श्रेयस होसुर ने "द आयरन मैन ट्रायथलॉन" को सफलतापूर्वक पूरा किया है. यह दुनिया के सबसे कठिन सिंगल डे इवेंट में शामिल है. दरअसल, श्रेयस 2012 बैच के इंडियन रेलवे अकाउंट सर्विस के अधिकारी हैं. इसे पूरा करने में श्रेयस को 13 घंटे 26 मिनट का समय लगा. इस आयोजन में 3.8 किमी तैराकी, 180 किमी साइकिल चलाना और 42.2 किमी दौड़ शामिल है.
यह कोई आसान इवेंट नहीं होता है. इसलिए एक बार आप इस इवेंट को पूरा कर लेते हैं तो आप आयरन मैन के रूप में जाने जाते हैं. इसमें आपको मेंटली और फिजिकली स्ट्रांग होना पड़ता है. सुबह 6.30 हैम्बर्ग झील के ठंडे पानी से इसकी शुरुआत होती है, जिसमें 3.8 किलोमीटर तैरना होता है. इसके बाद ग्रामीण इलाकों में 180 किलोमीटर लंबी साइकिलिंग करनी होती है आखिर में 42.2 किमी की फुल मैराथन के साथ यह खत्म होता है.
कौन हैं आयरन मैन बनने वाले श्रेयस होसुर
होसुर दिल्ली में नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन(NTRO) में डेप्यूटेशन से लौटे हैं और वर्तमान में दक्षिण पश्चिम रेलवे के निर्माण विभाग में डिप्यूटी फाइनेंशियल एडवाइजर और चीफ अकाउंटेट ऑफिसर के रूप में कार्यरत हैं. उन्होंने इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय में साइबर सिक्योरिटी में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम किया था.
श्रेयस को क्रिकेट खेलना खूब पसंद है. वह सिविल सर्विस क्रिकेट टूर्नामेंट में भी बतौर बैट्समैन खेलते हैं. इसके साथ ही वह अपनी फिटनेस को लेकर हमेशा आगे रहते हैं. उन्हें जिम जाना, रनिंग करना भी बहुत अच्छा लगता. इतना ही नहीं श्रेयस घूमने के भी शौकिन हैं.
चंदन तस्कर विरप्पन को पकड़वाने में था श्रेयस के पिता का हाथ
होसुर के परिवार में पहले से ही लोग सरकारी सेवाओं से जुड़े हुए हैं. खास बात यह है कि श्रेयस के पिता गोपाल बी होसुर एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी हैं, जिनकी टीम ने खूंखार चंदन तस्कर वीरप्पन को पकड़ा था.
श्रेयस की पत्नी दिव्या से उनकी मुलाकात यूपीएससी की ट्रेनिंग के दौरान हुई थी, जोकि पहले बेलगावी छावनी के सीईओ के रूप में कार्यरत थीं. हालांकि, जून 2019 में उनका ट्रांसफर पीएमओ में कर दिया गया था.
रेलवे ने कहा - 'A moment of pride for Railways'
भारतीय रेलवे ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की है और इसे रेलवे के लिए गौरव का क्षण बताया. उन्होंने लिखा "श्रेयस होसुर को बधाई, जो जर्मनी के हैम्बर्ग में भीषण 'आयरनमैन' ट्रायथलॉन को पूरा करने वाले पहले रेलवे अधिकारी बने, जिसमें 3.8 किमी तैरना, 180 किमी साइकिल चलाना और 42.2 किमी दौड़ शामिल है"
कैसा रहा श्रेयस का आयरन मैन बनने का सफर
श्रेयस पहले भी कई बार मैराथन में हिस्सा ले चुके हैं. साथ ही वह तैरना भी जानते हैं. हालांकि, यह इवेंट काफी मुश्किल होता है लेकिन, श्रेयस को भी यकीन था कि वह इसे पूरा करेंगे. वह हिमालय में स्कीइंग भी करते हैं.
मार्च 2021 में 'भारत का अमृत महोत्सव' कार्यक्रम में अपने अल्मा मेटर के छात्रों को संबोधित करते हुए, होसुर ने कहा था "छात्रों के जीवन में एक कार्य योजना जरूर होनी चाहिए. बच्चों के अंदर कुछ न कुछ कर गुजरने की एक चाह होनी चाहिए. साथ ही जीवन में सिद्धांतों को अपनाने की प्रवृत्ति होनी चाहिए. श्रेयस खुद शारदा आवासीय विद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं.
ये भी पढ़ें :