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IPL 2023: गरीब परिवारों के बच्चों के लिए हॉस्टल बनवा रहे हैं क्रिकेटर रिंकू सिंह, ताकि क्रिकेट ट्रेनिंग में न हो परेशानी

क्रिकेटर रिंकू सिंह अलीगढ़ में एक हॉस्टल बनवा रहे हैं ताकि गरीब परिवारों से क्रिकेट सीखने आने वाले बच्चों को घर से दूर रहने में कोई परेशानी न हो.

Rinku Singh (Photo: Twitter) Rinku Singh (Photo: Twitter)
हाइलाइट्स
  • पांच छक्के लगाकर छा गए रिंकू

  • अगले महीने से शुरू हो जाएगा हॉस्टल 

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) क कारण देश के बहुत से युवाओं के सपने पूरे हो रहे हैं. बहुत सी संघर्षों की कहानियां सामने आ रही हैं. 2008 में अपनी स्थापना के बाद से, लीग ने न सिर्फ प्रतिभा को मौका दिया है बल्कि उन्हें करोड़पति भी बना दिया है और इसके फ्रैंचाइजी इन उभरते क्रिकेटरों पर पैसा लगा रहे हैं.

लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे क्रिकेटर की कहानी, जिसने अभी तक भारत की नेशनल टीम में अपनी शुरुआत नहीं की है, लेकिन इस खेल के लिे अपना योगदान देना शुरू कर दिया है. लीग में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलने वाले रिंकू सिंह ने एक मिसाल पेश की है.

पांच छक्के लगाकर छा गए रिंकू
उत्तर प्रदेश के 25 वर्षीय रिंकू सिंह ने कुछ दिन पहले अपनी टीम के लिए एक असंभव जीत हासिल करने के लिए आखिरी ओवर में लगातार पांच छक्के लगाकर देश का नाम रोशन किया. रिंकूं बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं. भले ही वह आईपीएल के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले क्रिकेटरों में से नहीं हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने ऐसा कुछ किया जिसकी चर्चा सब जगह हो रही है. 

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, रिंकू अलीगढ़ में आगामी क्रिकेटरों के लिए एक छात्रावास बना रहे हैं ताकि उन्हें आगे बढ़ने के पूरे मौके मिलें. एक मामूली परिवार से ताल्लुक रखने वाले रिंकू के पिता खानचंद्र सिंह एलपीजी सिलेंडर डिलीवर करते थे और उनके भाई - सोनू (एक ऑटो-रिक्शा चालक) और मुकुल (एक कोचिंग सेंटर में फर्श को साफ किया) ने जैसे-तैसे घर-परिवार का गुज़ारा किया है. इस कारण रिंकू को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा. 

अगले महीने से शुरू हो जाएगा हॉस्टल 
रिंकू ऑलराउंडर है, बल्लेबाजी के साथ-साथ वह दाएं हाथ के ऑफ-ब्रेक गेंदबाज भी हैं. रिंकू ने जिन कठिनाइयों का सामना किया, उन्हें देखते हुए, वह दूसरे प्रतिभाशाली युवाओं के लिए सफर को थोड़ा आसान बनाना चाहते हैं. अगले महीने छात्रावास के चालू होने पर उनका सपना हकीकत में बदल जाएगा. 

अलीगढ़ में रिंकू के बचपन के कोच मसूदज-जफर अमिनी ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि रिंकू हमेशा युवा खिलाड़ियों के लिए एक छात्रावास बनाना चाहते थे. जिनके पास अपने सपनों को पूरा करने के लिए आर्थिक साधन नहीं हैं. और अब रिंकूआर्थिक रूप से मजबूत हैं, इसलिए उन्होंने इसे हकीकत बनाने का फैसला किया है.

हॉस्टल में होंगी ये सुविधाएं
रिंकू ने साल 2016 में अपना रणजी डेब्यू किया था और 2017 में किंग्स इलेवन पंजाब ने उन्हें चुना. कोलकाता फ्रेंचाइजी ने उन्हें 2018 में 80 लाख में खरीदा था और वह तब से उनके लिए खेल रहे हैं. अमिनी ने लगभग 12-13 साल पहले रिंकू को प्रशिक्षण देना शुरू किया था और उन्होंने उनके संघर्ष और कामयाबी, दोनों को देखा है. कोच अब जिला संघ के स्वामित्व वाली 15 एकड़ भूमि पर अलीगढ़ क्रिकेट स्कूल और अकादमी चलाते हैं.

अब यहां हॉस्टल बन रहा है. आपको बता दें कि काम लगभग तीन महीने पहले शुरू हुआ था. हॉस्टल में 14 कमरे होंगे और हर एक में चार ट्रेनी रह सकते हैं. अलग शौचालयों का भी निर्माण भी किया जा रहा है. ये ट्रेनी यहां पर चलाई जा रही कैंटीन में खाना खा सकते हैं. इसमें लगभग 50 लाख का खर्च आएगा और पूरा खर्च रिंकू उठा रहे हैं. रिंकू के सबसे बड़े भाई, सोनू हॉस्टल की देखरेख करेंगे.  

पिता और भाई खुश हैं कामयाबी से 
सोनू का कहना है कि उनके पिता और उन दोनों भाइयों ने हमेशा काम किया ताकि रिंकू अपना सपना पूरा करे. वे हमेशा चाहते थे कि वह क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करें. लेकिन उन्होंने जो बलिदान दिया, उसका फल मिला क्योंकि रिंकू न केवल उन्हें गरीबी से बाहर निकाला, बल्कि गरीब क्रिकेटरों के लिए एक हॉस्टल बनाने का भी फैसला किया.

वर्तमान में अकादमी में आसपास के शहरों से बच्चे आते हैं और कुछ किराए के घरों में रहते हैं. वर्तमान में, वे बहुत ज्यादा किराया देते हैं, लेकिन यहां उन्हें मामूली कीमत पर कमरे और भोजन मिलेगा. इसके अलावा, उन्हें ट्रेवलिंग पर भी समय और पैसा बर्बाद नहीं करना पड़ेगा. हॉस्टल का लगभग 90 प्रतिशत काम हो चुका है. यह अगले महीने तक तैयार हो जाएगा. रिंकू आईपीएल से वापस आने के बाद इसका उद्घाटन करेंगे.