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Shefali Verma: कैसे क्रिकेट खेलने के लिए शेफाली को बनना पड़ता था लड़का, महिला टी20 में जड़ा सबसे तेज अर्धशतक

शेफाली वर्मा को क्रिकेट सिखने के लिए लड़का बनना पड़ता था. इतना ही नहीं शेफाली वर्मा के पिता ने क्रिकेट एकेडमी में उन्हें एडमिशन दिलाने के लिए 9 साल की उम्र में लड़कों की तरह बाट कटवा दिए थे.

Shafali Verma Shafali Verma
हाइलाइट्स
  • शेफाली वर्मा सबसे कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किया डेब्यू

  • शेफानी वर्मा ने जड़ा महिला टी-20 चैलेंज में सबसे तेज अर्धशतक

शेफाली वर्मा ने महिला टी-20 चैलेंज में सबसे तेज अर्धशतक बनाने वाली खिलाड़ी बनी हैं. शेफाली वर्मा ने महज 33 गेंदों में 51 रन बना डाला. शेफाली वर्मा ने मंगलवार को महिला टी-20 चैलेंज का दूसरे मैच में वेलोसिटी की तरफ से खेलते हुए सुपरनोवाज के खिलाफ सबसे तेज अर्धशतक जड़ा. इसके साथ ही शेफाली ने अपनी टीम को जीत दिलाई. इस मुकाम तक पहुंचने के लिए शेफाली का सफर पत्थर पर लकीर खींचने जैसी रहा.  

शुरुआत में नहीं मिला किसी एकेडमी में एडमिशन
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की धमाकेदार बल्लेबाज शेफाली वर्मा का जन्म 28 जनवरी 2004 में हरियाणा के रोहतक जिले में हुआ था. शेफाली वर्मा को बचपन से क्रिकेट खेलने का बेहद शौक था. वहीं शेफाली वर्मा के पिता संजीव वर्मा का भी क्रिकेट में काफी दिलचस्पी रही है. शेफाली के पिता संजीव वर्मा इंटरनेशनल क्रिकेट खेलना चाहते थे, लेकिन उनका यह सपना पूरा न हो सका. शेफाली के पिता को जब अपनी बेटी में भी क्रिकेट के प्रति लगाव देखा तो उन्हें घर पर ही ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया. वहीं जब उन्हें लगा कि अब शेफाली को प्रोफेशनल ट्रेनिंग मिलनी चाहिए तो उन्होंने कई एकेडमी में एडमिशन कराने की कोशिश की, लेकिन किसी भी एकेडमी में उन्हें प्रवेश नहीं मिला. वहीं शेफाली को किसी एकेडमी में एडमिशन इसलिए नहीं मिला क्योकि वह एक लड़की थी. 

क्रिकेट खेलने के लिए पिता ने बाल कटवा दिए बॉयकट
शेफाली के पिता बेटी का किसी क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन नहीं होता देख काफी निराश हुए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. बेटी को क्रिकेट सिखाने के लिए शेफाली के पिता ने 9 साल की उम्र में उनके बाल ही काट दिए. शेफाली के पिता ने उनका बाल एकदम लड़कों की तरह काट दिए. जिसके बाद शेफाली क्रिकेट सीखने के लिए लड़को की तरह रहने लगी. उसके बाद शेफाली को तुरंत एक क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन मिल गया.

Shafali Verma
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क्रिकेट सीखने को लेकर रिश्तेदारों ने की आलोचनात्मक टिप्पणियां
शेफाली कई वर्षों तक टॉमबॉय  बनकर ही क्रिकेट सीखती रही. वहीं जब भारत में महिला क्रिकेट एकेडमी बनाई गई तब जाकर शेफाली को क्रिकेट एक महिला क्रिकेट एकेडमी में दाखिला मिल. महिला क्रिकेट एकेडमी में दाखिला मिलने के बाद उनके रिश्तेदारों ने बहुत सारी आलोचनात्मक टिप्पणियां की. लेकिन  शेफाली के पिता ने सबको दरकिनार कर उन्हें क्रिकेट की प्रोफेशनल ट्रेनिंग दिलवाई. इतना ही नहीं शेफाली के पिता ने उन्हें एक बेहतरीन और शानदार क्रिकेटर बनाया. जिन्होंने मंगलवार को महिला टी-20 चैंलेंज में सबसे तेज अर्धशतक जड़ा हैं.  

Shafali Verma
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15 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किया डेब्यू 
शेफाली वर्मा ने महज 15 साल की उम्र में 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया. भारत की तरफ से महिला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इतनी कम उम्र में डेब्यू करने वाली वह पहली महिला खिलाड़ी बनी हैं. शेफाली ने जब अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेला था, लेकिन वह इस मैच में कुछ खास नहीं कर पाई थी. शेफाली इस मैच में जीरो पर ऑउट हो गई थी. शेफाली ने इस सीरीज के चौथे मैच में ओपनिंग करते हुए 33 गेंदों में 46 रन बना डाला था. वहीं अब शेफाली ने महिला टी-20 चैलेंज में सबसे तेज अर्धशतक बनाने का रिकॉरड अपने नाम किया हैं.