बीकानेर राजघराने से आने वाले करणी सिंह को भारत में निशानेबाजी का पितामह कहा जाता है. वो 17 बार नेशनल चैंपियन रहे. इतना ही नहीं, करणी सिंह ने 5 बार ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया. हालांकि वो कोई मेडल नहीं जीत सके. लेकिन उनको देखकर भारत के कई निशानेबाजों ने अपने करियर को बुलंदियों पर पहुंचाया. करणी सिंह को साल 1961 में अर्जुन पुरस्कार दिया गया. ये उपलब्धि हासिल करने वाले वो पहले निशानेबाज थे. चलिए आपको निशानेबाज करणी सिंह की कहानी बताते हैं.
दिल्ली और मुंबई में हुई पढ़ाई-
करणी सिंह का जन्म राजस्थान के बीकानेर में 21 अप्रैल 1924 को हुआ था. उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई स्थानीय स्तर पर हुई. इसके बाद करणी सिंह ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज और बॉम्बे के सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ाई की. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में ग्रेजुएशन किया और बंबई विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री हासिल की.
बचपन से निशानेबाजी का था शौक-
करणी सिंह ने अपने पिता महाराज सादूल सिंह की देखरेख में निशानेबाजी की शुरुआत की. करणी सिंह जब 13 साल के थे तो उन्होंने चिड़िया पर सटीक निशाना लगाया था. हालांकि उसके बाद उन्होंने प्रण लिया कि सिर्फ निशानेबाजी के शौक के लिए किसी पक्षी को नहीं मारेंगे. इसके बाद उन्होंने निशानेबाजी को करियर बनाने का फैसला किया. उनको निशानेबाजी के अलावा गोल्फ और फोटोग्राफी का भी शौक था. करणी सिंह पायलट भी थे.
17 बार नेशनल चैंपियन रहे करणी सिंह-
करणी सिंह क्ले पिजन ट्रैप और स्कीट में 17 बार नेशनल चैंपियन रहे. उन्होंने कई इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया. करणी सिंह ने साल 1960 से 1980 के बीच ओलंपिक जैसे बड़े खेलों में 5 बार भारत का प्रतिनिधित्व किया.
साल 1962 में करणी सिंह ने काहिरा में आयोजित 30वें वर्ल्ड शूटिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता और देश का नाम रोशन किया. उन्होंने साल 1966 में वाइसबैडेन में विश्व शूटिंग चैंपियनशिप में भारत की अगुवाई की. इसके अलावा उन्होंने 1967 और 1971 में एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया. साल 1971 में सियोल में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता. इसके अलावा करणी सिंह ने 1974 और 1975 के एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था.
साल 1961 में करणी सिंह को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वो राष्ट्रीय सम्मान पाने वाले पहले निशानेबाज बने.
25 साल तक रहे सांसद-
साल 1952 में करणी सिंह को पहली बार बीकानेर से लोकसभा सांसद चुना गया. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरा था. इसके बाद वो लगातार 25 साल तक लोकसभा सांसद रहे. साल 1977 तक करणी सिंह लोकसभा सदस्य रहे.
करणी सिंह की फैमिली-
25 फरवरी 1944 को करणी सिंह की शादी डूंगरपुर की सुशील कुमार से हुई. उनका एक बेटा और दो बेटियां थीं. उनकी बेटी राजकुमारी राज्यश्री कुमारी शूटिंग खिलाड़ी रहीं. राज्यश्री को साल 1968 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
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