नी, किम मिशेल क्रॉथर से हुई. जिस रमन की लाखों लड़कियां दीवानी थीं, वह किम पर अपना दिल हार बैठे.
पहली मुलाकात के बाद से ही दोनों के बीच प्यार पनपने लगा. रमन और किम ने सितंबर 1990 में शादी की. रमन और किम के दो बच्चे जैस्मीन और कामरान हैं. किम अपने दोनों बच्चों के साथ पुर्तगाल में सेटल हो गईं.
क्रिकेट के मैदान पर कहा अलविदा
रमन लांबा फील्डिंग के दौरान हेलमेट नहीं लगाने के लिए जाने जाते थे और यही लापरवाही उनकी मौत की वजह बनी. लांबा 20 फरवरी 1998 को ढाका बंगबंधु स्टेडियम में मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब बनाम प्रीमियर डिवीजन क्रिकेट मैच के फाइनल में ढाका के अग्रणी क्लब अबाहानी क्रीरा चक्र के लिए खेल रहे थे. वह फॉरवर्ड शॉर्ट लेग पर फील्डिंग कर रहे थे. यहां पर जब कोई फील्डर खड़ा होता है तो हेल्मेट और गार्ड लगा लेता है लेकिन रमन ने ऐसा नहीं किया.
तब बायें हाथ के स्पिनर सैफुल्ला खान ने बॉल की और बल्लेबाज ने शॉट खेला. शॉट ऐसा था कि गेंद रमन के सिर से टकरा गई. उन्हें चोट लगी ऐऔर इंटरनल ब्लीडिंग के कारण वह कोमा में चले गए. रमन के लिए दिल्ली से एक न्यूरोसर्जन को लाया गया लेकिन सभी प्रयास व्यर्थ गए. तीन दिनों के बाद उनका वेंटिलेटर हटा दिया गया और 23 फरवरी 1998 को रमन लांबा ने दुनिया को अलविदा कह दिया.