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17 June 1999...जब South Africa पर लगा था 'चोकर्स' का टैग, जानिए उस वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मैच में क्या हुआ था, कैसे Australia जीत गया था 

Australia और  South Africa Cricket Team के बीच 17 जून 1999 को वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मैच खेला गया था. आज हम आपको उस मुकाबले के बारे में बताते हैं, जिसे क्रिकेट के इतिहास में सबसे रोमांचक मैचों में से एक माना जाता है.

मैच टाई होने के बाद खुश हो गए थे ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी (फोटो ट्विटर) मैच टाई होने के बाद खुश हो गए थे ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी (फोटो ट्विटर)
हाइलाइट्स
  • ऑस्ट्रेलिया ने जीत के लिए 214 रनों का दिया था लक्ष्य

  • दो गेंद शेष रहते दक्षिण अफ्रीका की टीम हो गई थी ऑल आउट 

साउथ अफ्रीका की क्रिकेट टीम में एक से बढ़कर एक बल्लेबाज और गेंदबाज हुए हैं. फिर भी इस टीम को 'चोकर्स' कहा जाता है. आइए आज जानते हैं 'चोकर्स' क्या है और क्या हुआ था 17 जून 1999 को खेले गए वनडे विश्व कप के उस सेमीफाइनल मैच में जिसके बाद इस टीम पर 'चोकर्स' का टैग लग गया था? 

चोक शब्द से बना है चोकर्स 
चोकर्स वाला टैग चोक शब्द से बना है. जिसका मतलब है अहम मौकों पर अटक जाना या रुक जाना. बड़े मैचों में बिखर जाने के कारण इस धुरंधर टीम को चोकर्स कहा जाने लगा. साउथ अफ्रीका की टीम पर चोकर्स वाला ठप्पा भले ही 1999 विश्व कप सेमीफाइनल में मिली हार के बाद लगा लेकिन इस ठप्पे को मिलने की शुरुआत 1992 और 1996 के वर्ल्ड कप में मिली हार के बाद से हो गई थी.

गेंदबाजों ने किया था बेहतरीन प्रदर्शन
साल 1999 में 17 जून को इंग्लैंड के एजबैस्टन मैदान पर विश्व कप का सेमीफाइनल मुकाबला खेला गया था. उस समय की दो सबसे ताकतवर टीमों दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए इस मुकाबले को लांस क्लूजनर की पारी और उनके साथी एलन डोनाल्ड की गलती के लिए हमेशा याद किया जाएगा. मैच में दक्षिण अफ्रीका के कप्तान हैंसी क्रोन्ये ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग चुनी. उनका ये फैसला शुरुआत में सही साबित होता दिखा. गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया. ऑस्ट्रेलिया के टॉप ऑर्डर को तहस-नहस कर दिया. 68 के स्कोर तक कंगारू टीम के चार खिलाड़ी आउट हो चुके थे. इसके बाद माइकल बेवन ने अन्य खिलाड़ियों के साथ मिलकर किसी तरह टीम के स्कोर को 213 रनों तक पहुंचाया. इस तरह से अफ्रीका को जीत के लिए 214 रनों का लक्ष्य मिला.  

कर्स्टन और गिब्स ने दी थी अच्छी शुरुआत 
लक्ष्य को पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका टीम की शुरुआत अच्छी रही. गैरी कर्स्टन और हर्शल गिब्स ने पहले विकेट के लिए 48 रन जोड़े. इसके बाद शेन वॉर्न का जादू चला. वॉर्न ने लगातार ओवरों में दोनों खिलाड़ियों को चलता कर दिया. कप्तान के विकेट के साथ 61 रन तक चार विकेट गवांकर साउथ अफ्रीका की टीम मुश्किल में थी. जिसके बाद जैक कैलिस ने जोंटी रोड्स के साथ मिलकर पांचवें विकेट के लिए 84 रन जोड़े और टीम के स्कोर को 150 के पार पहुंचाया. इसके बाद फिर टीम ने लगातार अंतराल पर विकेट गंवाए और टीम का स्कोर नौ विकेट खोकर 198 रन हो गया. 

क्लूजनर थे मैदान पर
टीम मुश्किल में थी. लेकिन साउथ अफ्रीका के लिए राहत की बात ये थी कि टूर्नामेंट के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी लांस क्लूजनर अब भी क्रीज पर मौजूद थे. उनके साथ एलन डोनाल्ड थे. क्लूजनर ने टूर्नामेंट में 140 की औसत से रन बनाए थे और 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' चुने गए थे. सेमीफाइनल मुकाबले में भी वह दक्षिण अफ्रीका की आखिरी उम्मीद बने थे. टीम को जीत के लिए आखिरी आठ गेंद में 16 रन चाहिए थे. यहां क्लूजनर ने मैक्ग्रा के ओवर की पांचवीं गेंद पर छक्का जड़ दिया. फिर एक रन लेकर स्ट्राइक अपने पास रखी. 

आखिरी ओवर में चाहिए थे 9 रन 
दक्षिण अफ्रीका को आखिरी ओवर में जीत के लिए 9 रन चाहिए थे. ऑस्ट्रेलिया के लिए डेमियन फ्लेमिंग गेंदबाजी कर रहे थे. उनके ओवर की पहली दो गेंदों पर लांस क्लूजनर ने चौका जड़ दिया.अब मैच टाई हो गया था और लांस क्लूजनर स्ट्राइक पर थे, फ्लेमिंग के ओवर की 4 गेंदें बची हुईं थी. दक्षिण अफ्रीका के ड्रेसिंग रूम से लेकर दर्शक दीर्घा तक जश्न मनने लगा था. लेकिन, आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर जो हुआ उसने दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम को एक नया नाम दे दिया, 'चोकर्स' यानी अंतिम समय में हार मान लेने वाला. 

डोनाल्ड की एक गलती ने तोड़ दिया था सपना
डेमियन फ्लेमिंग के ओवर की तीसरी गेंद पर लांस क्लूजनर ने मिड ऑन पर तेज शॉट खेला लेकिन गेंद सीधे डेरेन लिमन के हाथों में पहुंची और नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े एलन डोनाल्ड रन आउट होते-होते रह गए थे. चौथी गेंद को लांस क्लूजनर स्ट्रेट खेलने के साथ ही रन लेने के लिए दौड़ पड़े. गेंद नॉन स्ट्राइकर एंड पर विकेट्स से लगकर मिड ऑफ पर गई, डोनाल्ड गेंद को देखते रह गए और क्लूजनर नॉन स्ट्राइक एंड पर जाकर खड़े हो गए थे. डोनाल्ड ने जब तक दौड़ लगाई तब तक काफी देर हो चुकी थी, वह रन आउट हो गए और मैच टाई हो गया था. इसके साथ ही ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम बेहतर रन औसत के आधार पर फाइनल में अपना स्थान पक्का कर चुकी थी.