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सोनीपत के Abhishek भी दिखाएंगे Paris Olympics में अपना दम, जानें भारत के सबसे जिद्दी Hockey Player के बारे में 

बचपन में तीसरी क्लास से ही अभिषेक को हॉकी खेलने का शौक था. लेकिन उस समय अभिषेक के हाथ में चोट लग गई थी. जिसके बाद उसके माता-पिता ने खेलने से मना कर दिया था. अभिषेक ने फिर भी खेलना नहीं छोड़ा. आज वे ओलंपिक में हैं.

Abhishek (Photo: Social Media) Abhishek (Photo: Social Media)
हाइलाइट्स
  • पहली बार खेलेंगे अभिषेक नेन

  • परिवार में खुशी का माहौल

  • देश के लिए ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतना है सपना

पेरिस में हो रहे ओलंपिक में इस बार सोनीपत के रहने वाले अभिषेक में भी अपना दम दिखाएंगे. सोनीपत का लाडला अभिषेक भारत की हॉकी टीम में पहली बार खेलने के लिए पहुंच चुका है. अभिषेक को हॉकी का सबसे जिद्दी प्लेयर कहा जाता है. बचपन में अभिषेक को चोट लग गई थी, लेकिन ये भी उन्हें खेलने से रोक नहीं पाई. अभिषेक हॉकी खेलना जारी रखा और आज अभिषेक भारतीय हॉकी टीम में सेलेक्ट होकर ओलंपिक में अपना दम दिखाने वाले हैं.

अभिषेक सोनीपत के गांव भादी से ताल्लुक रखते हैं. लेकिन फिलहाल उनका परिवार सोनीपत शहर के मयूर विहार में रहते हैं. ओलंपिक में जाने से अभिषेक के परिवार में भी खुशी का माहौल है. 

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बच्चों में लग गई थी चोट 
आपको बता दें कि बचपन में महज तीसरी क्लास से ही अभिषेक को हॉकी खेलने का शौक था. लेकिन उस समय अभिषेक के हाथ में चोट लग गई थी. जिसके बाद उसके माता-पिता ने खेलने से मना कर दिया था. स्कूल के टीचर ने उन्हें लगातार खेलने की सलाह दी. जिसके बाद अभिषेक को महीने तक उपचार के लिए घर पर रखा गया और उपचार के बाद अभिषेक ने फिर हॉकी स्टिक उठा ली और उसके बाद अभिषेक ने पलट कर नहीं देखा. अभिषेक लगातार अच्छा खेलते रहे. इससे पहले अभिषेक एशियन गेम में गोल्ड मेडल जीतने वाली हॉकी टीम में भी अहम भूमिका निभा चुके हैं और अब अभिषेक ओलंपिक में अपना दम दिखाएंगे.

गोल्ड मेडल जीतना है सपना 
अभिषेक के माता-पिता ने बताया कि अभिषेक का सपना ही ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना है. अब वे अपने सपने के तरफ बढ़ चुके हैं. उनके पिता बताते हैं कि अभिषेक बचपन से ही हॉकी से प्यार करते थे. इतना ही नहीं वे अपने परिवार के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होते थे. यहां तक कि अभिषेक अपने भाई की शादी में भी शामिल इसलिए नहीं हुए थे क्योंकि उन्हें ओलंपिक की तैयारी करनी थी. पिता कहते हैं, “अभिषेक को ओलंपिक के लिए इस तरह का जुनून सवार था कि वह घर पर भी बहुत कम आता था और सिवाय खेल के उसे कुछ दिखाई नहीं देता था.” 

परिवार का कहना है कि अभिषेक इस बार देश के लिए गोल्ड जीतकर ही वापस आएगा. बता दें, अभिषेक के पिता बीएसएफ में रहकर देश की सेवा कर चुके हैं और उन्हें अपने बेटे की इस उपलब्धि पर उन्हें गर्व है.

परिवार को हो रहा है गर्व महसूस 
अभिषेक का परिवार अपने बेटे की इस उपलब्धि पर फूला नहीं समा रहा है. परिवार बताता है कि अभिषेक को कई बार हॉकी खेलने से मना किया गया लेकिन उसकी जिद्द के आगे किसी की नहीं चली. आज उन्हें अपने बेटे की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस हो रहा है. 

अभिषेक की मां ने बताया कि अभिषेक को खाने में सबसे ज्यादा चूरमा पसंद है. वे कहती हैं, “वह घर पर आकर चूरमा ही खाता है. उसे दिखावे की दुनिया बिल्कुल पसंद नहीं है और वह घर पर बिल्कुल सादी-वेशभूषा में ही रहना पसंद करता है और घर की मिठाइयों से भी वह दूरी बनाता है. बस चूरमा खाकर ही वह खुश रहता है.”

(पवन राठी की रिपोर्ट)