क्रिकेट की दुनिया में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के कई किस्से फेमस हैं. एक किस्सा उनके एक ऑटोग्राफ को लेकर फेमस हैं, जिसमें उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई के गेंदबाज ब्रैड हॉग से एक वादा किया और उस वादे को अपने क्रिकेट करियर के दौरान पूरा किया. क्या हुआ था उस मैच में? क्यों सचिन से ऑटोग्राफ लेने गए ब्रैड हॉग? उस ऑटोग्राफ में सचिन न क्या लिखा? चलिए आपको उसे मैच का किस्सा बताते हैं.
2007 में खेला गया था वो मैच-
5 अक्टूबर 2007 को हैदरबाद में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 3 वनडे मैचों की सीरीज के आखिरी मैच खेला जा रहा था. टीम इंडिया को जीत के लिए 291 रन का लक्ष्य मिला था. सचिन तेंदुलकर और गौतम गंभीर पारी की शुरुआत करने मैदान पर उतरे थे. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज ब्रैड हॉग ने 20वें ओवर में सचिन तेंदुलकर को बोल्ड कर दिया. इस मैच में युवराज सिंह ने शतक बनाया था. लेकिन इसके बावजूद टीम इंडिया को इस मैच 47 रनों से हार का सामना करना पड़ा था.
हॉग ने सचिन से मांगा था ऑटोग्राफ-
सचिन तेंदुलकर को आउट करने के बाद ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज ब्रैड हॉग उनसे ऑटोग्राफ लेने पहुंचे. हॉग ने इस किस्से का खुलासा द संडे ऐज को दिए एक इंटरव्यू में किया था. उन्होंने बताया था कि मैच के बाद वो सचिन से ऑटोग्राफ लेने गए थे. सचिन तेंदुलकर ने उनको ऑटोग्राफ दिया. लेकिन उस तस्वीर पर सचिन ने एक ऐसा वाक्य लिखा, जिसे वो पूरे क्रिकेट करियर में निभाते रहे.
यह फिर दोबारा नहीं होगा- सचिन
सचिन तेंदुलकर ने ब्रैड हॉग को ऑटोग्राफ दिया और उसके साथ ही एक मैसेज भी लिखा- यह फिर कभी दोबारा नहीं होगा हॉग. उस मैसेज को हॉग ने ज्यादा गंभीरत से नहीं लिया. लेकिन सचिन इसको लेकर पूरी तरह से गंभीर थे. उन्होंने अपना वादा पूरा किया.
फिर कभी सचिन को आउट नहीं कर पाए हॉग-
उस मैच के बाद ब्रैड हॉग कभी भी सचिन तेंदुलकर को आउट नहीं कर पाए. उस सीरीज के बाद सचिन और हॉग का 17 बार आमना-सामना हुआ. लेकिन कभी भी हॉग सचिन तेंदुलकर को आउट नहीं कर पाए. उस इंटरव्यू में हॉग ने कहा था कि यह थोड़ा कीमती है. यह सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी के साथ मैदान पर खेलना सम्मान की बात है. उन्हें गेंदबाजी करना शानदार अनुभव है.
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