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India won U-19 Women's T20 World Cup: लड़कों के साथ खेला क्रिकेट, सचिन का तोड़ा रिकॉर्ड... वर्ल्ड चैंपियन शेफाली वर्मा की कहानी जानिए

शेफाली वर्मा के नेतृत्व में भारत की अंडर-19 महिला टीम ने इतिहास रच दिया है. टीम ने पहली बार आयोजित किए गए U-19 Women's T20 World Cup को जीत लिया है.

Shafali Verma (Photo: Twitter) Shafali Verma (Photo: Twitter)
हाइलाइट्स
  • 15 साल की उम्र में किया था डेब्यू

  • तोड़ा था सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड

भारतीय अंडर-19 टीम ने रविवार (29 जनवरी) को दक्षिण अफ्रीका में इतिहास रच दिया. इंग्लैंड को हराकर भारतीय टीम ने आईसीसी अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप को अपने नाम कर लिया. यह पहली बार था जब अंडर-19 महिला टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन किया गया. जिसे शेफाली वर्मा की अगुवाई में टीम इंडिया ने जीत लिया. 

टीम की कप्तान शेफाली वर्मा किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. भारतीय टीम का नेतृत्व सीनियर अंतरराष्ट्रीय और पूर्व विश्व नंबर 1 बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने किया. शेफाली पर सीनियर टीम का हिस्सा होने की वजह से सबकी नजरें थीं कि वह वर्ल्ड कप का प्रेशर कैसे मैनेज करेंगी लेकिन शेफाली और टीम ने साबित कर दिया कि वे किसी से कम नहीं हैं. 

शेफाली के पुराने कोच अश्विनी का कहना है कि बेटियों की जीत पर उन्हें बहुत खुशी है. टीम ने देश की बेटियों को रास्ता दिखाया है और बताया है कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं. हमारी बेटियां बहुत कुछ कर सकती हैं. 

आसान नहीं था शेफाली का सफर 
हरियाणा में रोहतक की रहने वाली शेफाली वर्मा एक साधारण परिवार से आती हैं. घरवालों ने उनके बड़े भाई के लिए क्रिकेट का सपना देखा था. बड़े भाई के साथ शेफाली भी खेलने पहुंच जाती थी और जिद करके लड़कों के साथ खेलती. 8 साल की उम्र में शेफाली की क्रिकेट में प्रतिभा नजर आने लगी और सबसे अच्छी बात थी कि उनके पिता ने इस प्रतिभा को आगे बढ़ाने की ठानी. 

शेफाली की सफलता में उनके पिता की मेहनत और परिवार का साथ है. द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, उनके पिता, संजीव वर्मा ने दिन-रात एक करके शेफाली की ट्रेनिंग कराई. और तो और लोगों की बातें सुनी कि बेटी को कहीं भी भेज देते हैं. पर संजीव वर्मा के लिए उनकी बेटी का सपना जरूरी था. शेफाली बिना किसी रोक-टोक के लड़कों के साथ क्रिकेट खेल सकें, इसके लिए उनके बाल भी छोटे-छोटे कटवा दिए गए. 

तोड़ा था सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड
12 साल की उम्र में शेफाली ने एक अकादमी जॉइन करके प्रोफेशनल ट्रेनिंग करना शुरू किया. बचपन से ही शेफाली का सपना था सचिन की तरह खेलना और नाम कमाना. इसलिए, यहां पर उन्होंने दिन-रात मेहनत करके अपनी स्किल को तराशा और लगातार प्रैक्टिस की. नेशनल टीम में सिलेक्शन से पहले शेफाली ने रणजी ट्ऱॉफी और हरियाणा के कई दूसरे टूर्नामेंट्स खेले. इन खेलों के दौरान शेफाली सिलेक्टर्स की नजर में आईं.

शेफाली ने 15 साल की उम्र में 24 सितम्बर, 2019 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया था. इसी साल शेफाली ने एक मैच में अपना अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक लगाया था और इस कारनामे को करने वाली वह सबसे कम उम्र (मात्र 15 साल 285 दिन) की क्रिकेटर थीं. उनसे पहले सचिन ने देश में सबसे कम उम्र, 16 साल 214 दिन में अपना अंतर्राष्ट्रीय अर्धशतक (23 नवंबर, 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ 59 रन) बनाया था. 

वर्ल्ड कप जीतकर रचा इतिहास 
पिछले 5 सालों में समय-समय पर शेफाली ने खुद को साबित किया है. सीनियर टीम में भी वह टीम को आगे ले जाने में मददगार रहीं. तो वहीं, जुनियर टीम में उन्होंने पहले ही टी-20 वर्ल्ड कप में इतिहास रच दिया. उनकी अगुवाई में टीम ने इंग्लैंड को हराकर वर्ल्ड कप भारत के नाम किया. 

फाइनल में भारत ने इंग्लैंड को 7 विकेट से हराया. जीत के बाद शेफाली काफी इमोशनल हो गई थीं. यह पल न सिर्फ टीम बल्कि लोगों के लिए भी खास था. शेफाली ने टीम की सराहना करते हुए BCCI का धन्यवाद किया.